Saturday, March 15, 2025
Home Blog Page 25

कौन हैं लखनऊ के लाल शुभांशु शुक्ला: जो बनेंगे अंतरिक्ष स्टेशन पर जाने वाले पहले भारतीय, कैसे हासिल किया मुकाम?

0

शुभांशु शुक्ला का नाम एग्जियोम मिशन के लिए तय होने और इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में उनकी तरफ से कही गई बातों के बाद यह जानना अहम है कि आखिर वे हैं कौन? उनका भारत से कितना गहरा नाता रहा है? शुभांशु की पढ़ाई कहां हुई है? उनका अनुभव क्या रहा है और शुभांशु का इस मिशन के लिए चुनाव कैसे हुआ? आइये जानते हैं…

भारत जल्द ही एक और ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करने वाला है। भारत के शुभांशु शुक्ला अब अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय बनने वाले हैं। इतना ही नहीं, वे अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) में पहुंचने वाले पहले भारतीय होंगे। हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान शुभांशु ने खुद कहा कि उन्हें एग्जियोम मिशन 4 के लिए चुनाव गया है। इस मिशन को अमेरिका के अंतरिक्ष अभियानों से जुड़ी कंपनी एग्जियम स्पेस और नासा के सहयोग से अंजाम दिया जा रहा है।

बता दें कि इस मिशन में शुभांशु के साथ तीन और अंतरिक्ष यात्री शामिल रहेंगे। प्रेस कॉन्फ्रेंस में शुभांशु शुक्ला ने बताया कि वह अभियान के दौरान कई वैज्ञानिक मिशन्स को अंजाम देंगे। शुभांशु ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि उनकी यह अंतरिक्ष यात्रा भविष्य की पीढ़ियों को प्रेरित करने का काम करेगी। उन्होंने कहा कि वह आईएसएस पर एक निजी एजेंडे के साथ भी जा रहे हैं। वहां वे अपने अनुभवों को वे तस्वीरें और वीडियो के जरिए इकट्ठा करेंगे। शुभांशु ने कहा, मैं इन अनुभवों को साझा करुंगा, ताकि सभी भारतवासी मेरी आंखों से देखी गई चीजों को खुद महसूस करें। मैं भले ही एक व्यक्ति की तरह यह यात्रा कर रहा हूं, लेकिन यह सफर 1.4 अरब लोगों का है।

शुभांशु शुक्ला का नाम एग्जियोम मिशन के लिए तय होने और इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में उनकी तरफ से कही गई बातों के बाद यह जानना अहम है कि आखिर वे हैं कौन? उनका भारत से कितना गहरा नाता रहा है? शुभांशु की पढ़ाई कहां हुई है? उनका अनुभव क्या रहा है और शुभांशु का इस मिशन के लिए चुनाव कैसे हुआ? आइये जानते हैं…

कौन हैं शुभांशु शुक्ला?

  • शुभांशु शुक्ला का जन्म उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में 10 अक्तूबर 1985 को हुआ था। तीन भाई-बहनों में सबसे छोटे शुभांशु लखनऊ के अलीगंज में स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल में पढ़े और 2001 में स्कूली शिक्षा पूरी की।
  • 2003 में उन्हें एनडीए में चुना गया। ट्रेनिंग के बाद शुभांशु ने विमानन क्षेत्र में विशेषज्ञता हासिल की और भारतीय वायुसेना का हिस्सा बने।
  • 17 जून 2006 को शुभांशु भारतीय वायुसेना के फाइटर जेट्स को उड़ाने वाले बेड़े का हिस्सा बने। इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। अपने करियर में आगे बढ़ते हुए 2019 में उन्होंने विंग कमांडर की रैंक हासिल की।
  • शुभांशु फाइटर कॉम्बैट लीडर और एक टेस्ट पायलट हैं, जिनके पास लगभग दो हजार घंटे की उड़ान का अनुभव है। उन्होंने एसयू-30 एमकेआई, मिग-21, मिग-29, जगुआर, हॉक, डोर्नियर, एएन-32 समेत कई तरह के विमान उड़ाए हैं।

गौरतलब है कि 2019 ही वह साल था, जब भारत ने अपने पहले मानव अंतरिक्ष मिशन- गगनयान के लिए अंतरिक्ष यात्री की खोज शुरू की थी। शुभांशु का सैन्य रिकॉर्ड और कॉम्बैट अनुभव यहीं अहम साबित हुआ और वे मिशन के लिए चुने जाने वालों में से एक बने।

पहली अंतरिक्ष यात्रा के लिए कैसे हासिल की ट्रेनिंग?
शुभांशु शुक्ला का टेस्ट पायलट होना उनके अंतरिक्ष मिशन के लिए चुने जाने की एक बड़ी वजह बना। हालांकि, अंतरिक्ष यात्री बनने के लिए उन्हें लंबी और कठोर ट्रेनिंग से गुजरना पड़ा है। भारत और रूस के बीच गगनयान मिशन की ट्रेनिंग के लिए हुए समझौते के तहत शुभांशु को साथी भारतवासियों के साथ 2021 में मॉस्को में गागरिन कॉस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर भेजा गया। यहां उन्हें जीरो ग्रैविटी से लेकर आपात प्रोटोकॉल्स और स्पेसक्राफ्ट ऑपरेशंस तक की ट्रेनिंग दी गई।

भारत वापस आने के बाद शुभांशु इसरो के बंगलूरू स्थित ट्रेनिंग सेंटर में जारी परीक्षणों में भी शामिल रहे। 27 फरवरी 2024 को आखिरकार गगनयान मिशन के लिए जिन चार अंतरिक्ष यात्रियों के नाम का एलान किया गया, उनमें एक नाम शुभांशु शुक्ला का भी था।

एग्जियोम मिशन के लिए कैसे हुआ चुनाव?
इसरो ने पिछले साल ही एलान किया था कि ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला और एक और भारतीय अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालकृष्णन नायर को आईएसएस के लिए भेजे जाने वाले भारत-अमेरिका के साझा मिशन के लिए चुना गया है। ऐसा नासा की तरफ से मान्यता प्राप्त सेवा प्रदाता एग्जियोम स्पेस इंक की सिफारिश पर किया गया।

शुभांशु शुक्ला को एक प्रधान अंतरिक्ष यात्री के रूप में चुना गया है। प्रधान अंतरिक्ष यात्री वह होता है, जिसे उड़ान भरने के लिए चुना जाता है। उनके अलावा प्रशांत बालकृष्णन नायर को एक बैकअप अंतरिक्ष यात्री के तौर पर चुना गया है। किसी भी दुर्घटना की स्थिति में अंतिम समय में अंतरिक्ष यात्री को बदलने की जरूरत होती है तो बैकअप ही इसके लिए तैयार रहता है।

एग्जियोम के मिशन में कौन-कौन होगा शुभांशु का साथी यात्री?
इस मिशन को एग्जियोम और नासा एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स की मदद से अंजाम देंगे। स्पेसएक्स के ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट में शुभांशु शुक्ला के अलावा अमेरिका की कमांडर पेगी व्हिट्सन, पोलैंड से मिशन स्पेशलिस्ट स्लावोज उज्नान्स्की शामिल रहेंगे। इसके अलावा हंगरी के मिशन स्पेशलिस्ट टिबोर कापू भी अभियान में शामिल रहेंगे।

क्या है एग्जियोम मिशन, इसमें क्या होगा शुभांशु का काम?

यह मिशन सिर्फ शुभांशु के लिए निजी तौर पर अहम नहीं होगा, बल्कि एग्जियोम-4 के जरिए वे भारत के अपने गगनयान मिशन के लिए भी तैयारी करेंगे। इस मिशन में हासिल किए गए अनुभव के जरिए शुक्ला गगनयान के बाकी सह-यात्रियों की मदद भी कर सकेंगे। खासकर अंतरिक्ष के माहौल का सीधा अनुभव उनकी और मिशन के लिए काफी फायदेमंद साबित होगा।

मातम में बदली खुशियां, सड़क हादसे में नाबालिग लड़के की मौत; अगले महीने होनी थी बहन की शादी

0

Bihar News: बिहार के शिवहर जिले में एक घर में शादी की खुशियां उस समय मातम में बदल गईं जब सड़क दुर्घटना में 15 वर्षीय नाबालिग लड़के की मौत हो गई। इस घटना के बाद मृतक के परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।

जानकारी के अनुसार, घटना जिले के फतेहपुर थाना क्षेत्र के पवित्रनगर गांव में घटी। बताया जा रहा है कि दो बाइकों के बीच आमने-सामने की टक्कर हो गई। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि बाइक सवार रविशंकर गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन रास्ते में ही उनकी मौत हो गई। रविशंकर हरनाही गांव निवासी धर्मवीर राय के बेटे थे।

वहीं घटना की सूचना मिलते ही फतेहपुर थाना अध्यक्ष कोमल रानी अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल शिवहर भेज दिया। मृतक के परिवार में अगले महीने 24 फरवरी को बेटी रूपा कुमारी की शादी की तैयारियां चल रही थीं। लेकिन इस हादसे में परिवार में मातम फैला दिया।

परीक्षा ड्यूटी से बाहर रहेंगे 14 परीक्षक

0

रायबरेली। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) ने प्रदेश में डिबार घोषित किए गए परीक्षकों (शिक्षकों) की सूची जारी की है। इसमें रायबरेली जिले के 14 परीक्षक शामिल हैं। इन सभी परीक्षकों से बोर्ड परीक्षा संबंधी कार्य नहीं लिया जाएगा। इनमें छह शिक्षकों को तीन साल के लिए डिबार किया गया है, जबकि आठ शिक्षक आजीवन डिबार रहेंगे।

पिछली परीक्षाओं में लापरवाही बरतने या खामियां मिलने के कारण इन्हें डिबार किया गया है। जिला विद्यालय निरीक्षक संजीव कुमार सिंह ने भी डिबार किए गए शिक्षकों की सूची सभी परीक्षा केंद्रों और मूल्यांकन केंद्रों को भेज दी है। डिबार परीक्षकों में अवनीश प्रताप सिंह, बृजेंद्र सिंह, चंद्रशेखर त्रिवेदी, डॉ. नीरज, राम प्रताप सिंह, विद्या सागर, रंजीत बहादुर यादव और अतुल कुमार शामिल हैं, जिन्हें आजीवन डिबार किया गया है।

इसी तरह संदीप कुमार मिश्र, अनिल कुमार सिंह, अनुज मौर्य, सरिता, अशोक कुमार और संदीप श्रीवास्तव तीन साल के लिए डिबार किए गए हैं। इनमें शामिल अनिल कुमार सिंह का तबादला फतेहपुर जिले के लिए हो चुका है। इसीलिए फतेहपुर के जिला विद्यालय निरीक्षक को पत्र भेजकर अवगत करा दिया गया है।

जिला विद्यालय निरीक्षक ने बताया कि सभी परीक्षा केंद्रों के केंद्र व्यवस्थापकों के साथ ही चारों मूल्यांकन केंद्रों के उप नियंत्रकों को पत्र भेजकर डिबार किए गए परीक्षकों की जानकारी दे दी गई है। केंद्र व्यवस्थापकों और उप नियंत्रकों से कहा गया है कि डिबार किए गए परीक्षकों को किसी भी दशा में बोर्ड परीक्षा 2025 से जुड़ा कोई भी काम न लिया जाए।

यूपी बेसिक शिक्षक: शिक्षकों की तबादले की प्रक्रिया में लगा ग्रहण, आदेश के एक महीने बाद जारी नहीं हुआ कार्यक्रम

0

UP Teacher News:  परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों पर परस्पर तबादले की प्रक्रिया पर ग्रहण लग गया है। शिक्षामित्रों के समायोजन की प्रक्रिया भी आगे नहीं बढ़ पाई है।

UP Basic Teacher: परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों का जिले के अंदर परस्पर तबादले व एक से दूसरे जिले में परस्पर तबादले की प्रक्रिया एक महीने बाद भी नहीं शुरू हो पाई है। शिक्षामित्रों के समायोजन की प्रक्रिया भी आगे नहीं बढ़ पाई है। इससे शिक्षक व शिक्षामित्र खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं।

प्रदेश में परस्पर व सामान्य तबादला जाड़े व गर्मी की छुट्टी में करने का पूर्व में निर्देश दिया गया है। इसके तहत 2023 में शुरू हुई तबादले की प्रक्रिया जनवरी 2024 में पूरी की गई। करीब एक साल बाद जिले के अंदर तबादले का शासनादेश 27 दिसंबर व जिले के बाहर तबादले का शासनादेश सात जनवरी को जारी किया गया था। इसके बाद 10 जनवरी तक शिक्षकों का डाटा अपडेट करने का निर्देश दिया गया। पर, स्थिति ये है कि जिले के अंदर परस्पर तबादले की प्रक्रिया बेसिक शिक्षा विभाग नहीं शुरू कर सका है। वहीं, शिक्षकों को एक से दूसरे जिले में परस्पर तबादले का इंतजार है। शिक्षकों का कहना है कि एक तो विभाग हर छह महीने में होने वाली प्रक्रिया को एक साल बाद शुरू कर रहा है। अब उसे भी टरकाया जा रहा है।

शिक्षकों का कहना है कि शासनादेश जारी करने में जाड़े की छुट्टी बीत गई, अब प्रक्रिया पूरी करने में गर्मी की छुट्टी बीत जाएगी। विभाग को गर्मी की छुट्टियों से पहले सभी औपचारिकता पूरी करनी चाहिए ताकि छुट्टी के दौरान शिक्षकों को रिलीव और जॉइन कराया जा सके। शिक्षकों ने बताया कि विभाग में इस पर कोई जानकारी भी नहीं दे रहा है। 

शिक्षकों के साथ हो रहा है छल

बेसिक शिक्षा विभाग शिक्षकों के साथ छल कर रहा है। एक-एक प्रक्रिया पूरी करने में छह-छह महीने लगेंगे तो शिक्षक को तबादले के लिए काफी लंबा इंतजार करना पड़ेगा। जल्दी ही प्रक्रिया पूरी कर गर्मी की छुट्टियों में तबादले का लाभ शिक्षकों को देना चाहिए।- डॉ. दिनेश चंद्र शर्मा, प्रदेश अध्यक्ष, उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ

जिलों से मांगी गई है सूचना

परस्पर तबादले का शासनादेश जारी होने के बाद शिक्षकों का डाटा अपडेट करने की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। इसकी सूचनाएं जिलों से मांगी गई हैं। उच्च स्तर पर वार्ता करके आगे का कार्यक्रम जल्द जारी किया जाएगा। – सुरेंद्र तिवारी, सचिव, बेसिक शिक्षा परिषद

आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी किन्नर अखाड़े से निष्कासित, ममता कुलकर्णी हैं वजह

0

किन्नर अखाड़ा में अभिनेत्री ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर बनाने पर आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी पर गाज गिर गई है। संस्थापक ऋषि अजय दास ने लक्ष्मी नारायण को पदमुक्त कर दिया है। साथ ही अभिनेत्री ममता कुलकर्णी को भी पद से हटा दिया है।

फिल्म अभिनेत्री ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर बनाए जाने के बाद किन्नर अखाड़े में घमासान शुरू हो गया है। अखाड़े के संतों की आपत्ति के बाद अखाड़े के संस्थापक ऋषि अजय दास ने किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को पदमुक्त कर दिया है। इस संबंध में एक पत्र भी जारी किया है। हालांकि आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने इस कार्रवाई को अनुचित बताया है। कहा कि अजय दास को किन्नर अखाड़े से पहले ही निकाला जा चुका है, वह किस हैसियत से कार्रवाई कर सकते हैं।

अभिनेत्री ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर की पदवी दिए जाने को लेकर आचार्य लक्ष्मी नारायण के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी जा रही थी। अभिनेत्री को महामंडलेश्वर बनाने को लेकर किन्नर अखाड़े के भीतर ही विरोध शुरू हो गया था। किन्नर अखाड़े के संस्थापक अजय दास और आचार्य महामंडलेश्वर डॉ. लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी इस मसले पर आमने-सामने आ गए हैं। इसी बीच अजय दास ने लक्ष्मी नारायण के साथ ही ममता को भी पद से हटा दिया है।

उधर, लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी का कहना है कि अजय दास किस हैसियत से कार्रवाई करेंगे। वह तो किसी पद पर ही नहीं है। उनको तो पहले से ही अखाड़े से निकाला जा चुका है। किन्नर अखाड़े की ओर से शुक्रवार को मीडिया के सामने इस मुद्दे को लेकर वार्ता हो सकती है। 

अजय दास ने जारी किया पत्र

ऋषि अजय दास ने मीडिया को जारी पत्र में कहा है कि वर्ष 2015-16 में उज्जैन के महाकुंभ में लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को आचार्य महामंडलेश्वर पद पर नियुक्त किया गया था। जिस उद्देश्य को लेकर उनको पदवी दी गई थी, उससे वह भटक गए हैं। इसलिए उनको पदमुक्त किया जा रहा है। शीघ्र ही उन्हें इसकी लिखित सूचना दे दी जाएगी। यह भी आरोप लगाया कि बिना मेरी सहमति के 2019 के कुंभ में इन्होंने एक अनुबंध जूना अखाड़े के साथ कर लिया। जो कि अनैतिक ही नहीं विधि के अनुकूल भी है। जो कि एक जालसाजी है।

कहा कि फिल्मी दुनिया से ताल्लुक रखने वाली ममता बनर्जी को इन्होंने महामंडलेश्वर बना दिया। इससे सनातन धर्म की छवि धूमिल हो रही है। इससे मजबूर होकर लक्ष्मी नारायण के खिलाफ कार्रवाई करनी पड़ी।

किन्नर अखाड़े में बनाए गए चार महामंडलेश्वर

किन्नर अखाड़ा ने बृहस्पतिवार को चार महामंडलेश्वर समेत चार श्रीमहंत बनाए। विधि-विधान से उनकी सभी धार्मिक क्रियाएं आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी की अगुवाई में कराई गईं। इस दौरान शंकरानंद गिरि (महाराष्ट्र), स्वरूपा भारती (राजस्थान), यशोधानंद गिरि, नारायणी नंद गिरि (पुणे) और सतीनंद गिरि को महामंडलेश्वर की पदवी दी गई। जबकि, भैरवी नंद गिरि (दिल्ली), सरस्वती नंद गिरि, दिव्यानी नंद गिरि (दिल्ली) और हरिहर नंद गिरि श्रीमहंत बनाए गए। इस दौरान जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर गर्गाचार्य मुचकुंद, पीठाधीश्वर स्वामी महेंद्रानंद गिरि, महामंडलेश्वर स्वामी जय अंबानंद गिरि, किन्नर अखाड़ा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी पार्वती नंद गिरि, महामंडलेश्वर मनिकंडन, प्रदेशाध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी कौशल्यानंद गिरि, महामंडलेश्वर स्वामी कल्याणीनंद गिरि समेत अन्य मौजूद रहे। 

अयोध्या: भीड़ के मामले में टूटा प्राण प्रतिष्ठा के समय का रिकॉर्ड, सात दिनों में 18 लाख लोग पहुंचे राम मंदिर

0

Ayodhya darshan: महाकुंभ में आ रही भीड़ का असर ही है कि अयोध्या में दर्शन करने वाली भीड़ ने एक रिकॉर्ड कायम किया है। इतनी भीड़ प्राण प्रतिष्ठा के समय पर भी नहीं आई थी।

प्रयागराज में डुबकी लगाने के बाद श्रद्धालुओं का पलट प्रवाह अयोध्या की ओर है। श्रद्धालुओं की भीड़ नया कीर्तिमान भी बना रही है। रामलला के दरबार में भक्तों की भीड़ इस कदर उमड़ रही है कि राममंदिर ट्रस्ट को व्यवस्थाएं बदलनी पड़ी। सात दिनों में रामलला के दरबार में 18 लाख से अधिक श्रद्धालु पहुंच चुके हैं जबकि प्राण प्रतिष्ठा के बाद सात दिनाें में 16़ 50 लाख श्रद्धालु आए थे।

23 जनवरी से ही अयोध्या में श्रद्धालुओं का रेला उमड़ पड़ा है। इन दिनाें रामलला के दरबार में रोजाना ढ़ाई से तीन लाख श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। 26 से 29 जनवरी के बीच रोजाना तीन लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने रामलला के दर्शन किए। श्रद्धालुओं में रामलला के दर्शन की ललक को देखते हुए मंदिर सुबह पांच बजे से रात 11 बजे तक निरंतर खुल रहा है। इससे पहले मंदिर सुबह सात बजे से रात 9:30 बजे तक खुलता था।

भीड़ की स्थिति यह है कि रामलला को दोपहर में विश्राम भी नहीं कराया जा रहा है। भोग आरती के लिए महज 10 मिनट के लिए मंदिर का पट दोपहर 12:30 बजे बंद किया जाता है। इसके बाद मंदिर लगातार 11 बजे तक खुला रहता है।

एसपी सुरक्षा बलरामाचारी दुबे ने बताया कि राममंदिर इन दिनों रोजाना 18 घंटे खुल रहा है। भीड़ नियंत्रण के लिए गेट नंबर तीन को भी खोल दिया गया है। अब श्रद्धालुओं की निकासी रामजन्मभूमि पथ के बजाय गेट नंबर तीन से ही हो रही है। एटीएस, सीआरपीएफ, पीएसी, पुलिस के जवान राममंदिर की सुरक्षा में लगे हैं। हाईटेक कंट्रोल रूमें से 24 घंटे निगरानी की जा रही है। लाउड स्पीकार के माध्यम से श्रद्धालुओं को हर सुविधा की निरंतर जानकारी दी जा रही है। खोया पाया कैंप भी परिसर में स्थापित किया गया है। 

अस्पताल में हो रहा नि:शुल्क इलाज, पिलाया जा रहा पानी

राममंदिर के ट्रस्टी डॉ़ अनिल मिश्र ने बताया कि ट्रस्ट के 200 स्वंय सेवक श्रद्धालुओं की सेवा में लगाए गए हैं। श्रद्धालुओं को पानी भी पिलाया जा रहा है। तीर्थ यात्री सुविधा केंद्र में बीमार श्रद्धालुओं का नि:शुल्क इलाज किया जा रहा है। ट्रस्ट की टीम 24 घंटे व्यवस्थाओं की मानीटरिंग कर रही है। तीर्थ क्षेत्र पुरम के दरवाजे भी श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए हैं। जिन श्रद्धालुओं को रहने-खाने की सुविधा नहीं मिल रही है वह तीर्थ क्षेत्र पुरम बागबिजेसी में रूक सकते हैं। वहीं बजरंग दल की ओर से टेढ़ीबाजार पर बृहस्पतिवार को नि:शुल्क प्रसाद वितरण भी किया गया।

22 जनवरी 2024 के बाद सात दिनों में आए श्रद्धालु

23 जनवरी- चार लाख
24 जनवरी-2़ 50 लाख
25 जनवरी-2़ 50 लाख
26 जनवरी- दो लाख
27 जनवरी- दो लाख
28 जनवरी-दो लाख
29 जनवरी- 1़ 50 लाख

22 जनवरी 2025 के बाद सात दिनों में आए श्रद्धालु

23 जनवरी- 2़ 13 लाख
24 जनवरी- 1़ 84 लाख
25 जनवरी- 1़ 70 लाख
26 जनवरी- 3़ 34 लाख
27 जनवरी- 3़ 12 लाख
28 जनवरी- तीन लाख
29 जनवरी- 3़ 09 लाख

परीक्षा देने गई छात्रा की हत्या कर शव नहर किनारे झाड़ियों में फेंका

0

उरई। बीए की सेमेस्टर परीक्षा देने गई छात्रा का शव नहर किनारे लगी झाड़ियों में लहूलुहान हालात में पड़ा मिला। रात में छात्रा जब घर नहीं पहुंची तो परिजनों ने खोजबीन की पर कुछ पता नहीं चला। रात में ही उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट थाने में दर्ज कराई गई। सुबह उसका शव मिलने से खलबली मच गई। उसके चेहरे में करीब पांच जगह चोंटों के निशान मिले हैं। इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि छात्रा की बेरहमी से हत्या कर शव फेंका गया है। परिजनों ने दुष्कर्म कर हत्या किए जाने की आशंका जताई है। दो डॉक्टरों के पैनल ने पोस्टमार्टम में स्लाइड बनाई है।

शहर कोतवाली क्षेत्र के एक गांव निवासी 19 वर्षीय बीए द्वितीय वर्ष की छात्रा एट थाना क्षेत्र के एक गांव में अपने फूफा के यहां पिछले दो साल से रहकर पढ़ाई कर रही थी। बुधवार को वह आटा थाना क्षेत्र स्थित एक महाविद्यालय में सेमेस्टर की परीक्षा देने जाने की बात कहकर घर से निकली थी। लेकिन शाम तक वह घरनहीं लौटी। इस पर फूफा ने उसकी खोजबीन की। लेकिन उसका कहीं कोई पता नहीं चल सका। उन्होंने एट थाने में छात्रा की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई।

गुरुवार सुबह कुछ ग्रामीण जब खेतों की तरफ जा रहे थे तो कोंच-एट को जोड़ने वाले अमीटा लिंक रोड के किनारे बनी नहर की झाड़ियों में छात्रा का शव पड़ा दिखाई दिया। इस पर ग्रामीणों ने परिजनों व पुलिस को सूचना दी। जानकारी पाकर सीओ कोंच डॉ. देवेंद्र पचौरी थाना पुलिस के साथ मौके पर पहुंचे। फूफा ने बताया कि भतीजी के पास फोन नहीं था। बुधवार को परीक्षा देने के बाद उसने किसी दूसरे के बताया था कि वह काम से एट आ गई है और घर आ रही है, कुछ लाना तो नहीं है।

इस पर उनके बेटे ने समोसा खाने की इच्छा जताई तो उसने थोड़ी देर में भी लाने की बात कही। शाम तक जब वह घर नहीं पहुंची तो परिजनों ने उसकी खोजबीन की। पता न चलने पर पुलिस को सूचना दी तो पुलिस ने फूफा की तहरीर पर छात्रा की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कर ली। गुरुवार सुबह उसका शव पड़ा होने की सूचना मिली। परिजनों ने दुष्कर्म कर हत्या किए जाने की आशंका जताई है। परिजनों ने बताया कि छात्रा के पिता गुजरात में रहकर काम करते हैं। जबकि उनकी मां एक बहन व एक भाई के साथ गांव में रहती है। जबकि छात्रा अपनी बुआ फूफा के साथ करीब दो वर्ष से रहती थी। एसपी. डॉ. दुर्गेश कुमार ने बताया कि हर बिंदु पर जांच पड़ताल की जा रही है। टीमों को लगाया गया है, जल्द ही घटना का खुलासा किया जाएगा।

डॉक्टरों के दो सदस्यीय पैनल ने वीडियोग्राफी के साथ छात्रा के शव का पोस्टमार्टम किया है। उसके गले व चेहरे पर चोटों के पांच जगहों पर निशान हैं। टीम ने दुष्कर्म की आशंका को देखते हुए स्लाइड लेकर जांच के लिए लैब में भेजी है।

घटनास्थल पर ही पड़े रह गए समोसे, कान से बालियां गायब

उरई। छात्रा का शव पड़े होने की सूचना पर पहुंची पुलिस को उसके शव के पास ही समोसे व एक झोला पड़ा मिला। जबकि उसके कान की दोनों बालियां गायब थी। वहीं, कानों से खून निकल रहा था। जिससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि हत्या करने से पहले उसके कान से बालियां खींची गई हैं। उसके पीछे पिट्ठू बैग भी वैसे ही पीछे टंगा था। जैसे वह वापस लौट रही हो। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उसके गले में चोट के निशान पाए गए हैं। उसके शरीर में करीब पांच जगहों पर चोट के निशान है।

बुआ की मदद के लिए दो वर्ष पहले खुशी चली गई थी अमीटा

उरई। छात्रा ने इंटर की पढ़ाई अपने घर पर ही रहकर की थी। इसके बाद करीब दो वर्ष पहले बुआ के बेटे की हादसे में रीढ़ की हड्डी खराब हो गई थी। इससे वह चलने फिरने में असमर्थ हो गया था। बुआ के कहने पर वह यहां आकर रहने लगी थी। साथ ही अपने भाई की देखरेख की पूरी जिम्मेदारी वह अपने सिर पर लिए थी। परिजनों ने बताया कि सुबह से शाम तक वह उसकी सेवा करती रहती थी। घटना की जानकारी मिलने पर उसका भाई बिलख-बिलख कर रो रहा है। जब उसकी बुआ कुंभ गई हैं। जानकारी पर उनका भी रो रोकर बुरा हाल है।

सूचना के बाद भी नहीं जागी एट पुलिस
उरई। बुधवार की शाम लापता हुई छात्रा की तलाश करते हुए उसके फूफा ने ग्रामीणों के साथ थाना एट भी पहुचे थे और रात में ही छात्रा के लापता होने की सूचना दे दी थी। उसके बाद एट पुलिस ने रिपोर्ट तो दर्ज की। लेकिन कोई सक्रियता नहीं दिखाई। ग्रामीणों का कहना है कि अगर एट पुलिस रात में ही मामले को गंभीरता से लेती तो शायद छात्रा की जान नहीं जाती। पुलिस की कार्य शैली के ग्रामीणों में आक्रोश है।

पुलिस ये तक भूल गई कि वो डॉक्टर है…बीच सड़क पर अभद्रता, फिर हवालात में ठूंसा; IMA ने की हड़ताल की घोषणा

0

चिकित्सक और शिक्षिका की कार में हुई टक्कर के मामले ने तूल पकड़ लिया है। चिकित्सक के साथ पुलिस द्वारा किए गए अभद्र व्यवहार को लेकर आईएमए में गुस्सा है। इसे लेकर बेमियादी हड़ताल कर दी गई है।

आगरा में कारगिल तिराहा (सिकंदरा) पर बृहस्पतिवार सुबह चिकित्सक और शिक्षिका की कारों में टक्कर लगने के बाद हुए विवाद ने तूल पकड़ लिया है। चिकित्सक ने सिकंदरा पुलिस पर अभद्रता और हवालात में बंद करने का आरोप लगाया। उधर, शिक्षिका ने भी तहरीर दी है। पूरे प्रकरण में आईएमए ने थाना पुलिस के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए शुक्रवार शाम से बेमियादी हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है।

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के सदस्य डॉ. अविनाश सिंह ने बताया कि वह बृहस्पतिवार सुबह घर से अस्पताल जा रहे थे। कारगिल तिराहे पर एक कार से टक्कर हो गई। कार चालक गालीगलौज करने लगा। कार में महिला सवार थीं। वह वीडियो बना रहीं थीं। मेरी कार का पीछा भी किया। सिकंदरा चौराहा पर पुलिस ने कार रोककर मुझे थप्पड़ मारा और हवालात में अपराधियों की तरह बंद कर दिया। पुलिस के पास कोई शिकायत नहीं थी।

महिला एक निरीक्षक की पत्नी हैं। वहीं शास्त्रीपुरम से चालक सोहनलाल शिक्षिका को कार से लेकर जा रहे थे। शिक्षिका का आरोप है कि तिराहे पर जाम लगा था। उनकी कार भी फंसी थी, तभी एक कार आई। उन्होंने उनकी कार में टक्कर मार दी। इस पर चालक ने कार चला रहे व्यक्ति को रुकने के लिए कहा। मगर, वो अभद्रता और गालीगलाैज करने लगे। इस पर वह भी कार से उतरीं। मगर, उनसे भी गलत बोल दिया। बाद में कार लेकर आगे चले गए।

सिकंदरा तिराहे पर भी दूसरे वाहन से टक्कर लगी। इस पर पुलिस ने पकड़ लिया। थाने पर ले आए। थाना सिकंदरा के प्रभारी निरीक्षक ने बताया कि महिला शिक्षिका और चिकित्सक ने थाना में तहरीर दी है। दोनों ने अभद्रता और गालीगालाैज के आरोप लगाए हैं। इस पर जांच कराई जा रही है। तिराहे पर लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज निकलवाए जा रहे हैं। इसके आधार पर ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।

शव मिलने से 10 घंटे पहले की गई थी छात्रा की हत्या, शरीर पर थे वहशत के निशान…रिसता मिला खून, पढ़ें मामला

0

Kanpur News: छात्रा के अपहरण के बाद हत्या के मामले की शुरूआती जांच में इस बात के संकेत मिले हैं कि अपहरणकर्ताओं ने उसे तीन दिन तक बंधक बनाए रखा। इसके बाद भी पुलिस उसे नहीं खोज सकी। घटना से महाराजपुर पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठ रहे हैं।

कानपुर के महाराजपुर में तीन दिन पहले लापता हुई छात्रा की हत्या शव बुधवार की रात की गई। घटना की जांच करने पहुंची फॉरेंसिक टीम और पुलिस ने छात्रा के शरीर के घावों और बह रहे खून को देखने के बाद इस बात का अंदाजा लगाया है। उनका कहना है कि शव मिलने के आठ से दस घंटे पहले हत्या कर शव को खेत में फेंका गया।

हालांकि किसी निष्कर्ष तक पहुंचने के लिए वह पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने का इंतजार कर रहे हैं। रिपोर्ट से ही मौत के समय के साथ-साथ मौत की वजह और दुष्कर्म को लेकर भी स्थिति स्पष्ट होगी। दरअसल, शव मिलने की सूचना पर पुलिस अधिकारियों के साथ पहुंची फॉरेंसिक टीम ने घटनास्थल से खून के सैंपल, मृतका की चप्पल भी साक्ष्य के रूप में अपने कब्जे में ली।

शरीर के कई हिस्सों से खून रिसता मिला
घटनास्थल की फोटोग्राफी की। टीम की मानें, तो छात्रा के दोनों हाथ पीछे बांधने की वजह से टूट गए हैं। एक पैर दूसरे पैर पर चढ़ा हुआ था। बाई तरफ का चेहरा कुचला गया था। अनुमान है कि छात्रा की पहचान मिटाने के लिए यह कृत्य किया गया। महिला पुलिस कर्मी ने जब शव की जांच की, तो शरीर पर कई जगह वहशियत के निशान भी दिखाई दिए। शरीर के कई हिस्सों से खून रिसता मिला।

खोजी कुत्ता कल्लू सिंह के बंद स्कूल तक गया
घटनास्थल पर फील्ड यूनिट की टीम का खोजी कुत्ता पहुंचा। दुर्गंध आने पर कुत्ता लगभग 500 मीटर दूर स्थित कल्लू सिंह के बंद स्कूल और ट्यूबवेल के पास पहुंचा। वहां से भ्रमित हो गया और सड़क के बाद पांच मीटर मिट्टी पर चलने के बाद घटनास्थल पर लौट आया। हत्यारों ने अंदर अरहर की फसल हटाकर शव फेंके जाने का स्थान बनाया।
Student was murdered 10 hours before her body was found marks of brutality on her body blood found oozing

दो साल पहले बेटे को भगा दिया था किसान ने
मृतका के किसान पिता ने बताया कि परिवार में पत्नी, चार बेटियां व एक बेटा शालू है। सबसे बड़ी बेटी की शादी बिल्हौर में हो चुकी है। दूसरी बेटी की कुछ महीने पहले बीमारी की वजह से मौत हो गई थी। जबकि मृतका और उसकी बड़ी बहन साथ रहती है। बेटे का चाल चलन अच्छा न देख उन्होंने दो साल पहले उसे घर से भगा दिया था।
Student was murdered 10 hours before her body was found marks of brutality on her body blood found oozing

तीन दिन तक बंधक बनाए रखा, पर नहीं खोज पाई पुलिस
छात्रा के अपहरण के बाद हत्या के मामले की शुरूआती जांच में इस बात के संकेत मिले हैं कि अपहरणकर्ताओं ने उसे तीन दिन तक बंधक बनाए रखा। इसके बाद भी पुलिस उसे नहीं खोज सकी। घटना से महाराजपुर पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठ रहे हैं। परिजन भी यही कह रहे थे कि पुलिस अगर मामले को गंभीरता से लेकर बच्ची की तलाश करती, तो वह आज जिंदा होती।

लखनऊ: चिनहट बैंक लूट में गड़बड़ी करने वाले 13 पुलिसकर्मी लाइन हाजिर, सोना बरामदी को लेकर भूमिका संदिग्ध

0

लखनऊ के चिनहट इलाके में हुई बैंक लूट कांड के बाद सोना बरामदी में पुलिस की संदिग्ध भूमिका को देखते हुए 13 पुलिस कर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया गया है।

डीसीपी पूर्वी ने अपने विशेष दस्ते को भंग करने के बाद अगले दिन बृहस्पतिवार को सभी 13 पुलिस कर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया। यह कार्रवाई चिनहट में इंडियन ओवरसीज बैंक का लॉकर काटकर करोड़ों की चोरी के बाद माल बरामदगी में गड़बड़ी की आशंका पर की गई है। उधर, एडीसीपी पूर्वी पंकज सिंह ने पूरे प्रकरण की जांच शुरू कर दी है। अमर उजाला ने 30 जनवरी के अंक में इस बात को प्रमुखता से प्रकाशित किया था।

एडीसीपी के मुताबिक, विशेष दस्ते में शामिल पुलिसकर्मियों को बयान दर्ज कराने के लिए नोटिस दिया गया है। बरामदगी के बाद छुट्टी पर गए दरोगा सतीश, सिपाही हितेश और अजय से पूरे प्रकरण के बारे में पता लगाएंगे।

सभी बिंदुओं पर छानबीन 
उधर, सूत्रों का कहना है कि जिन लोगों को विशेष दस्ते से हटाया गया है, उनमें कुछ ऐसे भी हैं, जिनकी कोई भूमिका नहीं है। पुलिस गिरफ्तार बदमाशों से भी पूछताछ करेगी। पता लगाया जाएगा कि आरोपियों के पास से कुल कितना जेवर बरामद किया गया था।ये हुए लाइन हाजिर : विशेष दस्ते में शामिल दरोगा सतीश कुमार, रंजीत कुमार, अनुज सिंह, हेड कांस्टेबल हरि किशोर, परशुराम राय, कांस्टेबल हितेश सिंह, राहुल पांडेय, विशाल कुमार, सचिन तोमर, विमल चंद्र पाल, अजय कुमार और महिला सिपाही शिल्पी पांडेय को लाइन हाजिर कर दिया गया है। एक सिपाही बुधवार को ही लाइन हाजिर किया गया था। विपिन से पूछताछ करेगी पुलिस : इस प्रकरण के मास्टर माइंड गाजीपुर जेल में बंद विपिन से गोमतीनगर पुलिस पूछताछ करेगी। 

42 लॉकर लूटने में पुलिस की भूमिका संदिग्ध

चिनहट में इंडियन ओवरसीज बैंक के 42 लॉकर काटकर करोड़ों की चोरी के मामले में पुलिसकर्मियों का खेल उजागर हुआ है। डीसीपी पूर्वी शशांक सिंह ने पूरी स्वॉट टीम को भंग कर दिया है। सभी 13 पुलिसकर्मियाें का अलग-अलग ट्रांसफर किया गया है। सूत्रों का कहना है कि बदमाशों से जेवर बरामद करने के बाद कुछ पुलिसकर्मियों ने लाखों का सोना पार कर दिया था। इनमें दरोगा समेत तीन पुलिसकर्मी ऐसे हैं, तो खुलासे के अगले ही दिन छुट्टी पर चले गए थे।

डीसीपी पूर्वी के मुताबिक लंबे समय से स्वॉट टीम में तैनात पुलिसकर्मियों को हटाया गया है। सर्विलांस सेल और स्वॉट टीम को जनहित में तत्काल प्रभाव से भंग किया गया है। इनके खिलाफ शिकायतें आ रही थीं। मामले की जांच एडीसीपी पूर्वी को सौंपी गई है। सोना चोरी का मामला मेरे संज्ञान में नहीं है। जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

सूत्रों का कहना है कि लॉकर काटकर चोरी के बाद स्वॉट टीम में तैनात दरोगा सतीश कुमार, सिपाही अजय कुमार, मनोज कुमार सिंह और हितेश सिंह दबिश के लिए गाजीपुर जिले में गए थे। इन लोगों ने कार बाजार से एक गाड़ी ली थी। चारों ने गाजीपुर जाकर बदमाशों से सात बैग जेवर बरामद किए। वहीं, गाजीपुर पुलिस ने दो बैग जेवर बरामद किया। चारों पुलिसकर्मी बरामदगी के बाद लखनऊ लौट आए। इसके बाद दरोगा सतीश, सिपाही हितेश और अजय छुट्टी पर चले गए थे।