Tuesday, March 11, 2025
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आंख खुली तो देखा मरा पड़ा था साथी, बर्फीले तूफान में बचे मजदूरों ने सुनाईं रोंगटे खड़े करनी वाली दास्तां

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नेशनल डेस्कः सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के मजदूर जगबीर सिंह को जब होश आया, तो उसे अपने आसपास बर्फ की सफेद अंतहीन चादर दिखाई दी और बगल में एक मृत साथी का शव मिला। जगबीर के मुताबिक, हिमस्खलन के कारण उसका एक पैर टूट गया था और उसके सिर में गंभीर चोट आई थी। जगबीर को कुछ दूरी पर एक होटल दिखाई दिया और उसने उसी में शरण लेकर करीब 25 घंटे का भयावह समय गुजारा। होटल में जगबीर ने प्यास बुझाने के लिए बर्फ खाई और वह अपने एक दर्जन से भी अधिक साथियों के साथ एक ही कंबल में हाड़ कंपा देने वाली ठंड से जूझता रहा।

पंजाब के अमृतसर के रहने वाले जगबीर ने बताया कि जिस समय हिमस्खलन हुआ और बर्फ ने उसे उसके साथियों के साथ कई मीटर नीचे धकेल दिया, उस समय वह बीआरओ के शिविर में अपने कंटेनर में सो रहा था। जगबीर ने कहा, ”हम जिस कंटेनर में थे, वह नीचे लुढ़कने लगा। जब तक हम यह समझ पाते कि क्या हुआ है, मैंने देखा कि हमारे एक साथी की मौत हो गई है और मेरा एक पैर टूट गया है। मेरे सिर में भी चोट लगी थी। वहां हर तरफ बर्फ का ढेर था।”

जगबीर ने बताया कि वह और उसके कुछ साथी किसी तरह से भारी कदमों से धीरे-धीरे चलते हुए कुछ दूरी पर स्थित एक होटल में पहुंचे और वहां आश्रय लिया। उसने कहा, ”हमें 25 घंटे बाद बाहर निकाला गया और इस दौरान हम 14-15 लोगों के पास ओढ़ने के लिए केवल एक कंबल था। जब हमें प्यास लगी, तो हमने बर्फ खाई।” रात में कंटेनर में रह रहे बीआरओ के 54 मजदूर 28 फरवरी को उत्तराखंड के पहाड़ी चमोली जिले के माणा गांव में हुए हिमस्खलन में फंस गए थे। इनमें से 46 मजदूरों को सेना समेत कई एजेंसियों द्वारा संचालित बचाव अभियान के दौरान सुरक्षित निकाल लिया गया, जबकि आठ अन्य की मौत हो गई। सभी मृतकों के शव बरामद हो गए हैं। हिमस्खलन के कारण घायल मजदूरों को ज्योतिर्मठ के सैन्य अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्होंने अपनी भयावह आपबीती सुनाई।

उत्तरकाकाशी के रहने वाले मनोज भंडारी ने बताया कि हिमस्खलन इतना भीषण था कि केवल 10 सेकेंड में ही उसने सभी कंटेनर को 300 मीटर नीचे फेंक दिया। भंडारी ने कहा, ”मैं थोड़ी देर के लिए अपने होश खो बैठा और फिर मुझे एहसास हुआ कि वहां से भागना असंभव था, क्योंकि चारों ओर तीन-चार फीट बर्फ थी। किसी तरह हम बर्फ के बीच नंगे पैर चलकर सेना के एक खाली गेस्ट हाउस में शरण लेने के लिए पहुंचे। बचाव दल दो-तीन घंटे के बाद हमारे पास पहुंचे।”

बिहार के वैशाली जिले के रहने वाले मुन्ना प्रसाद ने कहा कि सभी कंटेनर अलकनंदा नदी की तरफ बह गए। उसने कहा, ”हम करीब 12 घंटे तक बर्फ के नीचे ऐसे ही पड़े रहे। बर्फ से हमारी नाक बंद हो गई थी और सांस लेना मुश्किल था। हालांकि, शुक्र है कि बहुत देर होने से पहले सेना और आईटीबीपी की टीमें हमें बचाने आ गईं।” कई मजदूरों ने सेना के शिविर, बैरक, खाली पड़े होटल जैसे किसी भी स्थान पर आश्रय लेकर किसी तरह अपनी जान बचाई। कुछ मजदूरों को तो हिमस्खलन के कुछ घंटों में ही बचा लिया गया, लेकिन अन्य को कड़ाके की ठंड में घंटों गुजारने पड़े। शुक्रवार को ही 33 मजदूरों को बाहर निकाल लिया गया था, जबकि 17 अन्य को शनिवार को बचाया गया।

बिहार के एक अन्य मजदूर अविनाश कुमार ने बताया कि सिर को छोड़कर उसका पूरा शरीर बर्फ के अंदर दबा हुआ था। उसने बताया कि हिमस्खलन के दौरान उसका सिर लोहे की किसी वस्तु से टकरा गया था और उससे खून निकल रहा था। हिमस्खलन के दो घंटे बाद सेना के जवानों ने कुमार को बाहर निकाल लिया और उसे इलाज के लिए अस्पताल भेजा, जहां उसके सिर में 29 टांके लगाए गए। उत्तर प्रदेश के कानपुर निवासी चंद्रभान ने बताया कि मुख्य हिमस्खलन के कुछ देर पहले करीब साढ़े पांच बजे एक हल्का हिमस्खलन भी हुआ था। चंद्रभान ने बताया, ”कंटेनर के शीर्ष पर एक खुले स्थान के जरिये मैं भाग निकला।”

हिमाचल प्रदेश के विपिन कुमार ने कहा, ”सब कुछ बहुत जल्दी हुआ।” पिथौरागढ़ के बेरीनाग के रहने वाले गणेश कुमार ने बताया कि तड़के हुए हिमस्खलन से पहले रातभर बर्फबारी हुई थी। उसने कहा, ”सुबह के छह बज रहे थे। मैं अपने साथियों के साथ कंटेनर में सो रहा था। इस बीच, हमारे कंटेनर ने हिलना शुरू कर दिया और थोड़ी देर बाद हमने अपने आपको बर्फ के बीच में फंसा पाया। कुछ देर बाद बचाव टीम आई और हमें स्ट्रेचर पर सेना के अस्पताल ले गई।”

उत्तर प्रदेश के विजयपाल और उसके साथी 100 मीटर से भी अधिक गहरी खाई में गिर गए। उन्होंने करीब 200 मीटर दूर सेना का एक खाली पड़ा बैरक देखा और हिमस्खलन के मलबे में चलकर किसी तरह वहां पहुंचे। हिमस्खलन के प्रति क्षेत्र की संवेदनशीलता को देखते हुए सेना सर्दियों में इस बैरक का इस्तेमाल नहीं करती है। यही बैरक मजदूरों के लिए जीवन रेखा साबित हुई, जहां से सुरक्षित निकाले जाने से पहले उन्होंने करीब 24 घंटे गुजारे। विजयपाल ने बताया कि कई दिनों से क्षेत्र में बर्फबारी हो रही थी और 28 फरवरी की सुबह भी शिविर के नजदीक दो हिमस्खलन हुए थे।

GST Collection से सरकार की भरी झोली, खजाने में आए 1.84 लाख करोड़

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बिजनेस डेस्कः सरकार द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार, फरवरी 2025 में सकल वस्तु एवं सेवा कर (GST) संग्रह 9.1% की बढ़त के साथ लगभग 1.84 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गया। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, घरेलू जीएसटी राजस्व में 10.2% की वृद्धि दर्ज की गई और यह 1.42 लाख करोड़ रुपए पहुंच गया, जबकि आयात से प्राप्त जीएसटी में 5.4% की बढ़ोतरी हुई और यह 41,702 करोड़ रुपए रहा।

विभिन्न कर मदों के अनुसार फरवरी माह में:

  • केंद्रीय जीएसटी (CGST): 35,204 करोड़ रुपए
  • राज्य जीएसटी (SGST): 43,704 करोड़ रुपए
  • समेकित जीएसटी (IGST): 90,870 करोड़ रुपए
  • मुआवजा उपकर (Compensation Cess): 13,868 करोड़ रुपए

फरवरी 2025 में कुल रिफंड जारी राशि 20,889 करोड़ रुपए रही, जो एक साल पहले की तुलना में 17.3% अधिक है। शुद्ध जीएसटी संग्रह (रिफंड घटाने के बाद) 8.1% बढ़कर 1.63 लाख करोड़ रुपए पहुंच गया।

गौरतलब है कि फरवरी 2024 में सकल जीएसटी संग्रह 1.68 लाख करोड़ रुपए और शुद्ध जीएसटी संग्रह 1.50 लाख करोड़ रुपए था।

‘नेटवर्क का नेटवर्क’: PFMS की उपलब्धियां डीपीआई के बराबर – वित्त मंत्री Sitharaman

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नेशनल डेस्क। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज भारतीय सिविल लेखा सेवा (आईसीएएस) के 49वें स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित 49वें सिविल लेखा दिवस समारोह में पीएफएमएस (सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली) की उपलब्धियों को सराहा। उन्होंने कहा कि पीएफएमएस ने शासन के प्रमुख लक्ष्यों को पूरा करने में अहम भूमिका निभाई है जिससे 1,200 से अधिक केंद्रीय और राज्य योजनाओं के तहत 60 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को सीधे लाभ हुआ है।

पीएफएमएस की महत्वपूर्ण योजनाएं 

निर्मला सीतारमण ने बताया कि पीएफएमएस ने 1,100 डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) योजनाओं के माध्यम से और एकीकरण के जरिए एंड-टू-एंड डिजिटलीकरण के साथ योजना बनाई है। इनमें जीईएम (गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस), जीएसटीआईएन (गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स आइडेंटिफिकेशन नंबर), टीआईएन 2.0 और पीएम किसान जैसी 250 से अधिक बाहरी प्रणालियों को भी जोड़ा गया है।

वित्त मंत्री ने कहा, “हमारे द्विपक्षीय वार्ताओं के दौरान कई देश भारत के डिजिटल भुगतान इंटरफेस में रुचि दिखाते हैं। यह केवल विकासशील देशों तक ही सीमित नहीं है बल्कि विकसित देश भी हमारी प्रणालियों की सराहना करते हैं। वे यह चर्चा करते हैं कि हम अपनी विशेषज्ञता उनके साथ कैसे साझा कर सकते हैं।” उन्होंने पीएफएमएस की उपलब्धियों को डीपीआई (डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर) के समान बताया और विश्वास जताया कि इससे कई देश लाभान्वित होंगे।

डेटा प्रशासन और संग्रहण में सुधार 

वित्त मंत्री ने कहा कि तकनीकी उपकरणों के सक्रिय उपयोग से डेटा प्रशासन और डेटा के संग्रहण, प्रसंस्करण और प्रबंधन में सुधार किया जा सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि केंद्रीय लेखा कार्यालय (सीजीए) के पास “विशाल डेटाबेस” का संरक्षण करने की क्षमता है।

शहरी और ग्रामीण निकायों के बीच सामंजस्य की जरूरत 

वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग के सचिव मनोज गोविल ने कहा कि बेहतर वित्तीय रिपोर्टिंग के लिए केंद्र और राज्य के खातों में सामंजस्य स्थापित करना जरूरी है। इसके साथ ही शहरी, ग्रामीण और स्थानीय निकायों के खातों को भी इस प्रक्रिया में शामिल करना आवश्यक है।

PFMS को डिजिटल बुनियादी ढांचा मानते हुए अंतरराष्ट्रीय महत्व

16वें वित्त आयोग के अध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया ने कहा कि पीएफएमएस विभिन्न आर्थिक संस्थाओं के बीच कुशल और पारदर्शी लेन-देन को सक्षम करने वाला एक “महत्वपूर्ण डिजिटल बुनियादी ढांचा” है। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि यूपीआई और पीएफएमएस को भारत की अंतरराष्ट्रीय कूटनीतिक पहुंच और वैश्विक संबंधों का हिस्सा होना चाहिए।

Ranil Wickremesinghe की भविष्यवाणी – ‘भारत दक्षिण एशिया को नई वैश्विक व्यवस्था की ओर ले जाएगा’

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नेशनल डेस्क। श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने कहा कि भारत ने अपने विकास के महत्वपूर्ण बिंदु को छुआ है और भविष्य में यह अमेरिका और चीन के साथ 2050 तक तीन वैश्विक महाशक्तियों में से एक बनकर उभरेगा। विक्रमसिंघे यह बयान दिल्ली में आयोजित NXT 2025 कॉन्क्लेव में दे रहे थे जहां उन्होंने भारत के साथ अपने छह दशकों के संबंधों पर भी विचार किया।

भारत की आर्थिक ताकत का विकास

विक्रमसिंघे ने कहा, “भारत अब आर्थिक महाशक्ति बनने के रास्ते पर है। भारत का सकल घरेलू उत्पाद (GDP) आज करीब 3.5 ट्रिलियन डॉलर है जो 2050 तक 30 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है।” इस विकास से दक्षिण एशिया की समृद्धि में भी बदलाव आएगा जिससे बांग्लादेश, नेपाल, श्रीलंका और अन्य देशों के लिए नए अवसर उत्पन्न होंगे। उन्होंने यह भी कहा कि भारत का उदय पूरे क्षेत्र को एक नए युग में प्रवेश दिला सकता है जहां समृद्धि का मार्ग एक साथ मिलकर तय किया जाएगा।

समीर अरोड़ा ने कहा- ट्रंप के टैरिफ से बाजार में अनिश्चितता, लेकिन यह 3-4 महीने में खत्म हो जाएगी

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नई दिल्ली: घरेलू शेयर बाजारों में अभी स्थिरता आने में दो से तीन महीने का समय और लग सकता है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए टैरिफ के कारण बाजार गहरी अनिश्चितता का सामना कर रहा है। हेलोइस कैपिटल के फाउंडर और चीफ इन्वेस्टमेंट ऑफिसर समीर अरोड़ा ने शुक्रवार को बीएस मंथन समिट में यह जानकारी दी।

बाजार कठिन दौर से गुजर रहा- समीर अरोड़ा
समीर अरोड़ा ने भारतीय शेयर बाजार के बारे में कहा कि कोई शक नहीं कि फिलहाल बाजार कठिन दौर से गुजर रहा है। उन्होंने कहा कि ट्रंप और अन्य बाहरी कारकों के कारण मार्केट में अत्यधिक अनिश्चितता है। विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) द्वारा लगातार बिकवाली के कारण भारतीय शेयर बाजार पर दबाव बना हुआ है। अब तक FIIs ने भारतीय शेयरों से लगभग 25 अरब डॉलर (करीब 2.08 लाख करोड़ रुपये) निकाल लिए हैं। इसके चलते 2025 में भारतीय शेयर बाजार कमजोर प्रदर्शन कर रहा है।

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​​​​​​​दुनिया के 14 प्रमुख बेंचमार्क इंडेक्स में से केवल तीन ने इस साल निगेटिव रिटर्न दिया है, जिनमें भारत के सेंसेक्स और निफ्टी शामिल हैं। ये दोनों बाजार एशिया, यूरोप और अमेरिका के अन्य बाजारों से कमजोर साबित हो रहे हैं। हालांकि, घरेलू संस्थागत निवेशक (DIIs) बाजार को समर्थन दे रहे हैं और उन्होंने सितंबर 2024 से अब तक भारतीय शेयरों में 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया है। ट्रंप के टैरिफ खेल को लेकर समीर अरोड़ा ने कहा कि यह अनिश्चितता 3 से 4 महीने तक रहेगी क्योंकि ट्रंप लंबे समय तक टैरिफ का खेल नहीं खेल पाएंगे।

इस मशहूर कलाकार ने दुनिया को कहा अलविदा, 92 साल की उम्र में ली आखिरी सांस

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नेशनल डेस्क : मशहूर कलाकार हिम्मत शाह का रविवार को जयपुर के शैल्बी अस्पताल में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वह 92 साल के थे। उनके करीबी दोस्त रहे हिमांशु जांगिड़ ने यह जानकारी दी। जांगिड़ ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘पिछले एक सप्ताह से उनकी तबीयत ठीक नहीं थी, लेकिन वह अपने स्टूडियो में सक्रिय रूप से काम कर रहे थे। सोमवार को उन्हें दिल का दौरा पड़ा, जिसके बाद उनका निधन हो गया।”

हिम्मत शाह के परिवार में दो बहनें हैं, जो सोमवार को जयपुर में उनके अंतिम संस्कार में शामिल होंगी। गुजरात के लोथल में 1933 में जन्मे हिम्मत का अनजाने में टेराकोटा कला और सिंधु घाटी सभ्यता की अन्य वस्तुओं से परिचय हो गया था। बाद में उन्हें दक्षिणामूर्ति से संबद्ध स्कूल घरशाला भेजा गया, जहां उन्होंने कलाकार-शिक्षक जगुभाई शाह के अधीन अध्ययन किया, फिर मुंबई में जे जे स्कूल ऑफ़ आर्ट से जुड़े और फिर 1956 से 1960 तक सरकारी सांस्कृतिक छात्रवृत्ति पर बड़ौदा चले गए।

बड़ौदा में, वह एन एस बेंद्रे और के जी सुब्रमण्यन से प्रभावित हुए। बाद में 1967 में, उन्हें पेरिस के एटलियर 17 में एसडब्ल्यू हेयटर और कृष्णा रेड्डी के तहत नक्काशी का अध्ययन करने के लिए फ्रांसीसी सरकार की छात्रवृत्ति मिली। हिम्मत शाह को बड़ौदा में ललित कला संकाय में अपने समकालीन और प्रसिद्ध चित्रकार गुलाम मोहम्मद शेख का साथ मिला। हिम्मत शाह को ‘‘उत्साही और खुशमिजाज” व्यक्ति के रूप में याद करते हुए शेख ने कहा कि उन्होंने मूर्तिकला के प्रति ‘‘अत्यंत व्यक्तिगत दृष्टिकोण” विकसित किया।

शेख ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘मानव सिर बनाने के विचार को विभिन्न तरीकों से सरल निपुणता और रचनात्मक भावना के साथ उन्होंने प्रदर्शित किया।” हिम्मत शाह पांच फरवरी को किरण नादर म्यूजियम ऑफ आर्ट (केएनएमए) में शेख के रेट्रोस्पेक्टिव शो ‘‘ऑफ वर्ल्ड विदिन वर्ल्ड्स” के उद्घाटन में शामिल हुए थे। शाह की आखिरी प्रदर्शनी ‘नाइन्टी एंड आफ्टर: एक्सकर्शन्स ऑफ ए फ्री इमेजिनेशन’ पिछले साल के अंत में दिल्ली की अनंत आर्ट गैलरी में आयोजित की गई थी, जिसमें 2020-2021 के बीच बनाए गए उनके हाल के चित्रों के साथ-साथ उनकी मूर्तियों और पहले के चित्रों प्रदर्शित किया गया था।

किसी की मृत्यु के बाद आधार और पैन कार्ड का क्या करें? जानें पूरी प्रक्रिया

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नेशनल डेस्क : आधार कार्ड और पैन कार्ड दोनों ही बहुत महत्वपूर्ण दस्तावेज़ होते हैं, जो सरकारी सुविधाओं और बैंकिंग कामकाजी में जरूरी होते हैं। अगर किसी का निधन हो जाता है, तो ऐसे दस्तावेज़ों का क्या होता है? आइए, जानते हैं इस बारे में।

मृतक का आधार कार्ड

अगर किसी व्यक्ति का निधन हो जाता है, तो आधार कार्ड को रद्द करने की कोई निश्चित प्रक्रिया नहीं है। हालांकि, मृतक के परिवार वाले आधार कार्ड को रद्द करने के लिए मृत्यु प्रमाण पत्र के साथ यूएडीएआई को सूचित कर सकते हैं। इसके बाद, मृतक का आधार कार्ड सेवा से हटा दिया जाएगा। यह तब ही संभव है जब परिवार वाले इसे सूचित करें।

मृतक का पैन कार्ड

पैन कार्ड को भी रद्द करने की प्रक्रिया होती है। पैन कार्ड खुद से रद्द नहीं होता, बल्कि इसे “सरेंडर” करना पड़ता है। मृतक के पैन कार्ड का इस्तेमाल आयकर रिटर्न फाइल करने तक किया जाता है। अगर व्यक्ति की मृत्यु हो जाए, तो परिवार वाले या नॉमिनी आयकर विभाग को सूचित करके पैन कार्ड को सरेंडर करा सकते हैं। ध्यान रहे कि मृतक का पैन कार्ड अब इस्तेमाल नहीं किया जा सकता, लेकिन कुछ मामलों में जैसे लोन या आयकर रिटर्न के लिए नॉमिनी इसका उपयोग कर सकते हैं।

भूकंप के तेज झटकों से हिली धरती, रिक्टर स्केल पर इतनी रही तीव्रता

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नेशनल डेस्कः पश्चिमी मिजोरम के ममित जिले और उसके आस-पास के इलाकों में रविवार को रिक्टर पैमाने पर 3.7 तीव्रता का हल्का भूकंप आया। मिजोरम सरकार के आपदा प्रबंधन अधिकारियों के अनुसार, भूकंप ने पहाड़ी ममित जिले को हिलाकर रख दिया, जो बांग्लादेश और त्रिपुरा के साथ सीमा साझा करता है। हालांकि, अधिकारियों ने यह भी बताया कि इस भूकंप से अब तक किसी प्रकार के जानमाल के नुकसान या संपत्ति के नुकसान की कोई रिपोर्ट नहीं मिली है।

नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (एनसीएस) के अनुसार, भूकंप का केंद्र जमीन से 10 किमी की गहराई पर था। भूकंप का असर ममित जिले के साथ-साथ आसपास के क्षेत्रों में भी महसूस किया गया, लेकिन कोई बड़ी क्षति नहीं हुई है।

यह भूकंप चार दिनों के भीतर उत्तर-पूर्वी पर्वतीय क्षेत्र में आया दूसरा भूकंप था। इससे पहले, 27 फरवरी को असम के मोरीगांव जिले में रिक्टर पैमाने पर 5.0 तीव्रता का एक मध्यम भूकंप आया था, जिसके झटके गुवाहाटी और राज्य के अन्य हिस्सों में भी महसूस किए गए थे। असम के मोरीगांव जिले में यह भूकंप खासतौर पर महसूस किया गया था, जिससे वहां की सामान्य जनजीवन में कुछ समय के लिए व्यवधान भी हुआ था।

पूर्वोत्तर भारत का आठ राज्यों वाला क्षेत्र भूकंप की दृष्टि से काफी संवेदनशील माना जाता है। यह क्षेत्र छठे सबसे अधिक भूकंप-प्रवण क्षेत्र में आता है। इन राज्यों में भूकंप आना आम बात है, खासकर मिजोरम, असम, अरुणाचल प्रदेश, और मेघालय में, जहां नियमित रूप से छोटे से लेकर मध्यम तीव्रता के भूकंप आते रहते हैं।

दिल्ली में दिल दहला देने वाला हादसा, सिलेंडर ब्लास्ट से लगी भीषण आग, एक की जलकर मौत

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नेशनल डेस्कः दिल्ली के मोतिया खान इलाके में रविवार को एक मकान में आग लगने से एक व्यक्ति की मौत हो गई जबकि दो दमकलकर्मी घायल हो गए। दिल्ली अग्निशमन सेवा (डीएफएस) विभाग के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।

अधिकारी ने बताया कि अपराह्न करीब 3:01 बजे एक मकान में आग लग गई, जिसके बाद दमकल विभाग की गाड़ियों को मौके पर भेजा गया। दिल्ली अग्निशमन सेवा (डीएफएस) ने कहा कि आग लगने की सूचना मिलने के तुरंत बाद दमकल की चार गाड़ियों को घटनास्थल पर भेजा गया।

डीएफएस प्रमुख अतुल गर्ग ने बताया कि आग पर काबू पाने के अभियान के दौरान एलपीजी सिलेंडर फटने से दो अग्निशमन कर्मी रविन्द्र सिंह और वेद घायल हो गए। उन्होंने बताया कि घायलों को तुरंत इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया। अतुल गर्ग ने कहा, ‘‘ आग पर काबू पा लेने के बाद बचाव दल ने परिसर की तलाशी ली और चौथी मंजिल पर पूरी तरह से जला हुआ एक शव बरामद किया। शव की पहचान अब तक नहीं हो सकी है।”

World Updates: जॉर्डन में भारतीय नागरिक की गोली मारकर हत्या; बोलीविया में बस दुर्घटना में 37 लोगों की मौत

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जॉर्डन में सुरक्षाकर्मियों ने एक भारतीय नागरिक की गोली मारकर हत्या कर दी। वह कथित तौर पर दूसरे देश में घुसने की कोशिश कर रहा था। विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने रविवार को भारतीय नागरिक की गोली मारकर हत्या किए जाने के बारे में जानकारी दी। जॉर्डन में भारतीय दूतावास ने नागरिक की मौत पर शोक व्यक्त किया है। दूतावास ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ‘हमें एक भारतीय नागरिक की दुखद मौत की खबर मिली है। हम मृतक के परिवार से संपर्क में हैं और उसके शव को लाने के लिए जॉर्डन के अधिकारियों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।’ दूतावास ने मृतक के परिवार को मौत की सूचना भी दे दी है और हर संभव सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया है।

बोलीविया में बस दुर्घटना में 37 लोगों की मौत, 39 घायल

बोलीविया के पोटोसी क्षेत्र में शनिवार (स्थानीय समयानुसार) सुबह सात बजे दो बसों की भिड़ंत हो गई। हादसे में कम से कम 37 लोगों की मौत हो गई। जबकि 39 अन्य घायल हो गए। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हादसा उयूनी और कोलचानी के बीच हुआ, जब एक बस सड़क की विपरीत लेन में चली गई। पोटोसी के विभागीय पुलिस कमांड के प्रवक्ता ने बताया कि घायलों को उयूनी शहर के चार अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। पुलिस कर्मी हादसे में मरे लोगों और घायलों की पहचान करने में लगे हैं। अधिकारियों ने बताया कि एक बस ओरुरो जा रही थी, जहां एक बड़ा कार्निवल समारोह चल रहा है। अधिकारियों को शक है कि जीवित बचे ड्राइवरों में से एक ने दुर्घटना से पहले शराब पी थी। यात्रियों ने कथित तौर पर उसे शराब पीते हुए देखा था।
IDF ने फरवरी में मारे 25 आतंकी, 350 गिरफ्तार किए
इस्राइली सेना ने रविवार को बताया कि इस्राइल सुरक्षा बलों (IDF) ने फरवरी में लगभग 25 आतंकवादियों को मार गिराया और 350 वांछित व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है। सुरक्षा बलों ने यहूदिया और सामरिया में अपने अभियान को तेज किया है, जिसमें लगभग 120 हथियार जब्त किए गए और सैकड़ों विस्फोटक नष्ट किए। ये ऑपरेशन उत्तरी सामरिया और अन्य प्रमुख क्षेत्रों पर केंद्रित थे, ताकि फलस्तीनी आतंकवादी नेटवर्क को तोड़ा जा सके। इस्राइली सेना ने 19 जनवरी को जेनिन शरणार्थी शिविर में आतंकवाद विरोधी छापेमारी शुरू की, जो बाद में फलस्तीनी शहर तुलकरम और पांच गांव क्षेत्र तक फैल गई। यह छापेमारी तब की गई जब फलस्तीनी प्राधिकरण ने जनवरी में जेनिन शिविर में उचित कार्रवाई नहीं की। 19 जनवरी से, इस्राइली सेना ने 200 से अधिक आतंकवादी संदिग्धों को गिरफ्तार किया है, 71 अन्य लोगों को समाप्त किया है, जिन्हें सुरक्षा के लिए खतरा माना गया था, और 300 से अधिक हथियार और विस्फोटक जब्त किए हैं। 7 अक्तूबर को हमास के हमले के बाद से, इस्राइली सेना ने यहूदिया और सामरिया में 6,000 वांछित फलस्तीनियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें से लगभग 40 फीसदी हमास से जुड़े हैं।