नई दिल्ली। गृहमंत्री अमित शाह का इस बार का जम्मू-कश्मीर दौरा कई मायनों में खास रहा। आतंक के गढ़ रहे बारामुला में सुरक्षा की चिंता किए बगैर युवाओं के बीच सेल्फी खिंचवाने, हाथ मिलाने और सभा के दौरान बुलेटप्रूफ शीशे हटवाकर उन्होंने 370 हटने के बाद घाटी में आए बदलाव को दिखाने की कोशिश की। बारामुला की जनसभा में जिस तरह से जोरशोर से भारत माता के जयकारे लगे, 40 हजार लोगों ने राष्ट्रगान गाया-उससे संदेश गया कि अब कश्मीर भी देश की मुख्यधारा से कदमताल मिला चुका है। धारा 370 हटाने के बाद मोदी- शाह की जोड़ी ने मिशन कश्मीर से घाटी में बाजी पलट दी। गृह मंत्री अमित शाह का अभी हुआ तीन दिन का प्रवास इसका गवाह बना। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर घाटी के हालात को लेकर पाकिस्तान और अलगाववादियों के फैलाए तरह-तरह के दुष्प्रचार को तब दुनिया ने ध्वस्त होते देखा, जब पहली बार दिल्ली से हुए किसी हाईप्रोफाइल दौरे के विरोध में न लालचौक में दुकानों के शटर गिरे और न ही कोई हड़ताल हुई। नियंत्रण रेखा के निकट आतंकियों के गढ़ रहे बारामुला की सभा जैसे दिल्ली में हो रही कोई सभा हो। बारामुला में आयोजित जनसभा में जिस तरह से भारत माता के जयकारे लगे, 40 हजार लोगों ने राष्ट्रगान गाया – जनता के इस उत्साह से साफ संदेश गया कि यह कोई सरकारी भीड़ नहीं, जिसे लाई गई हो, बल्कि यह खुद आई भीड़ थी। बेखौफ होकर युवाओं के बीच सेल्फी खिंचवाने, हाथ मिलाने और सभा के दौरान बुलेटप्रूफ शीशे हटवाकर उन्होंने संदेश दिया कि अब घाटी बदल चुकी है।
गृहमंत्री अमित शाह ने मोदी सरकार में 370 हटने के बाद कश्मीर के टेरेरिस्ट हॉटस्पॉट से टूरिस्ट हॉटस्पॉट बनने का जिक्र किया। आंकड़े भी उनके दावे की गवाही देते हैं। जम्मू-कश्मीर शासन के मुताबिक, जनवरी 2022 से अब तक 1.62 करोड़ पर्यटक घाटी आ चुके हैं। पहले हर साल करीब 6 लाख पर्यटक ही आते थे।