Wednesday, March 12, 2025
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शारदीय नवरात्रि 2022 : नवरात्रि के पांचवे दिन होती है मां स्कंदमाता की पूजा , जानें विधि और कथा

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नवरात्रि के पांचवे दिन स्कन्दमाता शेर पर सवार होकर आती हैं . स्कन्दमाता की पूजा करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और उसे इस मृत्युलोक में परम शांति का अनुभव होने लगता है . माता की कृपा से उसके लिए मोक्ष के द्वार खुल जाते हैं . स्कंदमाता संतान संबंधी परेशानी दूर करती हैं स्कन्दमाता माता को पद्मासना देवी भी कहा जाता है . इनकी गोद में कार्तिकेय बैठे होते हैं इसलिए इनकी पूजा करने से कार्ति की पूजा अपने आप हो जाती है . वंश आगे बढ़ता है और संतान संबधी सारे दुख दूर हो जाते हैं . घर – परिवार में हमेशा खुशहाली रहती है . कार्तिकेय की पूजा से मंगल भी मजबूत होता है . मां स्कंदमाता को सुख शांति की देवी माना गया है . स्कंदमाता की पूजा विधि इस दिन पीले रंगे के कपड़े पहनकर माता की पूजा करें , इससे शुभ फल की प्रप्ति होती है . उन्हें पीले फूल अर्पित करें . उन्हें मौसमी फल , केले , चने की दाल का भोग लगाए . मां स्कंदमाता की कथा पौराणिक कथा के अनुसार तारकासुर नाम एक राक्षस ब्रह्मा जी को प्रसन्न करने के लिए कठोर तपस्या करने लगा . कठोर तप से ब्रह्मा जी प्रसन्न हुए और उसके सामने प्रकट हुए . ब्रह्मा जी ने उससे वरदान मांगने को कहा . वरदान के रूप में तारकासुर ने अमर करने के लिए कहा . तब ब्रह्मा जी ने उसे समझाया की इस धरती पर जिसने भी जन्म लिया है उसे
ब्रह्मा जी ने उससे वरदान मांगने को कहा . वरदान के रूप में तारकासुर ने अमर करने के लिए कहा . तब ब्रह्मा जी ने उसे समझाया की इस धरती पर जिसने भी जन्म लिया है उसे मरना ही है . निराश होकर उसने ब्रह्मा जी कहा कि प्रभु ऐसा कर दें कि भगवान शिव के पुत्र द्वारा ही उसकी मृत्यु हो . तारकासुर की ऐसी धारणा थी कि भगवान शिव विवाह नहीं करेंगे . इसलिए उसकी मृत्यु नहीं होगी . ब्रह्मा जी ने उसे वरदान दिया और अदृश्य हो गए . इसके बाद उसने लोगों पर अत्याचार करना आरंभ कर दिया . तारकासुर के अत्याचारों से परेशान होकर सभी देवतागण भगवान शिव के पास पहुंचे और मुक्ति दिलाने की प्रार्थना की . तब शिव जी ने पार्वती जी से विवाह किया और कार्तिकेय के पिता बनें . बड़े होने के बाद भगवान कार्तिकेय ने तारकासुर का वध किया . स्कंदमाता भगवान कार्तिकेय की माता हैं .

अध्यक्ष पद की दौड़ से बाहर गहलोत, हाईकमान ने दिखाई सख्ती , सोनिया से मिले पायलट । राजस्थान संकट पर बड़ी बातें

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  लखनऊ डेस्क : कांग्रेस नेता और राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट राजस्थान में हुए विवाद के बाद पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के आवास पर पहुंचे । उन्होंने 10 जनपथ जाकर सोनिया गांधी से मुलाकात की है । पायलट गांधी के आवास पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मिलने के कुछ घंटे बाद पहुंचे । गहलोत ने सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद में घोषणा की कि वह अपने राज्य में राजनीतिक संकट की नैतिक जिम्मेदारी लेने के बाद कांग्रेस का राष्ट्रपति चुनाव नहीं लड़ेंगे ।        कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा है कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर अगले दो दिनों में फैसला कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी करेंगी । इससे पहले , अशोक गहलोत के वफादार 80 से अधिक कांग्रेस विधायकों ने इस्तीफा देने की धमकी दी थी क्योंकि रिपोर्ट्स आई थीं कि पार्टी आलाकमान सचिन पायलट को राजस्थान के अगले मुख्यमंत्री के रूप में चुन सकता है ।          पायलट के वफादार अब तक राज्य के राजनीतिक घटनाक्रम पर चुप्पी साधे हुए हैं । राजस्थान के विधायक महेश जोशी ने अशोक गहलोत द्वारा पार्टी की राज्य इकाई में संकट के लिए सोनिया गांधी से माफी मांगने के कदम की सराहना करते हुए विनम्रता और बहादुरी भरा स्टेप बताया । कांग्रेस ने नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी कांग्रेस ने गुरुवार को एक एडवाइजरी जारी कर पार्टी के सभी नेताओं से कहा कि वे राजस्थान के विवाद के बाद पार्टी के आंतरिक मामलों और अन्य नेताओं के खिलाफ बयान देने से बचें । कांग्रेस ने एडवाइजरी का उल्लंघन करने पर कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी भी दी ।           कांग्रेस की तरफ से जारी एडवाइजरी के अनुसार किसी भी स्तर पर सभी कांग्रेस नेताओं को अन्य नेताओं के खिलाफ या पार्टी के आंतरिक मामलों के बारे में सार्वजनिक बयान देने से बचना चाहिए । अगर इस एडवाइजरी का कोई उल्लंघन किया जाता है तो सख्त अनुशासनात्मक कार्यवाई  शुरू की जाएगी । राजस्थान संकट दुर्भाग्यपूर्ण , टाला जा सकता था , बिना नेहरू – गांधी परिवार के कांग्रेस पार्टी शून्य अशोक गहलोत के कांग्रेस प्रमुख पद की रेस से हटने पर बात करते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा , ” अब तक यह महसूस किया जा रहा था कि अशोक गहलोत हमारे आधिकारिक उम्मीदवार हो सकते हैं । अगर अशोक गहलोत चुनाव लड़ते तो हम इसका सम्मान करते । वह हमेशा कांग्रेस के प्रति वफादार रहे हैं । लेकिन राजस्थान की दुर्भाग्यपूर्ण घटना , जिसे टाला जा सकता था , ने समस्या पैदा कर दी है । दिग्विजय से सवाल पूछा गया था कि पार्टी के चुनाव और अन्य निर्णयों में गांधी परिवार के दखल को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि बिना नेहरू – गांधी परिवार के कांग्रेस पार्टी शून्य है ।

लखनऊ डेस्क कृष्णा 

कानपुर के बर्रा के कोचिंग सेंटर में भीषण आग , चार फायर टेंडर और पुलिस अफसर पहुंचे , सीढ़ी से उतारे विद्यार्थी

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कानपुर : बर्रा के कोचिंग सेंटर में भीषण आग , चार फायर टेंडर और पुलिस अफसर पहुंचे , सीढ़ी से उतारे विद्यार्थी कानपुर के बर्रा स्थित पटेल चौक के पास संचालित कोचिंग सेंटर में उस समय आग लग गई

जब छात्र – छात्राएं पढ़ाई कर रहे थे । सूचना पर पहुंचे दमकल जवानों ने सभी को सीढ़ी से नीचे उतारने के साथ आग बुझाने का प्रयास शुरू किया है।बर्रा थाना क्षेत्र में पटेल चौक के पास ग्लोबल करियर अकादमी की चौथी मंजिल पर चल रही क्लास में आग लग गई । धुआं भरने की वजह से काफी बच्चे भीतर ही फंस गए । घटनास्थल पर पहुंची दमकल ने सीढ़ी लगाकर उतारा। आग बुझाने के लिए चार फायर टेंडर पहुंचे थे । घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस आयुक्त बीपी जोगदण्ड और जिलाधिकारी विशाख जी भी घटनास्थल पर पहुंच गए । इसको लेकर अफरातफरी मची रही । असुरक्षित कोचिंग संस्थान और अस्पताल , देखने वाला कोई नहीं लखनऊ के होटल में अग्निकांड के बाद दमकल ने सक्रियता बढ़ाई लेकिन फिर खामोश होकर बैठ गई । अगर नियमों की जांच की गई होती तो शायद ऐसी घटनाओं पर रोक लगाई जा सकती लेकिन खानापूरी की वजह से छोटे – छोटे कमरों में कोचिंग चल रही हैं और साठ – साठ बच्चे एक साथ बैठाए जा रहे हैं । यहां तो चार मंजिल पर घटना हुई । किस्मत रही कि बच्चे ससमय निकाल लिए गए अन्यथा कोटा की ऊपरी मंजिल से कूदने की घटना की पुनरावृत्ति हो सकती थी ।

कानपुर से मुख्य संबाददाता- समीर तिवारी

मुस्लिम आबादी खुश! PFI बैन पर ‘85%’ पसमांदा मुसलमान महाज ने किया फैसले का स्वागत

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लखनऊ डेस्क:पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया यानी PFI पर प्रतिबंध का पसमांदा मुसलमान महाज ने स्वागत किया है। हालांकि, कई अन्य मुस्लिम संगठनों की तरफ से भी केंद्र सरकार के इस फैसला का स्वागत किया गया है। खास बात है कि पसमांदा मुसलमान समुदाय को लेकर भारतीय जनता पार्टी खासी सक्रिय नजर आ रही है। खबरें हैं कि पार्टी अपना वोटर बेस बढ़ाने के लिए पसमांदा की ओर ध्यान लगा रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इसका जिक्र कर चुके हैं।

ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज की तरफ से जारी बयान के अनुसार, ‘देश में भारतीय संविधान के विरुद्ध एवं असामाजिक गतिविधियों में लिप्त तथाकथित सामाजिक संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के विरुद्ध भारत सरकार की सुरक्षा एजेंसी एनआईए द्वारा लगातार की जा रही छापेमारी से जो तथ्य सामने आए हैं, उससे यह जगजाहिर हो गया है कि संगठन देश के भीतर सामाजिक सौहार्द एवं भाईचारे के विरुद्ध तो काम कार्य कर ही रहा है। भारतीय संप्रभुता को भी चेतावनी देते हुए देश विरुद्ध कार्य में लिप्त है…।’संगठन ने कहा, ‘पीएफआई के अतिरिक्त अन्य सामाजिक संगठन जो अपने आप को देशहित की दुहाई दे रहे, उनहें भी देश की अखंडता एवं संप्रभुता के विरुद्ध कार्य करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।’

लखनऊ डेस्क (संपादक प्रीति शुक्ला)

 

पीएम मोदी कैबिनेट ने लिए 3 बड़े फैसले , मुफ्त राशन , कर्मचारियों के डीए और रेलवे स्टेशनों पर निर्णय , पढ़ें पूरी ख़बर

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दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में तीन महत्वपूर्ण फैसले लिए गए , इन फैसलों में केंद्रीय कर्मचारियों का डीए 4 फ़ीसदी बढ़ाना , मुफ्त गरीब राशन योजना को दिसंबर तक बढ़ाने का फैसला और देश भर के 199 रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास का फैसला शामिल है ।केंद्रीय कैबिनेट ने केन्द्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को चार प्रतिशत की दर से महंगाई भत्ते और महंगाई राहत की अतिरिक्त किस्त जारी करने को मंजूरी दे दी है ।केन्द्र सरकार के कर्मचारी और पेंशनभोगी क्रमश : महंगाई भत्ते और महंगाई राहत की बढ़ी हुई राशि के लिए दिनांक 01 जुलाई 2022 से हकदार हो जायेंगे । आपको बता दें कि देश भर में 50 लाख से ज्यादा केंद्र सरकार के कर्मचारी हैं और 61 लाख से ज्यादा पेंशनभोगी हैं । गरीबों के लिए मुफ्त राशन उपलब्ध कराने की राशन योजना को 3 महीने और यानीकि दिसंबर तक बढ़ा दिया गया है , केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने बताया कि इसमें देश भर के 80 करोड़ गरीबों को 5 किलो राशन मुफ्त दिया जा रहा है ।

सरकार ने बताया कि केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना ( पीएमजीकेएवाई चरण -7 ) को अगले तीन महीने की अवधि यानी अक्टूबर से दिसंबर 2022 तक बढ़ाने की मंजूरी दी है । ऐसे समय में जब पूरी दुनिया कोविड के खात्मे के बाद इसके प्रतिकूल प्रभावों और विभिन्न कारणों से असुरक्षा से जूझ रही है , भारत ने अपने यहां समाज के कमजोर वर्गों के लिए खाद्य सुरक्षा को सफलतापूर्वक बरकरार रखा है और इसके साथ ही भारत आम आदमी के लिए किफायती खाद्यान्न की उपलब्धता को निरंतर बनाए रखने के लिए आवश्यक कदम उठा रहा है । यह स्वीकार करते हुए कि लोगों को महामारी के कठिन दौर से गुजरना पड़ा है , सरकार ने पीएमजीकेएवाई की अवधि तीन माह और बढ़ाने का निर्णय लिया है ताकि समाज के गरीब और कमजोर वर्गों को आने वाले प्रमुख त्योहारों जैसे कि नवरात्रि , दशहरा , मिलाद – उन – नबी , दीपावली , छठ पूजा , गुरुनानक देव जयंती , क्रिसमस , इत्यादि के लिए आवश्यक सहायता दी जा सके जिन्हें वे समस्त समुदाय के साथ मिलकर बड़े उल्लास से मना सकते हैं ।

संवाददाता सत्तार

सुशील मोदी ने लालू यादव को दी खुली चुनौती , कहा- हिम्मत है तो RSS पर बैन लगाकर दिखाए

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मुजफ्फरपुर: मुजफ्फरपुर पहुंचे पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने संवाददाता सम्मेलन में कहा अगर लालू यादव में हिम्मत है , तो RSS पर बैन लगाकर दिखाए . इसके साथ ही PFI की तुलना RSS से की जा रही है . पीएफआई एक आतंकी संगठन है , जिसका नेटवर्क बंग्लादेश , पाकिस्तान , इराक , सीरिया से रहा है . कांग्रेस ने हमेशा पीएफआई को समर्थन किया है , RSS की देशभक्ति पर कोई उंगली नहीं उठा सकता है . उन्होंने शिवानंद तिवारी को आड़े हांथ लेते हुए कहा कि शिवानंद तिवारी ने तो साफ कहा है कि पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाना कोई गलत बात नहीं है . महागठबंधन की सरकार सिर्फ जाति विशेष पर राजनीतिक करती रही है . पीएफआई आतंकी संगठन है , उसके लिए महागठबंधन ने अपने स्वार्थ के लिए आतंकवादी का समर्थन करती रही है , यह तुक्क्ष राजनीतिक है . ये बातें पूर्व डिप्टी CM सुशील कुमार ने कुढनी विधायक केदार गुप्ता के आवास पर प्रेस वार्ता में कही ।PFI की तरह जितने भी नफ़रत और द्वेष फैलाने वाले संगठन हैं सभी पर प्रतिबंध लगाना चाहिए जिसमें RSS भी शामिल है । सबसे पहले RSS को बैन करिए , ये उससे भी बदतर संगठन है । आरएसएस पर दो बार पहले भी बैन लग चुका है । सनद रहे , सबसे पहले RSS पर प्रतिबंध लौह पुरुष सरदार पटेल ने लगाया था । – Lalu Prasad Yadav @laluprasadrjd ) बता दें कि PFI 5 साल से देश में बैन है , जिसको लेकर अब सियासी जंग भी शुरू हो गया . केंद्र सरकार के इस फैसले को जहां कुछ सही बता रहे हैं तो कई राजनीतिक दल इसका विरोध भी कर रहे हैं . वहीं , दूसरी तरफ लालू यादव ने पीएफआई को लेकर बड़ा बयान दिया है . उन्होंने कहा कि PFI की तरह जितने भी नफरत और द्वेष फैलाने वाले संगठन हैं , सभी पर प्रतिबंध लगाना चाहिए , जिसमें RSS भी शामिल है . यह बात लालू यादव ने ट्वीट कर लिखा है ।

संवाददाता सूबी

लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान ( रि . ) होंगे नये सीडीएस , उत्तराखंड से है ताल्लुक , स्वर्गीय जनरल बिपिन रावत के बाद अगले सीडीएस का स्थान लेंगे

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लखनऊ डेस्क: सरकार ने लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान ( सेवानिवृत्त ) पीवीएसएम , यूवाईएसएम , एवीएसएम , एसएम , वीएसएम को अगले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ ( सीडीएस ) के रूप में नियुक्त करने का निर्णय लिया है , लगभग 40 वर्षों से अधिक के करियर में , लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान ने जम्मू – कश्मीर और उत्तर पूर्व भारत में आतंकवाद विरोधी अभियानों को संचालित किया है । 18 मई 1961 को जन्मे लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान को 1981 में भारतीय सेना की 11 गोरखा राइफल्स में कमीशन दिया गया था । वह राष्ट्रीय रक्षा अकादमी , खडकवासला और भारतीय सैन्य अकादमी , देहरादून के पूर्व छात्र हैं । मेजर जनरल के रैंक में उन्होंने उत्तरी कमान में महत्वपूर्ण बारामुला सेक्टर में एक इन्फैंट्री डिवीजन की कमान संभाली थी ।

बाद में लेफ्टिनेंट जनरल के रूप में उन्होंने उत्तर पूर्व में एक कोर की कमान संभाली और बाद में सितंबर 2019 से पूर्वी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग – इन – चीफ बने और मई 2021 में सेवानिवृत्ति हुए , उन्होंने सैन्य संचालन महानिदेशक के प्रभार सहित अंगोला में संयुक्त राष्ट्र मिशन में भी काम किय था । सेना से सेवानिवृत्त होने के बाद भी , उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा और रणनीतिक मामलों में योगदान देना जारी रखा । सेना में उनकी विशिष्ट और शानदार सेवा के लिए लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान ( सेवानिवृत्त ) को परम विशिष्ट सेवा पदक , उत्तम युद्ध सेवा पदक , अति विशिष्ट सेवा पदक , सेना पदक और विशिष्ट सेवा पदक से सम्मानित किया गया । लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान को पूर्व सीडीएस जनरल बिपिन रावत की जगह चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बनाया जा रहा है , पूर्व सीडएस जनरल बिपिन रावत एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में शहीद हो गए थे , पूर्व सीडीएस जनरल बिपिन रावत की तरह ही लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान भी उत्तराखंड के मूल निवासी हैं , उनका ताल्लुक उत्तराखंड के पौड़ी जिले से है ।

लखनऊ डेस्क:लखनऊ डेस्क संपादक प्रीति शुक्ला

कांग्रेस अध्यक्ष पद की रेस से बाहर हुए गहलोत ? इन नेताओं के नाम पर विचार की चर्चा शुरू

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कांग्रेस:सभी नेता जल्द करेंगे नामांकन इसी के साथ कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष पद की रेस में दिग्विजय सिंह और कमलनाथ का भी नाम अब सामने आ रहा है । शशि थरूर पहले ही नामांकन की बात फाइनल कर चुके हैं । इसलिए अब कहा जा सकता है कि इन चार नेताओं में से ही कोई कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष बन सकता है। हालांकि कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए नामांकन 26 सितंबर से ही शुरू होने वाला था । लेकिन , राजस्थान में सियासी संकट के बीच किसी ने भी नामांकन नहीं किया । इसलिए अब पार्टी नेतृत्व की पहली जिम्मेदारी है कि वह कांग्रेस अध्यक्ष का चयन करें और उसके बाद राजस्थान में जो कुछ भी हो रहा है , उस पर कोई अंतिम फैसला करें ।कांग्रेस अध्यक्ष पद की रेस में पिछले दिनों कई नेताओं का नाम सामने आ रहा था । लेकिन , सबसे ज्यादा नाम राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का सामने आ रहा था । हालांकि , उनका सीएम कुर्सी से प्रेम उन पर ही काफी भारी पड़ गया है और पार्टी आलाकमान उनसे काफी नाराज हो गया है। दरअसल गहलोत अगर राष्ट्रीय अध्यक्ष बनते है तो उन्हें राजस्थान के सीएम पद की कुर्सी छोड़नी पड़ेगी । जिसके बाद कांग्रेस पायलट को नया सीएम बनाएगी । लेकिन , गहलोत को यह बात नागवार गुजरी और उन्होंने पार्टी आलाकमान के सामने विधायकों के इस्तीफे का दांव खेल दिया । लेकिन ये दांव उनपर ही उल्टा पड़ गया । क्योंकि कांग्रेस आलाकमान ने कथित रूप से यह फाइनल कर लिया है कि अध्यक्ष पद की रेस से अब गहलोत बाहर हो चुके हैं । पार्टी नेतृत्व किसी प्रकार का रिस्क नहीं ले सकता है , क्योंकि राजस्थान में पिछले कुछ दिनों से जो भी हो रहा है , उससे पार्टी काफी अपमानित महसूस कर रही है ।

लखनऊ डेस्क 

राज्य मंत्री सतीश चंद्र शर्मा एवं दरियाबाद ब्लॉक प्रमुख आकाश पाण्डेय के नेतृत्व में ग्राम पंचायत मथुरा नगर के काजीपुरवा में अमृत सरोवर छावनी तालाब में वृक्षा रोपण किया गया

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मथुरा:राज्य मंत्री सतीश चंद्र शर्मा एवं दरियाबाद ब्लॉक प्रमुख आकाश पाण्डेय के नेतृत्व

में दरियाबाद होमगार्डस कंपनी के द्वारा ग्राम पंचायत मथुरा नगर के काजीपुरवा में अमृत सरोवर छावनी तालाब में वृक्षा रोपण किया गया कार्यक्रम में उपस्थित जिला कामांडेड होमगार्डस धर्मेंद्र कुमार विश्वकर्मा , बी ओ राजेश कुमार , बी ओ सुमित चोपड़ा ,कंपनी कमांडर हरीश चंद्र यादव ,कंपनी कमांडर त्रिवेणी यादव ,सहायक कंपनी कमांडर दीपक रावत ,प्लाटून कमांडर वेद प्रकाश ,अशोक कुमार ,अनूप ,राजकुमार , प्रधान प्रतिनिधि मोहम्मद सलीम ,बृजलाल ,राम आशीष ,दिलीप मिश्रा,अनुज शुक्ला ,लवलेश मिश्रा,शरद शुक्ला आदि लोग मौजूद रहे |

बाराबंकी से जिला संवाददाता फहद खान की रिपोर्ट

हिंदुओं ने तय कर लिया तो क्या होगा… ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे पर भड़क उठे राज ठाकरे

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पुणे : एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस दोनों ने इस घटना की निंदा की और इसके खिलाफ कार्रवाई का वादा किया है। राज ठाकरे ने कहा, ‘सरकार को इस तरह की गतिविधियों पर तुरंत रोक लगानी चाहिए।’

पुणे में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के विरोध मार्च में कथित तौर पर ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगे थे। इस घटना के बाद महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर हिंदू और मराठी इस मामले को अपने हाथ में ले लिए तो त्योहार के दौरान अशांति हो जाएगी। उन्होंने शनिवार को जारी अपने बयान में कहा, “अगर हिंदुस्तान के हिंदू और हमारे मराठी हिंदू इस मामले को अपने हाथ में लेने का फैसला करते हैं तो इनका क्या होगा? मुझे यह बताने की आवश्यक्ता नहीं है। अगर ऐसा होता है तो त्योहार के समय में अशांति होगी। इसलिए इन राष्ट्र विरोधी गतिविधियों को तत्काल समाप्त करना बेहतर है।”

कथित तौर पर ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ का नारा लगाने वालों से राज ठाकरे ने कहा, “अगर उनकी मानसिक स्थिति ऐसी ही है तो अपना धर्म ले लो और पाकिस्तान चले जाओ। हमारे देश में इस तरह के नाटक की अनुमति नहीं दी जाएगी।”राज ठाकरे ने आगे कहा, “मैं केंद्र और राज्य के गृह मंत्रियों से ऐसे संगठनों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का आग्रह करता हूं ताकि वे ‘पा’ भी नहीं बोल पाएं। यदि ऐसा नहीं होता है तो देश के हिंदू इसे झुकने नहीं देंगे। वे क्या कर सकते हैं, इसके इसके विवरण में मैं नहीं जाना चाहता हूं।”

वीडियो का हवाला देते हुए भाजपा ने शनिवार को आरोप लगाया कि शुक्रवार को जिला कलेक्टर कार्यालय के बाहर एक रैली में पाकिस्तान समर्थक नारे लगाए गए थे। पुणे पुलिस ने कहा कि वीडियो की जांच करने के बाद कार्रवाई की जाएगी। आपको बता दें कि आतंकी फंडिंग के आरोपों में पीएफआई नेताओं पर एनआईए, ईडी और महाराष्ट्र पुलिस की संयुक्त कार्रवाई के खिलाफ यह विरोध-प्रदर्शन किया गया था।महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले ने भी इस कथित घटना की निंदा की और पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने की मांग की। उन्होंने कहा, “केंद्र सरकार के पास गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत पीएफआई जैसे संगठनों पर प्रतिबंध लगाने की शक्ति है। कांग्रेस ने पहले ऐसी मांग की थी। क्या भाजपा अपने राजनीतिक मकसद के लिए मांग को स्वीकार नहीं कर रही है?”