भारतीय वायुसेना को आज स्वदेशी लड़ाकू कॉम्बैट हेलीकॉप्टर के रूप में नई ताकत मिली है.
इसका का नाम ‘प्रचंड’ रखा गया है. इस हेलिकॉप्टर के एयरफोर्स में शामिल होने के बाद भारत की ताकत में जबर्दस्त इजाफा हुआ है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की उपस्थिति में जोधपुर एयरबेस पर ये हेलिकॉप्टर वायु सेना में शामिल हुए.दस लड़ाकू हेलीकॉप्टर वायुसेना में पहली खेप के रूप में शामिल किए गए. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने खुद इन हेलीकॉप्टर को वायु सेना को सौंपा. जिसके बाद राजनाथ सिंह ने इन हेलिकॉप्टर में उड़ान भी भरी.यूनिफार्म सिविल कोड: भारत के आखिरी गांव पहुंची समिति, समान नागरिक संहिता की दी जानकारी इस मौके पर राजनाथ सिंह में कहा कि वर्ष 1999 के कारगिल युद्ध में हल्के लड़ाकू हेलिकॉप्टर की काफी कमी खली थी. उन्होंने आगे कहा, ‘इस मल्टी-रोल लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर के आने के बाद भारतीय वायु सेना की भूमिका और अधिक प्रभावी रूप में हमारे सामने होगी.आईएएफ ने न केवल राष्ट्र की सुरक्षा में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, बल्कि स्वदेशी रक्षा उत्पादन को भी पूरा सहयोग किया है. उन्होंने आगे कहा, ‘आजादी से लेकर अब तक भारत की संप्रभुता को सुरक्षित रखने में भारतीय वायुसेना की बड़ी शानदार भूमिका रही है.आंतरिक खतरे हों या बाहरी युद्ध, भारतीय वायुसेना ने सदैव अपने अदम्य साहस, शौर्य और पराक्रम के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूती प्रदान की है.उत्तराखंड: उत्तरकाशी में भूकंप के झटके, रिक्टर स्केल पर 2.5 रही तीव्रतास्व देशी डिजाइन और एडवांस तकनीक से लैस इस हेलिकॉप्टर में कुछ और ऐसी बेजोड़ खूबियां हैं जिनका मुकाबला दुश्मन देश नहीं कर सकते. जैसे रूद्र दो इंजन वाला हेलिकॉप्टर है, जिसमें एक पायलट और एक गनर बैठता है. 268 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से उड़ने में सक्षम रूद्र की रेंज 550 किलोमीटर है. यह हेलिकॉप्टर लगातार 3 घंटे 10 मिनट की उड़ान भर सकता है.ड़ने पर दुश्मन की नापाक हरकतों का जवाब देने में भी ये हेलिक़ॉप्टर कारगर साबित होंगे. इस मौके पर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी समेत आदि लोग मौजूद रहे.
लखनऊ डेस्क से…