मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सभी राहत शिविरों का अच्छी तरह से रखरखाव किया गया है। इसके अलावा हालात सामान्य होने तक पर्याप्त आवश्यक वस्तुओं का भंडार भी किया गया है।
मौसम का कहर असम पर टूट रहा है। यहां की अधिकतर नदियां उफान पर हैं। भारी बारिश के बाद आई बाढ़ से सोमवार को 28 जिलों के करीब 23 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। मौसम विभाग ने नदियों के खतरे के निशान से ऊपर बहने के साथ ही अलर्ट जारी किया है।
इस साल बाढ़, भूस्खलन और तूफान से मरने वालों की संख्या 78 हो गई है। इसमें से 66 लोगों की बाढ़ की चपेट में आने से जान गई है। असम में बिगड़े हालातों को लेकर सियासी गलियारों में भी काफी हलचल है। विपक्षी दल लगातार राज्य सरकार पर हमला बोल रहे हैं। इस बीच, जानकारी सामने आई थी कि लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी सोमवार को सिलचर पहुंचेंगे और उसके बाद मणिपुर जाने के रास्ते में कछार जिले के फुलरताल में एक बाढ़ राहत शिविर का दौरा करेंगे।
राहत शिविरों की सुरक्षा प्राथमिकता
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सभी राहत शिविरों का अच्छी तरह से रखरखाव किया गया है। इसके अलावा हालात सामान्य होने तक पर्याप्त आवश्यक वस्तुओं का भंडार भी किया गया है। उन्होंने कहा कि बाढ़ राहत शिविरों की सुरक्षा और स्वच्छता सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने आगे कहा, ‘मेरी टीम वहां रहने वाले सभी लोगों से संपर्क कर उनसे फीडबैक ले रही है।’
आधिकारिक रिपोर्ट के मुताबिक, असम के 28 जिलों के 3,446 गांवों के कुल 23 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। वहीं, बाढ़ के चलते 68,432.75 हेक्टेयर फसल जलमग्न हो गई है। बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए धुबरी के लोग हुए हैं। यहां 7,54,791 लोग प्रभावित हुए, इसके बाद कछार में 1,77,928 और बारपेटा में 1,34,328 लोग प्रभावित हुए।
यह नदियां उफान पर
ब्रह्मपुत्र नदी निमाटीघाट, तेजपुर और धुबरी में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। इसके अलावा, खोवांग में बूढ़ी दिहिंग, शिवसागर में दिखौ, नांगलामुराघाट में दिसांग, नुमालीगढ़ में धनसिरी, धरमतुल में कोपिली, बारपेटा में बेकी, गोलकगंज में संकोश, बीपी घाट में बराक और करीमगंज में कुशियारा नदी लाल निशान के ऊपर बह रही है।
एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन सहित कई एजेंसियां विभिन्न हिस्सों में 171 नौकाओं के साथ राहत और बचाव अभियान चला रही हैं। पिछले 24 घंटों में विभिन्न एजेंसियों ने 70 लोगों और 459 मवेशियों को बचाया है। राज्य भर से सड़कों, पुलों, आंगनवाड़ी केंद्रों और मत्स्य तालाबों को नुकसान पहुंचने की सूचना मिली है।