Sunday, December 14, 2025
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प्यार में मिला धोखा…अब स्टेशन पर भीख मांगकर कर रहीं गुजारा; दो युवतियों की कहानी जानकर रो पड़ेंगे

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आगरा: उत्तर प्रदेश के आगरा से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। यहां पर दो युवतियां कैंट स्टेशन पर भीख मांगकर अपना गुजारा कर रही है। जब इन दोनों युवतियों की सच्चाई पता चली तो रौेंगटे खड़े हो गए। दरअसल, युवतियां को प्यार में धोखा मिला है। दो युवकों ने पहले उन्हें बहलाया फुसलाया और फिर उनका शारीरिक शोषण किया गया। इसके बाद बहाने से आरोपी उन्हें आगरा के कैंट स्टेशन पर छोड़कर फरार हो गए। तब से युवतियां यहां पर भीख मांगकर गुजारा करने को मजबूर है।

अनजान कॉल ने बर्बाद की जिंदगी
जानकारी के मुताबिक, दोनों युवतियां डीसीपी सिटी कार्यालय पहुंचीं और सारी आपबीती बता कर शिकायती पत्र दिया है। एक पीड़िता जो कि महोबा की रहने वाली है। शिकायती पत्र में उसने बताया कि एक साल पहले उसे किसी अनजान नंबर से फोन आया था। वो शमसाबाद, आगरा निवासी एक युवक की कॉल थी। उसने गलत नंबर बोलकर फोन काट दिया। लेकिन, इसके बाद भी युवक वार-वार फोन कर रहा था। दोनों बात करने लगे। दोस्ती प्यार में बदल गई।

बहला फुलसाकर ले गया साथ 
पीड़िता ने बताया कि आरोपी ने उससे शादी का वादा किया और 28 फरवरी को महोबा से बहलाकर अपने साथ ले आया। इसके बाद गुजरात में किराये पर कमरा लेकर रहने लगा। वहां तीन महीने तक शारीरिक शोषण किया। गर्भवती होने पर दर्द की दवा बताकर गर्भपात की दवा खिला दी। वहां से राजस्थान के मेहंदीपुर लेकर आ गया। इसके बाद उसे आगरा लेकर आ गया, तब वो डेढ़ महीने की गर्भवती थी।

स्टेशन पर छोड़कर भाग गए आरोपी 
पीड़िता ने बताया कि आरोपी का चचेरा भाई भी कानपुर की एक महिला के साथ मिला। दोनों भाई होटल में कमरा बुक करने के लिए गए थे और फिर लौटकर नहीं आए। वो उन्हें स्टेशन पर ही छोड़कर भाग गए। इसके बाद उन्होंने अपने फोन भी बंद कर दिए। इसके बाद वो उनके घर गई तो परिवार वालों ने भी उन्हें पीटकर भगा दिया। अब पिछले 18 दिनों से भीख मांगकर गुजारा कर रही है।

राहुल गांधी पर राम कदम का तीखा हमला: ‘बयानों से आतंकियों को खुश करते हैं’, कांग्रेस पर भी साधा निशाना

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नेशनल डेस्क: भारतीय जनता पार्टी के विधायक राम कदम ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर जोरदार पलटवार किया है। कदम ने राहुल गांधी के उस बयान पर आपत्ति जताई है, जिसमें उन्होंने भारत-पाकिस्तान के बीच युद्धविराम कराने के अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के दावों पर ‘कुछ न कुछ तो दाल में काला है’ कहा था।

गुरुवार को आईएएनएस से बातचीत के दौरान राम कदम ने राहुल गांधी के इस बयान को “पाकिस्तान में बैठे आतंकवादियों को खुश करने वाला” करार दिया। उन्होंने कहा, “राहुल गांधी के कुछ वर्षों के बयानों को देखकर लगता है कि जैसे उन्होंने आतंकियों को खुश करने के लिए सुपारी ली है। हर दूसरे दिन वह आतंकियों को खुश करने के लिए बयान देते हैं।”

“भारत माता के सपूत हैं, कभी सोचा है क्या महसूस हुआ होगा?”
राम कदम ने राहुल गांधी को नसीहत देते हुए कहा, “आप भारत माता के सपूत हैं, क्या कभी आपने सोचा कि आपके इस बयान से हमारी साहसी फौज, पहलगाम आतंकी हमले में अपनों को खोने वाले लोगों को कैसा महसूस हुआ होगा?” कदम ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी कभी बयान देने से पहले सोचते नहीं हैं और बस “आतंकियों को खुश करने में ही उन्हें आनंद आता है।” उन्होंने यह भी दावा किया कि राहुल गांधी विदेश दौरे पर हमेशा देश के खिलाफ बात करते हैं और कांग्रेस में वे ऐसे नेता हैं जो हमेशा “बालक की भांति बात करते हैं।”

महाराष्ट्र कांग्रेस और ‘सामना’ पर भी साधा निशाना
राम कदम ने महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाले पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सपकाले ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर “अनर्गल बयान” इसीलिए दिया ताकि वह सुर्खियों में बने रहें। कदम ने कहा, “हम हर मंच से उन्हें जवाब देने के लिए तैयार हैं।”

उन्होंने उद्धव बालासाहेब ठाकरे गुट के मुखपत्र ‘सामना’ में चुनाव आयोग को लेकर की गई टिप्पणी पर भी टिप्पणी की। कदम ने कहा कि UBT से उनके अपने लोगों ने किनारा कर लिया है और ये लोग सुर्खियों में रहने के लिए भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को कोसते हैं। उन्होंने ‘सामना’ पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब लोकसभा चुनाव जीते तो आयोग अच्छा था, लेकिन चुनाव हारे तो आयोग गलत कैसे हो गया? इसे उन्होंने “दोहरी मानसिकता” बताया।

सांगली टॉयलेट वीडियो और तेजस्वी यादव पर भी बोले कदम
राम कदम ने सांगली टॉयलेट वीडियो और मारपीट मामले को “दुर्भाग्यपूर्ण” करार दिया। उन्होंने कहा कि “हिंदुत्व का नाम लेकर दल चलाने वाले लोग अपने हिंदू भाई को किसी भाषा की आड़ में मार रहे हैं। क्या यह आपका हिंदुत्व है? मारने का अधिकार तो किसी को नहीं है। कोई किसी जाति या धर्म का हो तो मारने का अधिकार किसी को नहीं है।”

तेजस्वी यादव पर टिप्पणी करते हुए राम कदम ने कहा कि जब चुनाव जीतते हैं तो ईवीएम, चुनाव आयोग सब कुछ सही लगता है। कर्नाटक में जीत मिली, तब सब कुछ अच्छा था। तेलंगाना में भी कोई सवाल नहीं उठाया गया। लेकिन जब हार सामने नजर आती है, तो तुरंत संस्थाओं पर सवाल उठाने लगते हैं। उन्होंने इसे “दोगली बात” बताया जो लोकतंत्र के लिए शोभा नहीं देती।

मुंबई लोकल ट्रेन ब्लास्ट और न्यायपालिका
मुंबई लोकल ट्रेन ब्लास्ट मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पर उन्होंने कहा कि “हमारी न्यायपालिका सबूतों के आधार पर फैसला लेती है। इसमें काफी विलंब हुआ है। हाई कोर्ट से न्याय नहीं मिला है, इसलिए सुप्रीम कोर्ट से अपील की गई है।” राम कदम ने अंत में कहा कि तेजस्वी यादव का यह रवैया साफ दिखाता है कि आगामी चुनाव से पहले वे अभी से हार का बहाना बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि चुनाव में हार-जीत सामान्य बात है, लेकिन इस तरह पहले से ही आयोग और चुनाव प्रणाली को कटघरे में खड़ा करना केवल उनकी बौखलाहट को दिखाता है। लोकतंत्र में सभी को मजबूती से चुनाव लड़ने का अधिकार है और करारी हार के डर से ऐसी भूमिकाएं बनाना ठीक नहीं है।

इन दो भाभियों ने सोशल मीडिया पर लगाई आग, दिया धमाकेदार परफॉर्मेंस… देखने वाले बोले- “सुबह-सुबह क्या चीज दिखा दी…”

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नेशनल डेस्क। सोशल मीडिया पर आए दिन नए-नए वीडियो वायरल होते रहते हैं और इन दिनों एक ऐसा ही वीडियो धूम मचा रहा है जिसमें दो भाभियां अपने जबरदस्त डांस मूव्स से सबका ध्यान खींच रही हैं। उनकी एनर्जी, एक्सप्रेशंस और स्टेप्स का तालमेल इतना लाजवाब है कि दर्शक वीडियो से नज़रें नहीं हटा पा रहे हैं। कमेंट सेक्शन में लोग उनकी खूब तारीफ कर रहे हैं जिससे यह वीडियो तेज़ी से वायरल हो रहा है।

ट्रेडिशनल लुक में भाभियों का धमाकेदार परफॉर्मेंस

वायरल हो रहे इस वीडियो में दो भाभियां पारंपरिक वेशभूषा में डांस करती दिख रही हैं। एक ने नीले रंग की साड़ी पहनी है जबकि दूसरी ने क्रीम शेड की साड़ी में अपनी खूबसूरती बिखेरी है। दोनों ही अपने ट्रेडिशनल लुक में बेहद आकर्षक लग रही हैं और पूरे जोश के साथ ताल पर ताल मिला रही हैं।

यह मनमोहक डांस साल 1991 में आई ब्लॉकबस्टर फिल्म ‘हम’ के सुपरहिट गाने ‘कागज़ कलम दवात ला’ पर किया गया है। गाने के बोल और धुन के साथ उनके स्टेप्स का गजब का तालमेल और उनके चेहरे के कमाल के एक्सप्रेशंस इस वीडियो को लगातार लोगों की पसंदीदा लिस्ट में बनाए हुए हैं। उनकी परफॉर्मेंस ऐसी लग रही है जैसे घर में ही किसी स्टेज शो का आयोजन हो रहा हो जिसे हर कोई खूब पसंद कर रहा है।

यूजर्स हुए भाभियों के डांस के दीवाने

यह वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर शेयर किया गया है। कुछ ही समय में इस वीडियो को 5000 से ज़्यादा बार देखा जा चुका है और यह आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है।

वीडियो पर आ रही प्रतिक्रियाएं बताती हैं कि लोगों को यह डांस कितना पसंद आ रहा है। यूजर्स इस पर दिल खोलकर कमेंट कर रहे हैं। एक यूजर ने लिखा है, “सुकून मिल गया सुबह-सुबह।” वहीं, एक और यूजर ने तारीफ करते हुए कमेंट किया, “भाभियां हो तो ऐसी।” किसी ने लिखा, “सुबह-सुबह क्या चीज दिखा दी।”

Uttarakhand Panchayat Chunav LIVE :उत्तराखंड में पंचायत चुनाव आज, रुद्रप्रयाग में दोपहर 2:00 बजे तक 44.76% हुआ मतदान; 12 जिलों में शांतिपूर्वक वोटिंग जारी

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देहरादूनः उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का पहला चरण आज यानी बृहस्पतिवार को है। जहां कुल 26 लाख मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। राज्य निर्वाचन अधिकारियों ने यहां बताया कि मतदान सुबह आठ बजे शुरू होकर शाम पांच बजे तक चलेगा। दूसरे चरण का मतदान 28 जुलाई को होगा जबकि मतगणना 31 जुलाई को होगी।
Live Updates:

  • देवाल में नौजवानों की अनूठी पहल… बुजुर्ग महिला को पालकी पर बिठा पहुंचे मतदान केंद्र, बुजुर्ग महिला में भी खासा उत्साह

    Uttarakhand Panchayat Chunav LIVE: पालकी पर मतदान के लिए पहुंची बुजुर्ग महिला

  • रुद्रप्रयाग में दोपहर 2:00 बजे तक 44.76% हुआ मतदान
  • चकराता ब्लॉक में 12:00 तक 42% हुई वोटिंग
  • कोटद्वार में युवाओं में दिखा भारी उत्साह, वोट डालकर खुशी की प्रकट

कोटद्वार की खुशबू (24) व आंचल (26) ने पहली बार मतदान किया।

  • कोटद्वार में पंचायत चुनाव को लेकर दिखा खासा उत्साह

87 वर्षीय चैता देवी और 76 वर्षीय केशी देवी पहुंची मतदान केंद्र… कसाना वल्ला में डाला अपना कीमती वोट। 

  • 12 बजे तक प्रदेश में 27 प्रतिशत हुआ मतदान
  • उत्तराखंड में 11 बजे तक 19 फीसदी हुआ मतदान

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  • कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने किया मतदान

  • टिहरी में 10 बजे तक 10.66 प्रतिशत हुआ मतदान

पंचायत चुनाव में प्रथम चरण में टिहरी जिले के इन पांच ब्लॉकों में सुबह 10 बजे तक 10.66 प्रतिशत मतदान हो चुका है।

पांच ब्लॉकों में सुबह 10 बजे तक का मतदान
जौनपुर में 11.89 %
धौलधार में 12.58 %
जाखणीधार में 9.56 %
भिलंगना में 9.81 %
प्रतापनगर में 10.34 %

  • यमुनोत्री के पूर्व विधायक केदार सिंह रावत ने पत्नी संग किया मतदान 

  • उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने किया मतदान

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के क्रम में गुरुवार को राजकीय आदर्श प्राथमिक विद्यालय नगला तराई, जिला उधमसिंह नगर में बूथ न0 3 पर लाइन में लगकर मतदान किया। मुख्यमंत्री के साथ उनकी माताजी श्रीमती बिशना देवी ने भी मतदान किया।

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मुख्यमंत्री ने सभी ग्रामीण मतदाताओं से त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में उत्साह पूर्वक मतदान करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक मतदाता का एक-एक वोट राज्य में पंचायतों को मजबूत करने में निर्णायक भूमिका निभा सकता है।

उत्तराखंड के सीएम धामी अपने गांव खटीमा पहुंचे है। जहां उन्होंने नगला तराई में अपने मतदान का प्रयोग किया।

  • अल्मोड़ा में भी त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के पहले चरण का मतदान जारी

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    अल्मोड़ा जिले में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के पहले चरण का मतदान जारी है। पहले चरण में जिले के छह विकास खंडों भैंसियाछाना, धौलादेवी, लमगड़ा, सोमेश्वर, ताड़ीखेत और चौखुटिया के 649 मतदान केंद्रों पर मतदान हो रहा है।

    इस चरण में ग्राम पंचायत सदस्य, ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत सदस्य और जिला पंचायत सदस्य के कुल 4128 पदों में से 1956 पदों पर मतदान है। इनमें से ग्राम प्रधान की 580 सीटों पर 1234 प्रत्याशी, क्षेत्र पंचायत सदस्य की 211 सीटों पर 608 उम्मीदवार और जिला पंचायत सदस्य की 23 सीटों पर 45 प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।

    मतदान प्रक्रिया को शांतिपूर्ण, निष्पक्ष और व्यवस्थित तरीके से संपन्न कराने के लिए प्रशासन ने 1345 सुरक्षा कर्मियों को जिलेभर में तैनात किया है। सुरक्षा व्यवस्था के तहत जिले में 9 इंस्पेक्टर, 62 उपनिरीक्षक व सहायक उपनिरीक्षक, 161 हेड कांस्टेबल और 191 कांस्टेबल को ड्यूटी पर लगाया गया है। सहयोगी बलों में 350 होमगार्ड, 140 पीआरडी जवान, 126 वन विभाग के कर्मचारी और 300 ग्राम चौकीदारों को भी मतदान ड्यूटी पर लगाया गया है।

श्रीनगर में 95 वर्ष की बुजुर्ग ने डाला वोट

श्रीनगर में पंचायत चुनाव को लेकर लोगों में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है । ख़िरसू ब्लॉक के बलोडी बूथ पर अभी तक 52 वोट पड़ चुके हैं। वहीं, ग्राम सरणा की 95 साल की बुजुर्ग महिला झांपा देवी ने भी वोट डाला।

  • टिहरी में बड़ी संख्या में मतदान करने पहुंचे लोग
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त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के प्रथम चरण में जनपद टिहरी के विकासखंड जौनपुर, थौलधार, जाखणीधार, भिलंगना एवं प्रतापनगर में प्रथम चरण का मतदान शुरू। सीमांत क्षेत्र भिलंगना ब्लॉक के राजकीय प्राथमिक विद्यालय जखन्याली में सुबह से ही मतदाता गांव की सरकार चुनने के लिए बड़ी संख्या में मतदान करने पहुंचे हैं।

  • उत्तराखंड के 49 विकास खंडों में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए मतदान शुरू

देहरादूनः उत्तराखंड के जनपद हरिद्वार को छोड़कर, अन्य सभी बारह जनपदों में त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों के लिए प्रथम चरण का मतदान गुरुवार सुबह आठ बजे शुरू हो गया। बैलेट पत्र के माध्यम से हो रहे इस मतदान में लगभग छब्बीस (26)लाख मतदाता अपने मत का प्रयोग करेंगे। यह मतदान कुल 49 विकास खंडों में हो रहा है। जबकि दूसरे चरण का मतदान आगामी 28 जुलाई को होगा।

आज गढ़वाल मंडल के छह जिलों के 26 और कुमाऊं मंडल के छह जिलों के 23 विकासखंडों में पहले चरण का मतदान हो रहा है। 5823 पोलिंग बूथ पर 26 लाख से अधिक मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे।

अल्मोड़ा में 649 पोलिंग बूथ
बागेश्वर में  461
चंपावत के 182
चमोली में  258
देहरादून में 509
नैनीताल में 312
पौड़ी में 642
पिथौरागढ़ में 378
रुद्रप्रयाग में 459
उत्तरकाशी में 272
उधमसिंह नगर के 922
टिहरी के 779 बूथों पर मतदान हो रहा है

अधिकारियों ने बताया कि ग्राम पंचायतों, क्षेत्र पंचायतों और जिला पंचायतों के 6,000 से अधिक पदों के लिए ​कुल ​17,829 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लोगों से पंचायत चुनावों में मतदान करके लोकतांत्रिक प्रक्रिया में सक्रिय भागीदारी की अपील करते हुए कहा कि पंचायत ग्रामीण विकास की आधारशिला हैं। धामी ने कहा कि लोकतंत्र की मजबूती मतदाता की जागरूकता और सहभागिता पर निर्भर करती है। त्रिस्तरीय पंचायत प्रणाली के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में विकास योजनाओं का संचालन होता है।

उन्होंने राज्य के मतदाताओं, विशेषकर युवाओं, महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों से अधिक से अधिक संख्या में मतदान केंद्रों पर पहुंचकर लोकतंत्र को सशक्त बनाने की अपील की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक वोट राज्य के भविष्य को गढ़ने में निर्णायक भूमिका निभा सकता है।

राज्यपाल संतोष गंगवार ने अस्पताल में भर्ती कड़िया मुंडा से की मुलाकात, की स्वास्थ्य लाभ की कामना

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Jharkhand News: झारखंड के राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार खूंटी लोकसभा क्षेत्र से 8 बार सांसद रहे और पूर्व लोकसभा उपाध्यक्ष पद्मभूषण कड़िया मुंडा से रांची स्थित मेडिका मणिपाल अस्पताल मिलने पहुंचे।

राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने इलाजरत लोकसभा के पूर्व उपाध्यक्ष कड़यिा मुंडा से भेंट कर उनका कुशलक्षेम जाना। राज्यपाल ने उपस्थित चिकित्सकों से मुंडा के स्वास्थ्य की स्थिति एवं उपचार की प्रगति की जानकारी प्राप्त की। राज्यपाल ने कहा कि मुंडा सादगी और जनसेवा के प्रतीक हैं। राज्यपाल ने ईश्वर से उनके शीघ्र पूर्ण स्वस्थ होने की प्रार्थना की।

Rakshabandhan 2025: इस बार कब है राखी का त्योहार, जानिए शुभ मुहूर्त और भद्रा का समय

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नेशनल डेस्क: भाई-बहन के पवित्र रिश्ते का पर्व रक्षाबंधन हर साल श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधकर उनकी लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं, वहीं भाई बहनों की रक्षा का संकल्प लेते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, राखी बांधने का सबसे शुभ समय अपराह्न का मुहूर्त माना जाता है।

कब मनाया जाएगा रक्षाबंधन का त्योहार?
इस साल रक्षाबंधन 2025 का त्योहार 9 अगस्त 2025 को मनाया जाएगा। खास बात यह है कि इस बार भद्रा काल सूर्योदय से पहले ही समाप्त हो जाएगा, जिससे बहनें बिना किसी बाधा के सुबह से ही राखी बांध सकेंगी।

रक्षाबंधन 2025 का शुभ मुहूर्त
राखी बांधने का समय: सुबह 06:18 बजे से दोपहर 01:24 बजे तक

कुल अवधि: 7 घंटे 6 मिनट

अर्थात इस बार राखी का पर्व पूरे दिन शुभ रहेगा और किसी भी तरह का भद्रा दोष नहीं रहेगा।

रक्षाबंधन का महत्व
रक्षाबंधन सिर्फ राखी बांधने का त्योहार नहीं है बल्कि यह भाई-बहन के रिश्ते में विश्वास, प्रेम और सुरक्षा का प्रतीक है। बहनें राखी बांधकर भाइयों की लंबी उम्र की कामना करती हैं और भाई जीवनभर उनकी रक्षा का वचन देते हैं। इस दिन भाई बहनों को उपहार भी देते हैं, जिससे रिश्ते में मिठास और गहरा जाती है।

दक्षिण-पूर्व एशिया के दो पड़ोसी देशों, थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सीमा विवाद ने एक बार फिर हिंसक रूप ले लिया है। गुरुवार सुबह से दोनों देशों की सेनाएं सीमा पर जोरदार फायरिंग कर रही हैं। यह घटनाक्रम ठीक एक दिन बाद हुआ जब सीमा पर हुए लैंडमाइन विस्फोट में 5 थाई सैनिक घायल हो गए थे। इसके बाद थाईलैंड ने कंबोडिया के राजदूत को निष्कासित कर दिया और अपने राजदूत को वापस बुला लिया।

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लखनऊ -भातखंडे संगीत संस्थान अभिमत विवि में गबन मामला,भातखंडे के 2 कर्मचारियों समेत सात गिरफ्तार,3.13 करोड़ रुपये के गबन में किए गए अरेस्ट,14 दिन की न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया जेल,CID भातखंडे संगीत संस्थान के 7 आरोपी को पकड़ा,जिसमें दो विश्वविद्यालय के कर्मचारी भी शामिल है,नृत्य विभागाध्यक्ष ज्ञानेंद्र दत्त बाजपेई हुए गिरफ्तार,तबला शिक्षक मनोज मिश्रा को भी किया गया अरेस्ट,निर्माण कार्य से जुड़ी 5 फर्मों के संचालक गिरफ्तार

हिमाचल में 55 घंटे तक हाईवे जाम… अभी भी NH सहित 344 सड़कें बंद, 27 जुलाई से फिर बढ़ेंगी मुश्किलें

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हिमाचल में 55 घंटे तक हाईवे जाम… अभी भी NH सहित 344 सड़कें बंद, 27 जुलाई से फिर बढ़ेंगी मुश्किलें

हिमाचल में मौसम विभाग ने 26 जुलाई तक वर्षा से राहत की संभावना जताई है। लेकिन 27 जुलाई से मानसून फिर सक्रिय होगा और भारी वर्षा का अलर्ट है। प्रदेश मेंअभी भी एक एनएच सहित 344 सड़कें बंद हैं।

सांसें चलती हैं, पर इंसान नहीं! जानिए कोमा में जाने के बाद शरीर में क्या होता है? जानकर रह जाएंगे हैरान

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नेशनल डेस्क। हाल ही में सऊदी अरब के ‘स्लीपिंग प्रिंस’ का 20 साल कोमा में रहने के बाद निधन हो गया। 15 साल की उम्र में हुए एक दुर्घटना के बाद उन्हें आंतरिक रक्तस्राव (इंटरनल ब्लीडिंग) और ब्रेन हेमरेज का सामना करना पड़ा था जिसके चलते वे कोमा में चले गए थे। इस घटना ने एक बार फिर कोमा की स्थिति और उसके दौरान शरीर में होने वाले बदलावों को लेकर लोगों के मन में कई सवाल खड़े कर दिए हैं। आइए इस बारे में विस्तार से जानते हैं।

क्या होता है कोमा?

कोमा एक तरह की लंबी और गहरी बेहोशी की हालत है। यह तब होता है जब कोई व्यक्ति अपने आस-पास की किसी भी चीज़ पर न्यूनतम प्रतिक्रिया भी न दे सके और न ही हिल-डुल या चल-फिर सके। इस प्रक्रिया के दौरान इंसान सोता हुआ नज़र आता है लेकिन यह एक ऐसी नींद होती है जो किसी के जगाने से, बिजली के झटके से या फिर सुई चुभोने से भी ठीक नहीं हो सकती।

कोमा में जाने के कारण और अवधि

कोमा में जाने की मुख्य वजहें कई हो सकती हैं। सबसे आम कारणों में दिमाग पर किसी तरह की कोई गंभीर चोट लगना (जैसे दुर्घटना में) शामिल है। इसके अलावा दिल का दौरा, दिमागी आघात (स्ट्रोक) या फिर शराब के साथ किसी नशीले पदार्थ का सेवन भी इंसान को कोमा में धकेल सकता है।

आंकड़ों के अनुसार 50% से ज़्यादा कोमा में जाने की वजह दिमाग पर गहरा आघात लगना ही होता है। किसी के कोमा में रहने की अवधि कुछ हफ्तों, महीनों या फिर सालों तक भी हो सकती है। हालाँकि कोई भी मरीज़ कोमा से एकदम से सामान्य अवस्था में नहीं लौट पाता है यह एक धीमी प्रक्रिया होती है।

कोमा के दौरान शरीर में क्या होता है?

कोमा में जाने के बाद व्यक्ति एक तरह से बेहोश हो जाता है और उसका जागना बेहद मुश्किल हो जाता है। उसकी आँखें बंद रहती हैं और वह दर्द या आवाज़ जैसी बाहरी चीज़ों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं देता है। उसकी दिमागी चेतना पूरी तरह से बंद हो जाती है यानी मस्तिष्क सोचने, समझने या प्रतिक्रिया देने की स्थिति में नहीं होता है।

कोमा में कुछ लोगों को सांस लेने में कठिनाई होती है जिसके चलते उन्हें वेंटिलेटर पर रखना पड़ता है। इसके अलावा व्यक्ति को निगलने खांसने जैसी सामान्य क्रियाओं में भी दिक्कत होती है जिसके लिए विशेष मेडिकल सहायता की ज़रूरत पड़ती है।

ना उल्टी, ना पेट बढ़ना… जानिए क्या होती है सीक्रेट प्रेग्नेंसी और इसमें क्यों नहीं दिखते कोई संकेत?

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नेशनल डेस्क। हर महिला के लिए प्रेग्नेंसी का अनुभव बेहद खास होता है जिसमें शुरुआती हफ्तों से ही शरीर में कई बदलाव महसूस होने लगते हैं लेकिन क्या हो जब कोई महिला गर्भवती हो और उसे इस बात का पता ही न चले? सुनकर भले ही यह हैरान करने वाला लगे पर दुनिया में ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं जहां महिला को अपने गर्भवती होने का एहसास ही नहीं होता या उसे बहुत देर बाद इसकी जानकारी मिलती है। इसे ‘सीक्रेट प्रेग्नेंसी’ या ‘क्रिप्टिक प्रेग्नेंसी’ कहा जाता है।

यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें महिला के गर्भवती होने के कोई सामान्य लक्षण नहीं दिखते जिससे यह सवाल उठता है कि आखिर इसका कारण क्या है। तो चलिए इसे विस्तार से समझते हैं।

क्या है क्रिप्टिक प्रेग्नेंसी?

आमतौर पर महिलाओं को 4 से 12 हफ्तों के भीतर प्रेग्नेंसी का एहसास हो जाता है लेकिन सीक्रेट प्रेग्नेंसी में महिला को गर्भवती होने का कोई संकेत नहीं मिलता। कभी-कभी तो प्रसव पीड़ा शुरू होने तक भी किसी महिला को पता नहीं चलता कि वह गर्भवती है।

दरअसल क्रिप्टिक प्रेग्नेंसी सामान्य गर्भावस्था से अलग होती है क्योंकि इसमें गर्भावस्था के आम लक्षण (जैसे मासिक धर्म का रुकना, पेट का बढ़ना, या गर्भावस्था टेस्ट में पॉजिटिव परिणाम) बहुत हल्के हो सकते हैं, पूरी तरह अनुपस्थित हो सकते हैं या आसानी से नज़रअंदाज़ हो सकते हैं। ऐसे में महिला को लगता है कि सब कुछ सामान्य है।

क्रिप्टिक प्रेग्नेंसी के प्रमुख कारण

क्रिप्टिक या सीक्रेट प्रेग्नेंसी के कई कारण हो सकते हैं जिनमें से कुछ प्रमुख इस प्रकार हैं:

➤ PCOD/PCOS की समस्या: यह सबसे बड़ा कारण हो सकता है। जिन महिलाओं को पीसीओडी (पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम) या पीसीओएस (पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम) की बीमारी होती है उनके पीरियड्स (मासिक धर्म) अनियमित होते हैं या दो से तीन महीने देरी से आते हैं। इस परिस्थिति में ऐसी महिलाएं इसे अपनी आम समस्या समझकर गर्भावस्था के संकेत को अक्सर नज़रअंदाज़ कर देती हैं।

➤ कम HCG हार्मोन का स्तर: कुछ महिलाओं में एचसीजी (ह्यूमन कोरियोनिक गोनाडोट्रोपिन) हार्मोन का स्तर कम होता है। यह वही हार्मोन है जिसका पता गर्भावस्था टेस्ट किट लगाती है। हार्मोन का स्तर कम होने के कारण गर्भावस्था टेस्ट नेगेटिव आ सकता है जिससे महिला को पता नहीं चल पाता कि वह गर्भवती है।

➤ मेनोपॉज के लक्षण: कभी-कभी 40 की उम्र के बाद महिलाओं में मेनोपॉज (रजोनिवृत्ति) के लक्षण शुरू हो जाते हैं जैसे अनियमित पीरियड्स या हॉट फ्लैश। ऐसी स्थिति में महिलाएं अक्सर यह मान लेती हैं कि इस उम्र में गर्भावस्था संभव नहीं है लेकिन वे अनजाने में गर्भ धारण कर लेती हैं।

➤ शरीर का प्रकार और पेट का बढ़ना: कुछ महिलाओं का शरीर ऐसा होता है कि गर्भावस्था के दौरान पेट का बढ़ना बहुत धीमा होता है या दिखाई नहीं देता खासकर अगर उनका वजन ज़्यादा हो।

➤ मानसिक या भावनात्मक कारक: कुछ दुर्लभ मामलों में, तनाव या भावनात्मक स्थिति भी शरीर की प्रतिक्रियाओं को प्रभावित कर सकती है जिससे गर्भावस्था के लक्षणों को पहचानने में देरी हो सकती है।