Sunday, December 14, 2025
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UP : राजधानी की हवा उम्मीद से ज्यादा बीमार, दिवाली बाद एक्यूआई 400 के पार; जानें ‘सांसों’की सच्चाई

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लखनऊ में एक सर्वे के अनुसार-अलीगंज, अमीनाबाद, चौक और विकासनगर जैसे घनी आबादी वाले इलाके सबसे ज्यादा प्रभावित रहे। औद्योगिक क्षेत्र तॉलकटोरा में भी प्रदूषण का स्तर भयावह रूप ले चुका है।राजधानी लखनऊ की हवा अब गंभीर रूप से प्रदूषित हो चुकी है। बढ़ती आबादी, बढ़ते वाहन और दीवाली पर छोड़े गए पटाखों ने शहर की सांसें थाम दी हैं। रिमोट सेंसिंग एप्लिकेशन सेंटर ( आरएसएसी) के वैज्ञानिकों की ओर से किए गए पोस्ट-मानसून सर्वे में खुलासा हुआ है कि शहर की आबोहवा बेहद बीमार है और सिर्फ छह एक्यूआई सेंटरों से इसे मापना नाकाफी है।

282 जगहों पर मापी गई हवा, कई इलाकों में हवा जहरीली

वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. सुधाकर शुक्ला की अगुवाई में वैज्ञानिकों की टीम डॉ. राजीव, नीलेश, पल्लवी, ममता, वैभव, शाश्वत, सौरभ और सुजीत ने 21 से 24 अक्तूबर के बीच पूरे शहर के 110 वार्डों और 8 जोनों में 282 स्थानों पर पोस्ट-मानसून हवा की गुणवत्ता जांची। साथ ही जिओ-सपैशियल तकनीक के जरिए मानचित्रीकरण किया ।

पोर्टेबल एक्यूआई डिटेक्टर से जुटाए गए आंकड़ों में सामने आया कि पोस्ट-मानसून और दीवाली के बाद कई इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 400 से ऊपर पहुंच गया। यह स्तर स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक माना जाता है। दिवाली के दिन और इसके अगले दिन के जलाए गए पटाखों की वजह से राजधानी में शोर का स्तर 893 डेसिबल तक पहुंच गया। शोर का यह भयावह स्तर बुजुर्गो, दिल के मरीजों और पशु-पक्षियों के लिए बेहद घातक है।

 

500 वर्ग किलोमीटर में 40 लाख लोग- हवा पर बढ़ रहा दबाव

लखनऊ अब लगभग 500 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला है और यहां 40 लाख से ज्यादा आबादी निवास करती है। उद्योगों के साथ ही सड़कों पर वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ी है। अनियंत्रित निर्माण कार्यों ने हवा की गुणवत्ता को लगातार बिगाड़ा है।

दिवाली पर हरे भरे कैंट की भी हवा हुई खराब

सर्वे के मुताबिक अलीगंज, अमीनाबाद, चौक और विकासनगर जैसे घनी आबादी वाले इलाके सबसे ज्यादा प्रभावित रहे। औद्योगिक क्षेत्र तॉलकटोरा में भी प्रदूषण का स्तर भयावह रूप ले चुका है। आश्चर्यजनक रूप से, अब तक ”साफ हवा” वाला इलाका माने जाने वाले कैंट एरिया की स्थिति भी अब पहले जैसी नहीं रही।

कृत्रिम बारिश का विचार सवालों के घेरे में, बच्चों के लिए है घातक

राजधानी दिल्ली समेत कई राज्यों की सरकारों की ओर से प्रदूषण घटाने के लिए कृत्रिम बारिश के विकल्प पर विचार किया जा रहा है।
वैज्ञानिकों ने चेताया कि प्रदूषण घटाने के लिए ”सिल्वर आयोडाइड” रसायन से कृत्रिम बारिश कराने का तरीका अपनाना बच्चों के लिए घातक साबित हो सकता है। यह खतरनाक कंपाउंड मिट्टी, पानी और वातावरण में स्थाई तौर पर जमा होकर इसे दूषित कर त्वचा और श्वास संबंधी रोगों व समस्याओं को बढ़ा सकता है।

बनाने होंगे ज्यादा एक्यूआई मॉनीटरिंग सेंटर

शोध के बाद रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि सिर्फ छह वायु गुणवत्ता मापक केंद्रों से नहीं, बल्कि शहर के अधिक से अधिक इलाकों में नए एक्यूआई मॉनिटरिंग सेंटर लगाए जाएं। वैज्ञानिकों का मानना है कि इससे हर वार्ड की असली वायु प्रदूषण की स्थिति की सटीक तस्वीर सामने आएगी। साथ ही आम लोगों को भी प्रदूषण रोकथाम के लिए सजग और साक्षर बनना होगा। औद्योगिक उत्सर्जन, वाहनों के प्रदूषण की जांच, सही ट्रैफिक व्यवस्था, दिवाली पर पटाखों का सीमित उपयोग, हरियाली को और बढ़ाना होगा।

हंसी-खुशी निकला परिवार… शाम को मौत की खबर मिली, लोग बोले- यकीन नहीं हो रहा

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बाराबंकी के देवा-फतेहपुर मार्ग पर हुए भीषण सड़क हादसे में छह लोगों की मौत हो गई। हादसे का शिकार हुआ परिवार बिठूर गंगा-दर्शन के लिए निकला था। शाम को उनकी मौत की खबर पहुंची।बाराबंकी के देवा-फतेहपुर मार्ग पर हुए भीषण सड़क हादसे में पति-पत्नी सहित आठ लोगों की मौत हो गई। दुर्घटनास्थल पर छह की जबकि दो की इलाज के दौरान ट्रामा सेंटर में मौत हुई। सोमवार की सुबह मौलवीगंज निवासी सराफा व्यापारी प्रदीप रस्तोगी अपने परिवार के साथ बिठूर गंगा स्नान को निकले थे। पड़ोसी बताते हैं, वे बेहद प्रसन्न थे और कहते हुए निकले थे गंगा मैया के दर्शन करके शाम तक लौट आएंगे। लेकिन शाम ढलते-ढलते उनके लौटने की खबर नहीं, बल्कि उनके और परिवार के लोगों की मौत की सूचना पहुंची।

हादसे की खबर जैसे ही फतेहपुर कस्बे में पहुंची, कई लोग रस्तोगी परिवार के घर की ओर दौड़े। मगर वहां पहुंचकर देखा तो घर पर ताला लटक रहा था। कोई यकीन नहीं कर पा रहा था कि सुबह हंसी-खुशी निकला परिवार कैसे दर्दनाक हादसे का शिकार हो गया। फतेहपुर और मौलवीगंज में देर रात तक मातम पसरा रहा। दुकानों के शटर बंद घर के बाहर देर रात तक रिश्तेदारों और परिचितों की भीड़ रही। महिलाएं रो-रोकर बेसुध थीं।प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, ट्रक इतनी तेज रफ्तार से आ रहा था कि ब्रेक लगाने के बाद भी वह कुछ दूर तक घिसटता चला गया। हादसे के बाद चालक ट्रक छोड़कर भाग निकला। पुलिस ने ट्रक को कब्जे में लेकर चालक की तलाश शुरू कर की। एसपी अर्पित विजयवर्गीय ने बताया कि मृतकों की पहचान कर परिजनों को सूचना दी गई है। ट्रक चालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। घटना के बाद रस्तोगी परिवार के घर पर लोगों का तांता लग गया।

था पूरा मामला: आमने-सामने हुई टक्कर
देवा-फतेहपुर मार्ग पर कल्याणी नदी पुल के पास संकरे मांर्ग पर सोमवार रात तेज रफ्तार ट्रक और अर्टिगा कार की आमने-सामने टक्कर हो गई। हादसे में सराफा कारोबारी, पत्नी और दो पुत्रों समेत छह लोगों की मौत हो गई। कार सवार दो लोग गंभीर रूप से घायल हुए। जिनकी इलाज के दौरान ट्रामा सेंटर में मौत हुई। टक्कर इतनी जोरदार थी कि कार के परखचे उड़ गए। हादसे के बाद सड़क पर रात 10 बजे तक वाहनों की लंबी कतार लगी रही। डीएम शशांक त्रिपाठी व एसपी अर्पित विजयवर्गीय देर रात तक मौके पर जमे रहे।हादसे में प्रदीप रस्तोगी, पत्नी माधुरी रस्तोगी (52), पुत्र नितिन रस्तोगी (30), कृष्ण रस्तोगी (15), खड़ेहरा निवासी चालक श्रीकांत (40) व मोहम्मदपुर खाला निवासी बालाजी (45) की मौके पर ही मौत हो गई। कार में सवार मोहम्मदपुर खाला निवासी इंद्र कुमार (60) व विष्णु गंभीर रूप से घायल हो गए। दोनों को स्थानीय लोगों की मदद से जिला अस्पताल पहुंचाया गया, जहां से डॉक्टरों ने उन्हें लखनऊ ट्रॉमा सेंटर रेफर कर दिया। दोनों घायलों ने भी इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।

टक्कर से हुआ जोरदार धमाका: जैसे ही कल्याणी नदी पुल के पास रात करीब साढ़े नौ बजे ट्रक और अर्टिगा में आमने-सामने टक्कर हुई, तो पूरे इलाके में जोरदार धमाका हुआ। कुछ ही मिनटों में राहगीर और ग्रामीण मौके पर पहुंचे, लेकिन नजारा देखकर हर कोई सहम गया। कार का अगला हिस्सा बुरी तरह पिचक गया था और उसमें शव फंसे पड़े थे

यूपी पंचायत चुनाव: तय हुई ग्राम प्रधान, जिला पंचायत अध्यक्ष के खर्च की सीमा, इससे ज्यादा नहीं कर सकेंगे खर्च

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UP Panchayat Elections: यूपी पंचायत चुनाव में प्रत्याशियों की खर्च सीमा तय हो गई। राज्य निर्वाचन आयोग ने इसके लिए अधिकतम सीमा जारी कर दी है। दूसरी ओर प्रदेश में आज से एसआईआर शुरू हो जाएगा। राज्य निर्वाचन आयोग ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए विभिन्न स्तरों के प्रत्याशियों के लिए अधिकतम व्यय की सीमा तय कर दी है। ग्राम प्रधान अधिकतम सवा लाख रुपये खर्च कर सकेंगे। सदस्य ग्राम पंचायतों के लिए अधिकतम सीमा 10 हजार रुपये तय की गई है।

क्षेत्र पंचायत सदस्य अधिकतम एक लाख रुपये, जिला पंचायत सदस्य 2.5 लाख रुपये, क्षेत्र पंचायत प्रमुख 3.5 लाख रुपये और जिला पंचायत अध्यक्ष अधिकतम 7 लाख रुपये खर्च कर सकेंगे। इसी तरह से अलग-अलग वर्गों के लिए पर्चा खरीदने और जमानत की राशि भी निर्धारित कर दी गई है।प्रदेश में आज से शुरू होगी एसआईआर की प्रक्रिया

उत्तर प्रदेश में मंगलवार से विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रारंभ होगा। इसमें बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) 4 नवंबर से 4 दिसंबर के बीच कुल 15.44 करोड़ मतदाताओं के पतों पर जाएंगे। बीएलओ, मतदाताओं को भरने के लिए गणना फॉर्म दो प्रतियों में देंगे। वहीं, एक फॉर्म मतदाताओं से साइन करवाकर अपने पास रखेंगे। बीएलओ कम से कम 3 बार मतदाता के घर जाकर गणना प्रपत्र वितरण और इन्हें संग्रह करने का काम करेंगे।

 

गणना प्रपत्र में मतदाता का नाम, एपिक संख्या, भाग संख्या, क्रम संख्या, विधानसभा क्षेत्र का नाम और राज्य की प्रविष्टियां पहले से ही भरी होंगी। फोटो भी पहले से छपा होगा। हालांकि, मतदाता अपने नवीनतम पासपोर्ट साईज फोटो भी गणना प्रपत्र पर चस्पा कर सकते हैं। मतदाता गणना प्रपत्र में विवरणों को भरने में बीएलओ की मदद ले सकते हैं।

 

मतदाता चुनाव आयोग के पोर्टल voters.eci.gov.in से वर्ष 2003 की मतदाता सूची में अपना या अपने संबंधी का नाम देख सकते हैं। इसका विवरण भी गणना प्रपत्र में भर सकते हैं। गणना प्रपत्र वितरण एवं संग्रहण के दौरान मतदाताओं को किसी प्रकार का कोई दस्तावेज नहीं देना है। जो मतदाता गणना प्रपत्र भरकर अपना विवरण बीएलओ के पास जमा करेंगे, उन मतदाताओं का नाम ड्राफ्ट मतदाता सूची में शामिल किया जाएगा।

 

विधानसभा क्षेत्रों की मतदाता सूचियों के प्रारूप का प्रकाशन 9 दिसंबर को होगा। इन पर दावे और आपत्तियां प्राप्त करने की अवधि 9 दिसंबर से 8 जनवरी तक रहेगी। नोटिस का चरण 9 दिसंबर से 31 जनवरी तक चलेगा। इसमें नोटिस जारी करने, सुनवाई और सत्यापन, गणना प्रपत्रों पर निर्णय और दावे व आपत्तियों का निस्तारण होगा। मतदाता सूचियों का अंतिम प्रकाशन 7 फरवरी को होगा। निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी के निर्णय से क्षुब्ध किसी मतदाता की ओर से दाखिल की गई प्रथम अपील की सुनवाई जिला मजिस्ट्रेट करेंगे और जिला मजिस्ट्रेट के निर्णय के विरुद्ध द्वितीय अपील की सुनवाई प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी करेंगे

Etawah: सोशल मीडिया पर वायरल फोटो देख मां बोली…यह तो मेरा खोया हुआ बेटा, पुलिस ने शुरू की जांच

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सोशल मीडिया पर एक युवक के वायरल वीडियो को देख लखना की महिला ने चार साल से लापता अपने पुत्र से शक्ल मिलने का दावा किया। पुलिस मामले की जानकारी में जुटी है। लखना कस्बे के मोहल्ला कहारान निवासी गिरजेश बाबू बिजली विभाग में कैशियर पद पर तैनात हैं। गिरजेश बाबू का पुत्र सोम (12), 30 जून 2021 को सुबह 10 बजे घर के बाहर खेलते से अचानक लापता हो गया था। बालक के लापता होने के कुछ दिन बाद ही उसके घर के बाहर बालक की रिहाई के लिए एक फिरौती पत्र भी चस्पा मिला था। हालांकि पुलिस की जांच में चस्पा पत्र फर्जी निकला था।

उस समय पुलिस हरकत में आई और लापता बालक का मामला अपहरण में दर्ज कर उसकी काफी खोजबीन की लेकिन उसका कोई सुराग नहीं लगा। इसके बाद क्षेत्रीय विधायक राघवेन्द्र गौतम ने सोम अपहरण कांड का मामला विधानसभा में भी उठाया था। इसके बावजूद पुलिस प्रशासन यह जानकारी नहीं कर पाया कि सोम कहां है। गिरजेश बाबू के अपह्रत पुत्र सोम की घटना में चार वर्ष चार माह बाद दिलचस्प मोड़ आया है। तीन दिन पूर्व अपह्रत सोम की मां रेखा देवी मोबाइल फोन पर सोशल साइट देख रही थी। इसमें वह सनोज कुमार यादव की आइडी पर पोस्ट की गई फोटो को देखकर वह चौंक गई। इसमें 14 वर्षीय किशोर और 15 वर्षीय किशोरी की शादी की फोटो वायरल की गई थी।रेखा देवी ने वायरल की गई फोटो हूबहू उसके लापता बालक सोम से मिलने का दावा किया है। हालांकि संवाद न्यूज एजेंसी वायरल फोटो की पुष्टि नहीं करती है। अपहृत सोम की मां रेखा देवी को उम्मीद जगी कि उनका पुत्र जिंदा है। रेखा देवी ने फेसबुक आईडी से उसका नंबर लेकर बात की तो उसने कोई उत्तर नहीं दिया। उल्टा उसने रेखा देवी को धमकाया कि वह उसके पीछे न पड़े अन्यथा ठीक नहीं रहेगा। इसके बाद पीड़ित मां ने अपने लापता बच्चे की बरामदगी के लिए पुलिस से गुहार लगाई। थानाध्यक्ष विपिन मलिक ने बताया कि यह मामला उनके संज्ञान में आया है। जिस व्यक्ति की आइडी से फोटो डाली गई है उसकी डिटेल ली जा रही है। जल्द ही मामले की जांच कर सच्चाई का पता लगाया जाएगा।

Kanpur: ऋषिकांत को भारी पड़ी अखिलेश की दरबारी, कब आएगी बाकी की बारी…बनाई थी 100 करोड़ की कंस्ट्रक्शन कंपनी

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कानपुर में अखिलेश दुबे प्रकरण में सोमवार को डिप्टी एसपी ऋषिकांत शुक्ला के निलंबन के तौर पर अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई हुई है। इससे पहले अखिलेश के करीबी रहने के आरोप में इंस्पेक्टर आशीष द्विवेदी को निलंबित किया गया था। उस पर पुलिस कार्यालय में स्थित शिकायत प्रकोष्ठ में तैनाती के दौरान भाजपा नेता रवि सतीजा को अखिलेश दुबे के कार्यालय तक पहुंचाने का आरोप लगा था।

हालांकि, अखिलेश के करीबी रहे लखनऊ में तैनात डिप्टी एसपी विकास पांडेय, हरदोई में डिप्टी एसपी संतोष कुमार सिंह, केडीए वीसी के पीए रहे महेंद्र कुमार सोलंकी (वर्तमान बस्ती में तैनात) और कश्यप कांत दुबे पर कार्रवाई होनी बाकी है। सभी पर साकेतनगर के अखिलेश दुबे का दरबारी होने का आरोप है। अखिलेश के करीबी रहे सीओ और केडीए कर्मियों पर आरोप लगने के बाद एसआईटी ने दो बार सामने पेश होकर अपना पक्ष रखने के लिए नोटिस भेजा था।

सौ करोड़ से भी ज्यादा का टर्नओवर
हालांकि इनमें से किसी ने भी एसआईटी के सामने आकर अपना पक्ष नहीं रखा। इन लोगों को डर था कि कहीं अखिलेश दुबे और इंस्पेक्टर सभाजीत की तरह उन्हें भी पूछताछ के बाद गिरफ्तार न कर लिया जाए। आरोप थे कि यह सभी लोग सरकारी कर्मचारी होने के बाद भी अखिलेश दुबे के साथ मिलकर जमीनों का कारोबार कर रहे थे। इतना ही नहीं बाकायदा कंपनी बनाकर अपने परिजनों के नाम पर कारोबार कर रहे थे। एक कंपनी सामने आई है, इसमें सौ करोड़ से भी ज्यादा का टर्नओवर है।

बिहार चुनाव बना यूपी का ‘सियासी रिहर्सल’, योगी-केशव बनाम अखिलेश में शह-मात का खेल शुरू

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लखनऊ/पटना: बिहार विधानसभा चुनाव का रण इस बार केवल पटना तक सीमित नहीं है इसकी गूंज लखनऊ तक सुनाई दे रही है। उत्तर प्रदेश की सत्ता के दो बड़े चेहरे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य बिहार में डेरा डाले हुए हैं। वहीं दूसरी ओर, सपा प्रमुख अखिलेश यादव भी महागठबंधन के प्रचार में पूरी ताकत झोंक चुके हैं। सवाल यह है कि क्या बिहार की यह लड़ाई असल में यूपी के सियासी एजेंडे को सेट करने का मैदान बन गई है?

 

यूपी से सटी सीटों पर चुनावी जंग

बिहार की करीब तीन दर्जन विधानसभा सीटें उत्तर प्रदेश की सीमा से सटी हैं। इनमें सारण, सीवान, गोपालगंज, भोजपुर, कैमूर, बक्सर, रोहतास और पश्चिम चंपारण जैसे जिले शामिल हैं, जिनकी सीमाएं यूपी के महाराजगंज, देवरिया, बलिया, गाजीपुर और सोनभद्र जिलों से लगती हैं। भोजपुरी भाषा, समान संस्कृति और जातीय समीकरणों के कारण इन इलाकों की राजनीति का असर दोनों राज्यों में दिखता है। इसलिए पहले चरण में होने वाले चुनावों में यूपी नेताओं की भारी मौजूदगी है।

 

योगी–केशव की फील्ड मैनेजमेंट से लेकर अखिलेश के पीडीए फॉर्मूले तक

पिछले एक हफ्ते से सीएम योगी आदित्यनाथ बिहार में लगातार सभाएं कर रहे हैं। उनके साथ यूपी बीजेपी के चार दर्जन से अधिक वरिष्ठ नेता भी प्रचार में जुटे हैं। वहीं केशव प्रसाद मौर्य जमीनी स्तर पर एनडीए के प्रचार की कमान संभाल रहे हैं। योगी की सभाओं में आक्रामक हिंदुत्व की झलक साफ दिखाई देती है। खासतौर पर उन सीमावर्ती जिलों में जहां राजपूत मतदाता निर्णायक भूमिका निभाते हैं। वहीं दूसरी ओर, सपा प्रमुख अखिलेश यादव महागठबंधन के लिए प्रचार में उतरे हैं। उन्होंने छपरा में भोजपुरी स्टार खेसारी लाल यादव की सभा से प्रचार की शुरुआत की। अखिलेश अपने ‘पीडीए – पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक’ फॉर्मूले के साथ वोट बैंक को एकजुट करने की कोशिश में हैं।

 

नेता दर नेता, हमला दर हमला

अखिलेश के मैदान में उतरते ही यूपी बीजेपी नेताओं ने तीखे हमले शुरू कर दिए। केशव प्रसाद मौर्य ने व्यंग्य करते हुए कहा, “यूपी की पार्टी, बिहार में प्रचार। न उम्मीदवार, न जमीन, फिर भी अहंकार का यकीन!” योगी आदित्यनाथ ने भी सीवान की रैली में बिना नाम लिए तंज कसा, “इंडिया गठबंधन के तीन बंदर हैं – पप्पू, टप्पू और अप्पू। एक सच बोल नहीं सकता, दूसरा सच देख नहीं सकता और तीसरा सच सुन नहीं सकता।” अखिलेश यादव ने जवाब में कहा, “ओसामा का मतलब शेर होता है, नाम बदलने वाले अब इसे ‘शेर सिंह’ कर देंगे क्या?”

 

बिहार से सेट होगा यूपी का एजेंडा?

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि बिहार चुनाव का असर पूर्वांचल और यूपी की राजनीति पर सीधा पड़ेगा। यदि एनडीए को जीत मिलती है तो इससे बीजेपी को यूपी सहित आने वाले राज्यों के चुनाव में बढ़त मिलेगी। लेकिन अगर महागठबंधन को सफलता मिलती है, तो विपक्षी खेमे में नई ऊर्जा और आत्मविश्वास का संचार होगा। दरअसल, बिहार और यूपी के सीमावर्ती जिलों में रोटी-बेटी का रिश्ता गहराई से जुड़ा है यही कारण है कि बिहार की सियासी हवा का रुख यूपी में भी महसूस किया जाता है। बसपा सुप्रीमो मायावती भी इन इलाकों में अपनी उपस्थिति दर्ज करा रही हैं, जिससे मुकाबला और दिलचस्प हो गया है।

बिहार का चुनावी संग्राम अब केवल विधानसभा तक सीमित नहीं रहा। यह उत्तर प्रदेश के भविष्य के सियासी समीकरणों की झलक भी दे रहा है। इस बार मुकाबला सिर्फ सीटों का नहीं, बल्कि सियासी प्रभाव और लोकप्रियता के विस्तार का है और यही वजह है कि बिहार की मिट्टी पर यूपी की सियासत की बिसात बिछाई जा रही है।

बाराबंकी में भीषण सड़क हादसा: ट्रक और अर्टिगा में जबरदस्त टक्कर, 6 की मौत… 2 की हालत गंभीर

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Barabanki News: बाराबंकी जिले के देवा थाना क्षेत्र में सोमवार देर रात एक दिल दहला देने वाला सड़क हादसा हुआ। कुतलूपुर गांव के पास एक तेज रफ्तार ट्रक ने सामने से आ रही बिना नंबर की अर्टिगा कार को जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर इतनी भीषण थी कि कार के परखच्चे उड़ गए और उसमें सवार छह लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दो लोग गंभीर रूप से घायल हो गए।

हादसे के बाद मचा कोहराम

तेज आवाज सुनते ही आसपास के ग्रामीण घटनास्थल पर पहुंचे और पुलिस को सूचना दी। देवा थाना पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची और ग्रामीणों की मदद से राहत और बचाव कार्य शुरू किया गया। गाड़ी में फंसे यात्रियों को बाहर निकालकर घायलों को जिला अस्पताल भेजा गया, जहां उनका इलाज जारी है।

मृतकों की पहचान जारी

पुलिस ने सभी शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। अधिकारियों के मुताबिक, गाड़ी पर नंबर प्लेट न होने के कारण मृतकों की पहचान में कठिनाई हो रही है। फिलहाल पुलिस शिनाख्त कर रही है और हादसे की जांच में जुटी है।

क्षेत्र में छाया मातम

इस दर्दनाक हादसे ने पूरे इलाके में शोक की लहर फैला दी है। स्थानीय लोग घटना की भयावहता से दहशत में हैं और प्रशासन से सड़कों पर तेज रफ्तार वाहनों पर नियंत्रण के लिए सख्त कदम उठाने की मांग की है।

नीतीश को मोदी CM नहीं बनाएंगे, लिखकर रख लो- बिहार रैली में बोले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे

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नेशनल डेस्कः कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सोमवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसी भी कीमत पर नीतीश कुमार को बिहार का मुख्यमंत्री नहीं बनाने वाले हैं। खरगे ने बिहार विधानसभा चुनाव में प्रचार के दौरान वैशाली जिले के राजा पाकड़ में विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी किसी भी कीमत पर नीतीश कुमार को बिहार का मुख्यमंत्री नहीं बनाने वाले हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के चुनाव जीतने की स्थिति में मोदी अपने किसी चेले को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठाएंगे। चुनाव के बाद नीतीश कुमार से कहा जाएगा कि आपकी तबियत ठीक नहीं है, आप घर बैठकर आराम कीजिए।

 

कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने बिहार में पलायन, बेरोजगारी, गरीबी और बिगड़ती कानून व्यवस्था के मुद्दों पर जनता दल यूनाटेड (जदयू)- भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार की नाकामियों को गिनाते हुये कहा कि नीतीश कुमार नौ बार बिहार के मुख्यमंत्री बने, लेकिन उन्होंने जनता की कभी सुध नहीं ली।

 

उन्होंने कहा कि कुमार 20 वर्षों में न तो वे शिक्षा और रोजगार की स्थिति में सुधार ला सके, न बिहार से पलायन रोक पाए और न ही गरीबी खत्म कर पाए। नौजवानों को नौकरियां नहीं मिलीं और लाखों लोग पलायन करने को मजबूर रहे। उन्होंने नरेंद्र मोदी और अमित शाह के जंगलराज हटाने वाले बयानों पर तीखा पलटवार करते हुए सवाल किया कि जब पिछले 20 साल से बिहार में जदयू-भाजपा की सरकार है, तो अब तक जंगलराज खत्म क्यों नहीं हो पाया है।

 

खरगे ने नीतीश कुमार पर कुर्सी के लालच में समाजवादी सिद्धांतों, कर्पूरी ठाकुर और राम मनोहर लोहिया के आदर्शों को भूलने का भी आरोप लगाया और कहा कि कुमार सत्ता के लिए मनुस्मृति में विश्वास रखने वाली, कमजोर तबकों को दबाने वाली और जातिवाद को बढ़ावा देने वाली भाजपा के साथ चले गए। उन्होंने कहा कि आज पूरे देश में दलितों को डराया-धमकाया जा रहा है, लेकिन मोदी-नीतीश को उनकी कोई चिंता ही नहीं है, उन्हें सिर्फ कुर्सी की परवाह है।

 

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि मोदी के दिमाग में सिर्फ चुनाव ही चलता रहता है। वह या तो चुनाव प्रचार के लिए सब जगह घूमते हैं, या विदेश यात्राओं पर रहते हैं, लेकिन गरीबों की नहीं सुनते। उन्होंने कहा कि आज देश के केवल पांच प्रतिशत लोगों के पास 60 प्रतिशत दौलत है, जबकि 50 प्रतिशत गरीबों के पास सिर्फ तीन प्रतिशत संपत्ति है। उन्होंने सवाल किया कि मोदी ने इस असमानता और गरीबी पर कभी बात क्यों नहीं की।

 

खरगे ने कहा कि केंद्र सरकार और विश्वविद्यालयों में 50 लाख से ज़्यादा सरकारी पद खाली हैं, जिन्हें मोदी सरकार नहीं भर रही है। उन्होंने याद दिलाया कि मोदी ने हर साल दो करोड़ नौकरियां देने, हर खाते में 15 लाख रुपये डालने और काला धन वापस लाने का वादा किया था, लेकिन इनमें से कोई भी वादा पूरा नहीं किया। इसके बजाय उन्होंने नोटबंदी, लॉकडाउन जैसे गलत फैसलों से देश की अर्थव्यवस्था को बर्बाद किया।

 

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी, सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने हमेशा गरीबों और आम जनता के हित में काम किया है। उन्होंने जोर देकर कहा कि केवल कांग्रेस ही संविधान के मूल सिद्धांतों के अनुसार सबको न्याय दे सकती है। उन्होंने कहा कि राजग के शासन में जो भी सवाल पूछता है, उसे देशद्रोही करार दिया जाता है। उन्होंने जनता से अपील की कि वे देश के लिए बलिदान देने वालों को याद करे और बिहार चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवारों को जिताकर संविधान और लोकतंत्र की नींव को कमजोर करने वालों को करारा जवाब दे।

 

 

एअर इंडिया की फ्लाइट की भोपाल में इमरजेंसी लैंडिंग, विमान में सवार थे 172 यात्री

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नेशनल डेस्कः दिल्ली से बेंगलुरु जा रहे एअर इंडिया के एक विमान को तकनीकी खराबी के कारण सोमवार रात आपात स्थिति में भोपाल के राजा भोज हवाई अड्डे पर उतारा गया। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।

 

हवाई अड्डे के अधिकारी ने बताया कि विमान के ‘कार्गो होल्ड’ में खतरे की चेतावनी मिलने के बाद उड़ान (एआईसी 2487, ए320 नियो, वीटी-ईएक्सओ) को भोपाल हवाई अड्डे की ओर मोड़ दिया गया।

 

उन्होंने कहा, ‘‘मानक सुरक्षा प्रक्रियाओं का पालन करते हुए भारतीय समयानुसार रात सात बजकर 33 मिनट पर बजे पूर्ण आपात स्थिति घोषित कर दी गई। कुछ ही मिनटों बाद, चालक दल ने पुष्टि की कि खतरा टल गया है और सभी विमान प्रणालियां सामान्य हैं। विमान में 172 यात्री सवार थे और यह विमान रात आठ बजे सुरक्षित उतर गया। सभी परिचालन अब सामान्य हैं।”

भोपाल हवाई अड्डे पर हवाई यातायात नियंत्रण, अग्निशमन सेवा और विमानन कंपनियों के कर्मियों ने विमान को सुरक्षित उतारने के लिए स्थिति को कुशलतापूर्वक नियंत्रित किया। हवाई अड्डे के निदेशक रामजी अवस्थी ने बताया कि इस घटना से हवाई अड्डे का संचालन प्रभावित नहीं हुआ है।

Auraiya News: 400 मीटर दौड़ में अजय और नंदिनी अव्वल

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अजीतमल। जनता महाविद्यालय के खेल मैदान में सोमवार से दो दिवसीय वार्षिक खेलकूद प्रतियोगिताएं शुरू हो गईं। पहले दिन बालिका वर्ग की 400 मीटर दौड़ में नंदिनी व बालक वर्ग में अजय पहले नंबर पर रहे।

 

शुभारंभ प्रबंध समिति के अध्यक्ष सुनील कुमार दुबे ने किया। शुभारंभ के मौके पर प्रबंध समिति अध्यक्ष ने कहा कि खेलकूद मानव जीवन की आवश्यक क्रिया है। इससे शरीर, मन और आत्मा तीनों में स्फूर्ति आती है। खेल व्यक्ति में अनुशासन, आत्मबल एवं नेतृत्व का संचार करते हैं। प्राचार्य डॉ. सुशील कुमार शर्मा ने कहा कि खेलकूद शिक्षा का प्राण तत्व है इससे विद्यार्थियों में शारीरिक सामर्थ्य के साथ-साथ मानसिक संतुलन, धैर्य एवं अनुशासन का विकास होता है। प्रतियोगिता के प्रथम दिन आयोजित 400 मीटर दौड़ में बालक वर्ग में प्रांशु व मनीष को द्वितीय व तृतीय स्थान मिला, जबकि बालिका वर्ग में चांदनी द्वितीय और सपना तृतीय स्थान की विजेता रहीं।लंबीकूद में हिमांशु को पहला, हिमांशु कुमार को दूसरा व तेज प्रकाश ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। बालिका वर्ग में कामिनी, नंदिनी एवं शिवानी ने सफलता प्राप्त की। गोला फेंक प्रतियोगिता में बालक वर्ग में दीपांशु प्रथम, आलोक राजपूत द्वितीय व रोहित तृतीय रहे। बालिका वर्ग में कामिनी पहले, वैष्णवी दूसरे व मधु को तीसरा स्थान मिला। 800 मीटर दौड़ में तेज प्रकाश पहले, विवेक दूसरे व उदय प्रकाश तीसरे स्थान पर रहे। वहीं बालिका वर्ग में चांदनी पहले, नंदिनी दूसरे एवं सपना तीसरे स्थान पर रहीं। डिस्कस थ्रो बालक वर्ग में दीपांशु पहले, रोहित दूसरे व उत्कर्ष ने तीसरा स्थान हासिल किया। बालिका वर्ग में कामिनी प्रथम, वैष्णवी द्वितीय व पलक ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।

क्रीड़ा प्रभारी डॉ. देवेन्द्र कुमार ने बताया कि प्रतियोगिता में विभिन्न महाविद्यालयों के खिलाड़ी प्रतिभाग कर रहे हैं। पुरुष व महिला वर्ग के लिए 100, 200, 400, 800, 1500 व 5000 मीटर दौड़, डिस्कस थ्रो, गोला फेंक, भाला फेंक, लंबी कूंद, त्रिकूद व ऊंची कूंद स्पर्धाएं होंगी। समापन के अवसर पर विजेताओं को पुरस्कृत किया जाएगा। प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को जिला स्तर की प्रतियोगिताओं के लिए चुना जाएगा। इस मौके पर पंकज द्विवेदी, योगेश कुमार, डॉ. कमलेश चौरसिया, डॉ. नीलू, शिवप्रकाश दुबे, उपेंद्र त्रिपाठी, योगेश दीक्षित, शिवप्रकाश यादव आदि मौजूद रहे।