Sunday, December 14, 2025

IIT Student Suicide: परिजनों का गंभीर आरोप, दो दिन तक कमरे में लटका रहा शव; हॉस्टल प्रबंधन की लापरवाही

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Kanpur News: आईआईटी के बीटेक छात्र धीरज सैनी की आत्महत्या के बाद गुरुवार को परिजनों ने आईआईटी प्रबंधन पर लापरवाही का गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि प्रबंधन ने दो दिन बाद जानकारी दी है।कानपुर में आईआईटी के बीटेक छात्र धीरज सैनी की आत्महत्या के मामले परिजनों ने गुरुवार को आईआईटी प्रबंधन पर जांच की मांग करते हुए गंभीर आरोप लगाए हैं। गुरुवार को वीडियोग्राफी के बीच उसका पोस्टमार्टम किया गया। इसके बाद सब लेकर परिजन हरियाणा स्थित महेंद्रगढ़ के लिए रवाना हो गए। पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे धीरज सैनी के ताऊ सत्येंद्र का कहना था कि मेरा बच्चा बहुत आरक्षित प्रकृति का था।

अपने काम से ही मतलब रखता था। दो दिन बाद आईआईटी प्रबंधन ने फोन कर उनके बच्चे की आत्महत्या की जानकारी दी, जो कितनी बड़ी लापरवाही है। घटना सुनते ही मानो, तो शरीर ने काम करना बंद कर दिया हो। किसी तरह कानपुर पहुंचे यह दिल ही जानता है। उन्होंने बताया कि तीन दिन पहले धीरज के चाचा संदीप ने उससे फोन पर बात की थी। संदीप फल की रेहड़ी लगाकर बच्चे की पढ़ाई का खर्च उठाते थे।

धीरज के संघर्ष का किया जिक्र
पिता सतीश हलवाई का काम करते हैं। उन्होंने बताया कि धीरज ने छठवीं से हाईस्कूल तक उसने हरियाणा के हैप्पी स्कूल से पढ़ाई की। वहां उसकी तीन लाख फीस जमा न होने पर स्कूल प्रबंधन ने उसकी हाईस्कूल की सर्टिफिकेट रोक ली थी। किसी तरह चाचा संदीप ने लोगों से उधार लेकर 1.50 लाख रुपये स्कूल में जमा किए थे। तब उसकी सर्टिफिकेट स्कूल प्रबंधन ने दी थी। उन्होंने धीरज के संघर्ष का जिक्र करते हुए बताया कि धीरज शुरू से ही मेधावी था।

बदहवास मां को नहीं दी गई है सूचना
सोचा था कि यह परिवार की गरीबी को दूर करेगा। इंटर करने के बाद वह खुद उसे राजस्थान, सीकर लेकर गया था। यहां कोचिंग करने बाद आईआईटी कानपुर में इलेक्ट्रिकल इंजीनियर में एडमिशन हुआ था। बुधवार को फोन आया, तो पता चला कि दो दिन से शव उसके कमरे में लटका हुआ था। कहा कि उनका बच्चा तो चला गया, लेकिन आईआईटी प्रबंधन को हॉस्टल में रहने वाले बच्चों के रूम में 24 घंटे के भीतर एक बार जाकर देखना चाहिए कि सब कुछ ठीक है कि नहीं। इस घटना ने पूरे परिवार का सपना ही तोड़ दिया।

अच्छा एथलीट था, क्रिकेट का भी था शौक
ताऊ का कहना था कि आखिरी बार वह मई में घर आया था। वह बहुत ही अच्छा एथलीट था, पढ़ाई के अलावा उसे क्रिकेट का शौक था। वह आईआईटी क्रिकेट टीम का वाइस कैप्टन भी था।

रहस्यमयी ढंग से हुई है मौत, विधिवत जांच होनी चाहिए
रिश्तेदार एसएन सैनी ने बताया कि आईआईटी में धीरज की रहस्यमयी ढंग से मौत हुई है। इंस्टीट्यूट अपनी छवि धूमिल होने से बचाने के लिए आत्महत्या पर ज्यादा ध्यान नहीं देंगे। जैसे बाकी बच्चों की मौत की फाइलें धूल खा रही हैं, उसी तरह से धीरज के आत्महत्या की फाइल भी धूल खाती रहेगी। इसकी विधिवत जांच होनी चाहिए।

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