छतरपुर: दिल्ली से वृंदावन तक सनातन हिंदू एकता पदयात्रा के निर्विघ्न संपन्न होने पर बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने सभी पदयात्रियों एवं प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े रहने वालों का धन्यवाद किया है।
पूरी दुनिया ने हिंदुओं का ज्वार भाटा देखा-शास्त्री
शास्त्री ने कहा कि पूरी दुनिया ने हिंदुओं का ज्वार भाटा देखा है। यह हिंदुओं का सड़क पर चलने वाला समुद्र था। सबने भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने का जो प्रण लिया है वह सभी के एकजुट बने रहने से अवश्य पूरा होगा। शास्त्री ने कहा कि अगर अंगूर गुच्छे में रहे तो वो कीमती रहता है और गुच्छे से टूट जाए तो कीमत घट जाती है, इसलिए हिंदुओं को इकट्टे रहना है।
7 नवंबर से दिल्ली के कात्यायनी शक्तिपीठ से शुरू हुई सनातन हिंदू एकता पदयात्रा के 16 नवंबर को विश्राम होने के समय महाराज श्री ने बांके बिहारी के दर्शन किए और वापस बागेश्वर धाम आ गए। उन्होंने मंगलवार को बालाजी के दर्शन करते हुए उनकी पूजा अर्चना की।
आतंकवादी पीछे लगे,लेकिन बालाजी ने यात्रा नहीं रुकने दी
पुरानी पेशी का दरबार लगाते हुए सबको आशीर्वाद दिया। उन्होंने कहा कि हनुमान जी के प्रभाव से यात्रा निर्विघ्न संपन्न हुई। सभी लोग हनुमान जी पर भरोसा रखें, सब संकट दूर हो जाएंगे। इतनी बड़ी यात्रा के बीच कई झंझट आए, आतंकवादी पीछे लगे, फरीदाबाद में भारी विस्फोटक मिला, हथियार मिले, इन सबका मकसद यात्रा को रोकना था लेकिन बालाजी ने यात्रा नहीं रुकने दी।
हनुमान जी की पूंछ में आग लगाने की कोशिश वालों के घर जल गए, पूंछ सुरक्षित है
उन्होंने कहा कि जिस तरह से सिर्फ कठपुतली दिखाई देती है लेकिन कठपुतली को चलाने वाला कोई और होता है। ठीक उसी तरह से हम सब पदयात्री के रूप में दिखाई देते रहे लेकिन चलाते बालाजी रहे। उन्होंने कहा कि हनुमान जी की पूंछ पर आग लगाने की कोशिश वालों के घर जल गए, पूंछ सुरक्षित है।
पदयात्रा की 3 सफलताएं- हिंदुओं में एकता, सामाजिक समरसता भोज, वृंदावन की मदिरा दुकान का विरोध
बागेश्वर महाराज ने कहा कि पदयात्रा का संदेश दूर-दूर तक जा रहा है। इस पदयात्रा की तीन सफलताएं त्वरित दिखाई दे रही है। पहली सफलता यह कि हिंदू एकता को इससे ताकत मिली है। दूसरी सफलता समरसता का संदेश है। रास्ते में जहां भी उन लोगों के साथ बैठकर भोजन पाया जिन्हें लोग अछूत कहते हैं वहां उन गांवों में समरसता की चर्चा हुई। सभी ने छुआछूत मिटाकर सबके साथ एक भाव रखने का काम शुरू किया। तीसरी सफलता वृंदावन में मदिरा की खुली दुकान को बंद करने की कार्रवाई शुरू होना है।


