नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र में कार्यरत कश्मीरी प्रोफेसर जावेद अहमद के खिलाफ चल रहे 153A के मुकदमे को खत्म किया। प्रोफेसर ने 5 अगस्त को J&K के लिए ब्लैक-डे बताया और 14 अगस्त को ‘हैप्पी इंडिपेंडेंस-डे पाकिस्तान’ का वॉट्सएप स्टेटस लगाया था।
SC ने कहा- ‘आर्टिकल 370 हटाने की आलोचना करना, 5 अगस्त को ब्लैक-डे बताना कोई अपराध नहीं है। हर नागरिक को आलोचना करने का अधिकार है। देश के नागरिकों को आर्टिकल-19 में अपना विरोध दर्ज करने का अधिकार मिला है। अगर आलोचना पर IPC 153-A के तहत केस होने लगे तो फिर लोकतंत्र नहीं बचेगा’..
क्या है 153 A…
भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 153A ‘धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास, भाषा, आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देने और सद्भाव बिगाड़ने’ के मामले में लगाई जाती है। इसमें 3 साल तक के कारावास, या जुर्माना, या दोनों का प्रावधान है।