औरैया। शासन का मोटे अनाज पर डोर पर है। धरातल पर भी इसका असर दिखने लगा है। जिले में धान की फसल के रकबे में पिछले साल के मुकाबले 10 हजार हेक्टेयर की गिरावट आई है।वहीं, बाजरा व मक्के की फसल इस अतिरिक्त रकबे में लहलहाएगी। कृषि विभाग की ओर से तय लक्ष्य के सापेक्ष बीज का भी वितरण कराया गया है। जनपद में खरीफ सीजन को लेकर धान का रकबा अच्छा खासा है। सिंचाई की व्यवस्था दुरुस्त होने से साल दर साल में इसमें बढ़ोतरी हुई है, लेकिन अब शासन का फोकस मोटे अनाज पर है। ऐसे में धान के साथ-साथ मक्का व बाजरे के उत्पादन पर जोर दिया जा रहा है।साल 2024 में धान का रकबा 85000 हेक्टेयर था। मौजूदा साल में धान का रकबा 75000 हेक्टेयर रखा जाना है। इसके सापेक्ष बीज का भी वितरण हुआ है। वहीं बाजरा व मक्के में पांच-पांच हजार हेक्टेयर की बढ़ोतरी की गई है। बाजरा आदि मोटे अनाज व दलहनी फसलों का भी रकबा बढ़ाया गया है। धान के रकबे में गिरावट के आंकड़े अन्य फसलों के लिए शुभ संकेत दे रहे हैं।
फसल 2024 का रकबा 2025 का लक्ष्य (हेक्टेयर में)
धान 85000 75000
बाजरा 30495 35809
मक्का 8973 14604
जिले में मोटे अनाज पर विशेष फोकस है। धान का उत्पादन अच्छा खासा है। इसके साथ ही अन्य फसलों के रकबे में बढ़ोतरी कर उनका भी उत्पादन बढ़ाने का प्रयास चल रहा है। आगामी खरीफ सीजन के फसल सर्वे में यह तस्वीर स्पष्ट भी हो जाएगी।
-शैलेंद्र कुमार वर्मा, जिला कृषि अधिकारी

