Sunday, December 14, 2025
Home Blog Page 199

भारी बारिश के बीच Jammu Kashmir में Advisory जारी, अब 24 घंटे…

0

पुंछ: जिले में लगातार हो रही भारी बारिश और खराब मौसम के चलते एडवाइजरी जारी हुई है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) डॉ. परवेज अहमद खान ने सार्वजनिक स्वास्थ्य और सुरक्षा के मद्देनजर कई जरूरी दिशा-निर्देश जारी किए हैं। यह आदेश जिले में जनस्वास्थ्य और सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए जारी किया गया है।

CMO कार्यालय से जारी आदेश में कहा गया है :

  • जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थान 24×7 (दिन-रात) खुले रहेंगे ताकि किसी भी चिकित्सा आपात स्थिति से प्रभावी ढंग से निपटा जा सके।
  • जिला अस्पताल पुंछ के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट और मेंढर, सुरनकोट एवं मंडी के ब्लॉक मेडिकल ऑफिसरों को अपने-अपने क्षेत्रों में चिकित्सा एवं पैरा-मेडिकल स्टाफ की 100% उपस्थिति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
  • सभी एंबुलेंस पूरी तरह से तैयार हालत में रखी जाएंगी ताकि किसी भी आपातकालीन स्थिति में तुरंत सेवा दे सकें।
  • इस अवधि के दौरान किसी भी कर्मचारी को किसी भी प्रकार की छुट्टी नहीं दी जाएगी।
  • सभी स्वास्थ्य संस्थान, यहां तक कि उप-स्वास्थ्य केंद्र (AAM) स्तर तक, आम जनता को 24 घंटे स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध रहेंगे।
  • कोई भी कर्मचारी यदि अपनी ड्यूटी में लापरवाह या अनुपस्थित पाया गया, तो उसके खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

‘प्रधानमंत्री मोदी उपराष्ट्रपति को मनाएं, यही देशहित में…’, जगदीप धनखड़ के इस्तीफे पर बोले जयराम रमेश

0

नई दिल्लीः कांग्रेस ने सोमवार को कहा उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का त्यागपत्र समझ से परे है और उन्हें अपने इस फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए, क्योंकि यही राष्ट्रहित में होगा। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने उम्मीद जताई कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, धनखड़ को अपना मन बदलने के लिए मनाएंगे। धनखड़ ने सोमवार रात स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया।

रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, “उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति का अचानक इस्तीफा देना जितना चौंकाने वाला है, उतना ही समझ से परे भी। मैं आज शाम लगभग पांच बजे तक कई अन्य सांसदों के साथ उनके साथ था और शाम साढ़े सात बजे उनसे फोन पर बात की थी।” उन्होंने कहा, “इसमें कोई संदेह नहीं कि धनखड़ को अपने स्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता देनी होगी, लेकिन स्पष्ट रूप से उनके पूरी तरह से अप्रत्याशित इस्तीफे में जो दिख रहा है, उससे कहीं अधिक कुछ है। हालांकि, यह अटकलों का समय नहीं है।”

रमेश ने कहा, “धनखड़ ने सरकार और विपक्ष, दोनों को समान रूप से आड़े हाथों लिया। उन्होंने मंगलवार दोपहर एक बजे कार्य मंत्रणा समिति की बैठक तय की थी। वह कल न्यायपालिका से जुड़ी कुछ बड़ी घोषणाएं भी करने वाले थे।”

कांग्रेस महासचिव ने कहा, “हम उनके उत्तम स्वास्थ्य की कामना करते हैं, लेकिन उनसे अपने फैसले पर पुनर्विचार करने का भी अनुरोध करते हैं। हम यह भी उम्मीद करते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी, धनखड़ को अपना मन बदलने के लिए मनाएंगे। यही देशहित में होगा। विशेषकर कृषक समुदाय को काफी राहत मिलेगी।”

 

भारत का अगला उपराष्ट्रपति कौन? धनखड़ के इस्तीफे से उठे सवाल, जानें चुनाव की पूरी प्रक्रिया

0

नेशनल डेस्कः जगदीप धनखड़ के उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने के बाद उनके उत्तराधिकारी की नियुक्ति के लिए चुनाव ‘‘जल्द से जल्द” कराना होगा। संविधान के अनुच्छेद 68 के खंड दो के अनुसार, उपराष्ट्रपति की मृत्यु, इस्तीफे या उन्हें पद से हटाए जाने या अन्य किसी कारण से होने वाली रिक्ति को भरने के लिए चुनाव, रिक्ति होने के बाद “यथाशीघ्र” आयोजित किया जाएगा।

रिक्ति को भरने के लिए निर्वाचित व्यक्ति “अपने पदभार ग्रहण करने की तिथि से पांच वर्ष की अवधि तक” पद धारण करने का हकदार होगा। संविधान में इस पर कुछ नहीं कहा गया है कि उपराष्ट्रपति की मृत्यु या उनके कार्यकाल की समाप्ति से पहले त्यागपत्र देने की स्थिति में, या जब उपराष्ट्रपति भारत के राष्ट्रपति के रूप में कार्य करते हैं, तो उनके कर्तव्यों का निर्वहन कौन करेगा।

उपराष्ट्रपति देश का दूसरा सर्वोच्च संवैधानिक पद है। उनका कार्यकाल पांच वर्ष का होता है, लेकिन कार्यकाल समाप्त होने के बावजूद, वह तब तक पद पर बने रह सकते हैं, जब तक कि उनका उत्तराधिकारी पद ग्रहण न कर ले। संविधान में एकमात्र प्रावधान उपराष्ट्रपति के राज्यसभा के सभापति के रूप में कार्य के संबंध में है, जो रिक्ति की अवधि के दौरान उपसभापति या भारत के राष्ट्रपति द्वारा अधिकृत राज्यसभा के किसी अन्य सदस्य द्वारा किया जाता है। उपराष्ट्रपति राष्ट्रपति को त्यागपत्र सौंपकर अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं। इस्तीफा त्यागपत्र स्वीकार होने के दिन से प्रभावी हो जाता है।

उपराष्ट्रपति राज्यसभा के पदेन सभापति (उपराष्ट्रपति होने के नाते राज्यसभा के सभापति का पद धारण करते हैं) होते हैं और कोई अन्य लाभ का पद धारण नहीं करते हैं। किसी भी अवधि के दौरान जब उपराष्ट्रपति राष्ट्रपति के रूप में कार्य करते हैं या उसके कार्यों का निर्वहन करते हैं, तो वह राज्यसभा के सभापति के पद के कर्तव्यों का पालन नहीं करते हैं और राज्यसभा के सभापति को देय किसी भी वेतन या भत्ते के हकदार नहीं होते हैं। संविधान के अनुच्छेद 66 के मुताबिक, उपराष्ट्रपति का चुनाव संसद के दोनों सदनों के सदस्यों से मिलकर बने निर्वाचक मंडल के सदस्यों द्वारा आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के अनुसार एकल संक्रमणीय मत के माध्यम से किया जाता है।

उपराष्ट्रपति के रूप में कौन निर्वाचित हो सकता है : कोई व्यक्ति उपराष्ट्रपति के रूप में तब तक निर्वाचित नहीं हो सकता जब तक कि वह भारत का नागरिक न हो; 35 वर्ष की आयु पूरी न कर चुका हो, तथा राज्यसभा के सदस्य के रूप में निर्वाचित होने के लिए योग्य न हो। वह व्यक्ति भी पात्र नहीं है, जो भारत सरकार या राज्य सरकार या किसी अधीनस्थ स्थानीय प्राधिकरण के अधीन कोई लाभ का पद धारण करता हो।

आखिरकार केरल छोड़ चला जाएगा F-35 फाइटर जेट, आज होगी घर वापसी, यूके से उड़ान भरने की मिली मंजूरी!

0

नई दिल्लीः ब्रिटेन की ‘रॉयल नेवी’ का एफ-35बी लाइटनिंग लड़ाकू विमान मंगलवार को वापस स्वदेश के लिए उड़ान भरने के वास्ते पूरी तरह तैयार है। सूत्रों ने यह जानकारी दी। केरल के तिरुवनंतपुरम स्थित अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उक्त लड़ाकू विमान आपातकालीन स्थितियों में यहां उतरा था और यह तब से यहीं खड़ा है।

हवाईअड्डे के सूत्रों के अनुसार, ब्रिटेन के सबसे उन्नत ‘स्टील्थ’ बेड़े के इस ल़डाकू विमान की पूरी तरह से मरम्मत कर दी गई है। एक सूत्र ने बताया, ‘‘इसे अभी ‘हैंगर’ से बाहर लाया जा रहा है…लड़ाकू विमान मंगलवार को वापस उड़ान भरेगा।” हैंगर का मतलब एक तरह की संरचना होती है, जहां विमान रखे जाते हैं।

उन्होंने कहा कि अभी यह नहीं पता चला है कि यह किस समय वापसी के लिए उड़ान भरेगा। दुनिया के सबसे उन्नत लड़ाकू विमानों में से एक माने जाने वाले इस विमान की कीमत 110 मिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक है। तकनीकी खराबी आने के बाद से यह विमान 14 जून से यहां अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर खड़ा है। ब्रिटेन से विमानन से जुड़े अभियंता इसकी मरम्मत के लिए यहां पहुंचे थे।

सूत्र ने बताया कि ब्रिटेन का लड़ाकू विमान इन दिनों एयर इंडिया के ‘हैंगर’ में है। उन्होंने बताया कि विमान के यहां उतरने के शुल्क के अलावा हवाई अड्डे पर विमान के लिए दैनिक किराया और पार्किंग का शुल्क भी देना होगा। सूत्र ने कहा, ‘‘इसके रखरखाव के लिए लाए गए उपकरणों और चालक दल को दूसरी उड़ान से वापस भेजा जाएगा।”

कॉलेज के ऊपर गिरे सैन्य विमान के भयानक वीडियो आए सामने, बुरी तरह जले छात्र तड़पते-भागते नजर आए ! कई लोग मरने की आशंका

0

Dhaka: बांग्लादेश की राजधानी ढाका में सोमवार दोपहर एक बड़ा विमान हादसा हुआ, जिसने पूरे इलाके में अफरातफरी मचा दी। बांग्लादेश वायुसेना का एक  F-7 ट्रेनर जेट विमान राजधानी के उत्तरा इलाके में  माइलस्टोन कॉलेज  के पास  दियाबारी इलाके में क्रैश होकर गिर गया।यह हादसा स्थानीय समयानुसार करीब दोपहर 1:30 बजे और भारतीय समयानुसार करीब 1:00 बजे हुआ।

 

हजरत शाहजलाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट के एक वरिष्ठ अधिकारी ने घटना की पुष्टि की है। हादसे के बाद का दृश्य इतना भयावह था कि इलाके में मौजूद लोगों में भगदड़ मच गई और आसपास के घरों और कॉलेजों में दहशत फैल गई।

घटना के बाद से सोशल मीडिया पर कई वीडियो वायरल हो रहे हैं। प्रत्यक्षदर्शियों द्वारा शेयर किए गए इन वीडियो में काले धुएं का गुबार, मलबा और घबराए लोग साफ नजर आ रहे हैं। कई वीडियो क्लिप्स में घायल छात्रों और आम नागरिकों को एंबुलेंस में अस्पताल ले जाते हुए देखा जा सकता है।फिलहाल कितने लोग घायल हुए हैं, इसकी आधिकारिक जानकारी अभी तक नहीं दी गई है, लेकिन कई छात्रों और स्थानीय लोगों के जख्मी होने की खबरें हैं। सभी घायलों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।

 

वायुसेना ने हादसे की जांच के आदेश दे दिए हैं। अधिकारी जल्द ही इस हादसे के कारणों की विस्तृत रिपोर्ट जारी करेंगे। राहत और बचाव कार्य में पुलिस, फायर ब्रिगेड और एयरफोर्स की टीम जुटी हुई है। F-7 ट्रेनर विमान बांग्लादेश वायुसेना के प्रशिक्षण बेड़े का अहम हिस्सा है। इसे चीन में बनाया जाता है और इसका इस्तेमाल नए पायलटों को उड़ान की ट्रेनिंग देने के लिए होता है।  माइलस्टोन कॉलेज और उत्तरा का दियाबारी इलाका दिन के वक्त बेहद व्यस्त रहता है। हादसे के वक्त भी कॉलेज परिसर और आसपास की सड़कें लोगों से भरी थीं, जिससे कई लोग हादसे की चपेट में आ गए।

 

क्राइम कंट्रोल के लिए हाईटेक प्लान: 7 बड़े रेलवे स्टेशनों पर लगेंगे AI कैमरे, अब अपराध पर लगेगा ब्रेक

0

नेशनल डेस्क: भारत सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि वह देश के 7 बड़े रेलवे स्टेशनों पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पर आधारित फेस रिकॉग्निशन सिस्टम (FRS) लगाने की तैयारी कर रही है। इस कदम का मुख्य मक़सद महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों पर लगाम लगाना है।

किन शहरों में लगेंगे AI कैमरे?
पहले चरण में मुंबई CST और नई दिल्ली सहित 7 रेलवे स्टेशनों को शामिल किया जाएगा। बाकी स्टेशनों के नाम जल्द ही सामने आ सकते हैं। इसके अलावा, 8 शहरों – दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, अहमदाबाद, बेंगलुरु, हैदराबाद और लखनऊ – में पहले से ही ‘सेफ सिटी प्रोजेक्ट’ के तहत सुरक्षा के उपाय शुरू किए जा चुके हैं।

हाईटेक सिक्योरिटी प्लान में क्या-क्या?
गृह मंत्रालय (MHA) के मुताबिक, इन हाईटेक सिक्योरिटी प्लान में कई तकनीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिनमें ये शामिल हैं:
➤ फेशियल रिकॉग्निशन कैमरे
➤ ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रीडर
➤ स्मार्ट स्ट्रीट लाइटिंग
➤ ड्रोन से निगरानी
➤ सीसीटीवी सर्विलांस

रेलवे स्टेशनों का मौजूदा स्टेटस
IERMS (Integrated Emergency Response Management System) अब तक 499 रेलवे स्टेशनों पर एक्टिव है।
➤ कोंकण रेलवे ने अपने 67 स्टेशनों पर 740 CCTV कैमरे पहले ही लगा दिए हैं।
➤ अब अगले चरण में इन स्टेशनों पर भी AI आधारित फेस रिकॉग्निशन सिस्टम लगाए जाएंगे।

क्राइम रिपोर्ट क्या कहती है?
रिपोर्ट के मुताबिक, सीनियर एडवोकेट महालक्ष्मी पवनी ने कोर्ट को बताया कि महिलाओं के खिलाफ क्राइम रेट लगातार बढ़ रहा है:
➤ 2018 में 58.8 लाख केस दर्ज किए गए थे।
➤ 2022 में यह आंकड़ा बढ़कर 66.4 लाख हो गया है।
➤ 2022 में 23.66 लाख मामले कोर्ट में पेंडिंग थे, लेकिन इनमें से सिर्फ 38,136 मामलों में ही सज़ा हुई।

यूपी: बिजली निजीकरण के विरोध में होगा राष्ट्रव्यापी आंदोलन, इंजीनियर्स फेडरेशन की महासभा ने लिया फैसला

0
Privatisation of electricity in UP: यूपी में होने वाले बिजली के निजीकरण के खिलाफ पूरे प्रदेश में राष्ट्रव्यापी आंदोलन शुरू किया जाएगा। यह फैसला ऑल इंडिया पॉवर इंजीनियर्स फेडरेशन की महासभा में लिया गया।

उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र में हो रहे बिजली के निजीकरण के विरोध में राष्ट्रव्यापी आंदोलन चलता रहेगा। आंदोलन की तिथियां भी जल्द ही घोषित की जाएंगी। यह फैसला रविवार को लखनऊ में हुए ऑल इंडिया पॉवर इंजीनियर्स फेडरेशन की महासभा में लिया गया।देश के विभिन्न राज्यों से आए फेडरेशन के पदाधिकारियों ने कहा कि निजीकरण किसी भी हालत में स्वीकार नहीं किया जाएगा। इसलिए बिजली का निजीकरण रोका जाए। फेडरेशन ने उपभोक्ताओं से अपील की है कि वे अपने हित में बिजली कर्मियों के आंदोलन का समर्थन करें। निजीकरण की प्रक्रिया को रोकने में बिजली कर्मचारियों का साथ दें। इस दौरान यह भी मांग की गई कि ओबरा डी और अनपरा ई परियोजनाओं का ज्वांइन्ट वेंचर निरस्त कर उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम को दिया जाए। फेडरेशन के अध्यक्ष शैलेन्द्र दुबे ने कहा कि उत्तर प्रदेश में लगातार आंदोलन चल रहा है।

एक तरफ निजीकरण किया जा रहा है दूसरी तरफ 15 जुलाई को स्वतः संज्ञान लेते हुए उड़ीसा विद्युत नियामक आयोग ने टाटा पॉवर की चारो कंपनियों को उपभोक्ता सेवा में पूरी तरह विफल रहने के कारण नोटिस जारी कर दी है और जन सुनवाई का आदेश दिया है। मौके पर पी रत्नाकर राव, अशोक राव, पीएन सिंह, सत्यपाल, कार्तिकेय दुबे, संजय ठाकुर आदि ने संबोधित किया।

यूपी में धर्मांतरण: इस्लामिक राष्ट्र बनाने का था मंसूबा, बुतपरस्ती के खिलाफ बनाए वीडियो; एटीएस को मिले सुराग

0

आगरा अवैध धर्मांतरण सिंडीकेट में शामिल आरोपी सोशल मीडिया पर भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने की मुहिम चला रहे थे। वह बुतपरस्ती की खिलाफत करने के लिए पीएम मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पूजा पाठ करने के वीडियो भी डालकर बताते थे कि इस्लाम में मूर्ति पूजा वर्जित है। उनके पास से मिले संदेशों में कई मंदिरों का जिक्र भी है, जिन्हें मुस्लिम आक्रांताओं ने ध्वस्त किया था।

एटीएस और आगरा पुलिस की जांच में सामने आया है कि इस सिंडीकेट से जुड़े लोग सोशल मीडिया के अधिकतर प्लेटफाॅर्म पर खासा सक्रिय थे और हिंदू मान्यताओं और रीति-रिवाजों का विरोध करते थे। उनके तमाम ऐसे वीडियो पुलिस के हाथ लगे हैं, जो खासे आपत्तिजनक और भड़काऊ हैं। इनमें वह हिंदुस्तान को बर्बाद करने की धमकी देते नजर आ रहे हैं। एजेंसियों का मानना है कि यह अवैध धर्मांतरण के साथ कट्टरपंथी विचारधारा के प्रचार-प्रसार की सुनियाेजित साजिश का हिस्सा है। 

UP Weather : तराई वाले जिलों में आज भारी बारिश की चेतावनी, कई इलाकों में बाढ़ के हालात; प्रशासन अलर्ट

0

Monsoon IN UP: यूपी में बरसात का दौर जारी है। मौसम विभाग ने सोमवार के लिए अलर्ट जारी किया है।

उत्तर प्रदेश में जुलाई के पहले पंद्रह दिनों में अच्छी मानसूनी बारिश देखने को मिली। तराई और दक्षिणी यूपी के कई जिलों में बाढ़ जैसी परिस्थितियां बन गई हैं। बीते तीन चार-दिनों में मानसून के धीमा पड़ने के बाद पश्चिमी तराई में फिर से इसकी सक्रियता बढ़ती दिख रही है। मौसम विभाग की ओर से सोमवार को सहारनपुर, शामली, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, मुरादाबाद और आसपास के इलाकों में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।

वहीं बागपत, मेरठ, अमरोहा, रामपुर, बरेली और आसपास के इलाकों में भी अच्छी बारिश के आसार हैं। साथ ही 56 जिलों में गरज चमक के साथ आकाशीय बिजली गिरने की आशंका है। रविवार को प्रदेश के पूर्वी हिस्सों गोरखपुर, महराजगंज, कुशीनगर आदि में हल्की बूंदाबांदी देखने को मिली। आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र लखनऊ के वरिष्ठ वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह ने बताया कि सोमवार को प्रदेश के पश्चिम तराई इलाकों में अच्छी बारिश के संकेत हैं।

यहां है भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट

सहारनपुर, शामली, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, मुरादाबाद और आसपास के इलाकों में।

गरज चमक के साथ वज्रपात होने की संभावना

बांदा, चित्रकूट, कौशाम्बी, प्रयागराज, फतेहपुर, सोनभद्र, मिर्जापुर, देवरिया, गोरखपुर, संत कबीर नगर, बस्ती, कुशीनगर, महाराजगंज, सिद्धार्थ नगर, गोंडा, बलरामपुर, श्रावस्ती, बहराइच, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, हरदोई, फर्रुखाबाद, कानपुर देहात, सहारनपुर, शामली, मुजफ्फरनगर, बागपत, मेरठ, गाजियाबाद, हापुड़, गौतम बुद्ध नगर, बुलंदशहर, अलीगढ़, मथुरा, हाथरस, कासगंज, एटा, आगरा, फिरोजाबाद, मैनपुरी, इटावा, औरैया, बिजनौर, अमरोहा, मुरादाबाद, रामपुर, बरेली, पीलीभीत, शाहजहांपुर, संभल, बदायूं, जालौन, हमीरपुर, महोबा, झांसी, ललितपुर व आसपास के इलाकों में।

Parliament Monsoon Session: 60 साल पुराना आयकर कानून बदलेगा, आज लोकसभा में पेश होगी संसदीय समिति की रिपोर्ट

0

संसद का मानसून सत्र आज से शुरू होने वाला है। सरकार का पूरा ध्यान आयकर विधेयक 2025 पर है, जिसे 13 फरवरी को बजट सत्र के दौरान लोकसभा में पेश किया गया था। संसद की मंजूरी मिलने पर यह छह दशक पुराने आयकर अधिनियम की जगह लेगा। आयकर विधेयक को संसद की प्रवर समिति ने संशोधनों के साथ स्वीकार कर लिया है और इसकी समीक्षा रिपोर्ट आज लोकसभा में पेश की जाएगी। बैजयंत पांडा की अध्यक्षता वाली 31 सदस्यीय प्रवर समिति को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने नए आयकर विधेयक, 2025 की समीक्षा के लिए नियुक्त किया था। समिति ने 285 सुझाव दिए हैं और 16 जुलाई को हुई अपनी बैठक में नए आयकर विधेयक, 2025 पर रिपोर्ट को अपनाया।

आकार में आधा रह जाएगा आयकर कानून
सरलीकृत आयकर विधेयक आकार के लिहाज से 1961 के आयकर अधिनियम का करीब आधा है, मुकदमेबाजी और नई व्याख्या के दायरे को कम करके कर निश्चितता प्राप्त करने का प्रयास करता है। लोकसभा में पेश नए विधेयक में कुल शब्दों की संख्या घटकर 2.6 लाख रह गई है, जो मौजूदा आयकर अधिनियम के 5.12 लाख शब्दों की तुलना में काफी कम है। इसमें धाराओं की संख्या 536 है, जबकि मौजूदा कानून में 819 धाराएं प्रभावी हैं।

1200 प्रावधान और 900 स्पष्टीकरण हटाए गए
आयकर विभाग की तरफ से जारी एफएक्यू के मुताबिक, इसमें अध्यायों की संख्या 47 से घटाकर 23 कर दी गई है। आयकर विधेयक-2025 में 57 तालिकाएं हैं, जबकि मौजूदा अधिनियम में 18 थीं। इसमें 1,200 प्रावधान और 900 स्पष्टीकरण हटा दिए गए हैं। छूट और टीडीएस/टीसीएस से संबंधित प्रावधानों को सारणीबद्ध प्रारूप में रखकर विधेयक में और अधिक स्पष्ट किया गया है, जबकि गैर-लाभकारी संगठनों के लिए अध्याय को सरल भाषा के प्रयोग के साथ व्यापक बनाया गया है। इसके चलते शब्दों की संख्या में 34,547 की कमी आई है।

कर आकलन वर्ष की अवधारणा खत्म की
करदाताओं के हित में एक कदम उठाते हुए नया विधेयक आयकर अधिनियम, 1961 में उल्लिखित पिछले वर्ष शब्द के स्थान पर कर वर्ष शब्द का प्रयोग करता है। साथ ही, कर आकलन वर्ष की अवधारणा को भी समाप्त कर दिया गया है। अभी, पिछले वर्ष (मान लीजिए 2023-24) में अर्जित आय पर, कर आकलन वर्ष (मान लीजिए 2024-25) में भुगतान किया जाता है। इस सरलीकृत विधेयक में पिछले वर्ष और कर आकलन वर्ष (एवाई) की अवधारणा को हटा दिया गया है और केवल कर वर्ष को ही शामिल किया गया है। आयकर विधेयक के अलावा भी सरकार एक महीने तक चलने वाले मानसून सत्र के दौरान आठ नए विधेयक पेश करने वाली है। इस दौरान कुछ अन्य लंबित विधेयकों पर भी चर्चा होगी।

मानसून सत्र के दौरान ये विधेयक किए जाएंगे पेश 

  1. मणिपुर वस्तु एवं सेवा कर (संशोधन) विधेयक 2025
  2. जन विश्वास (प्रावधानों का संशोधन) विधेयक 2025
  3. भारतीय प्रबंधन संस्थान (संशोधन) विधेयक 2025
  4. कराधान कानून (संशोधन) विधेयक 2025
  5. भू-विरासत स्थल और भू-अवशेष (संरक्षण और रखरखाव) विधेयक 2025
  6. खान और खनिज (विकास और विनियमन) संशोधन विधेयक 2025
  7. राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक 2025
  8. नेशनल एंटी-डोपिंग संशोधन विधेयक 2025

कारोबारी सुगमता सुनिश्चित करेगा जन विश्वास विधेयक
संसद में पेश होने वाले जन विश्वास (प्रावधानों का संशोधन) विधेयक 2025 का उद्देश्य कारोबारी सुगमता और नियामक अनुपालन में सुधार करना है। इसके अलावा, मणिपुर में राष्ट्रपति शासन को हर छह महीने में संसद की मंजूरी की आवश्यकता होगी, इसलिए इसके विस्तार के लिए भी एक विधेयक लाया जाएगा। संसद में गोवा राज्य के विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में अनुसूचित जनजातियों का प्रतिनिधित्व विधेयक, 2024 पर भी चर्चा होगी।