चंडीगढ़: पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में 6000 करोड़ के ड्रग्ज केस में हुई सुनवाई के अंतरिम मध्यवर्ती आदेश गुरुवार की शाम को अपलोड हो गए। जस्टिस ए.जी. ईसा मसीह और सन्दीप मौदगिल पर आधारित बैंच ने पंजाब सरकार को झाड़ डालते हुए पूछा कि ड्रग्ज स्मगलिंग मामलों में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट आपको 3 वर्षों आदेश देता आ रहा है परन्तु आप हो कि किसी भी आदेश की पालना नहीं कर रहे। जो जवाब सरकार स्टेटस रिपोर्ट की मार्फत देती आई है उससे नहीं लगता कि आप इस मामले को लेकर गंभीर हो। कोर्ट ने कहा कि समय-समय पर कोर्ट ने नशों के कारोबार पर नकेल डालने के अलावा आपको नशो में घिरे लोगों के पुनर्वास, उनके इलाज के लिए और नशा -मुक्ति केंद्र स्थापित करने को लेकर भी आदेश दिए जाते रहे हैं परन्तु कोई संतुष्ट जवाब सरकार की तरफ से नहीं मिला है। कोर्ट ने अब पंजाब सरकार को बीते 3 वर्षों में ड्रग्ज स्मगलिंग, ड्रग्ज के शिकार लोगों के लिए किए गए कामों और नशा-मुक्ति केन्द्रों की वर्तमान स्थिति सम्बन्धित 3 वर्षों में हुए कामों का विस्तार के साथ डाटा पेश करने के लिए कहा है।
सरकार को उक्त सारी जानकारी एफीडेविट की मार्फत 3 सप्ताह के अंदर देनी होगी। ड्रग्ज के खात्मे और नशों की चपेट में आए नौजवानों के पुनर्वास और उनके परिवार के लिए सरकार और केंद्र ने कई योजनाएं शुरू की हैं, उन सभी की जानकारी और उन योजनाओं को लेकर पंजाब के अलावा चंडीगढ़ प्रशासन और हरियाणा सरकार ने क्या किया, कोर्ट ने बताने के लिए सभी को 3 सप्ताह का समय दिया है। मामलों की सुनवाई अब हाईकोर्ट में गर्मियों की छुट्टियों के बाद 7 जुलाई को होगी।