औरैया: नाबालिग लड़कियों के साथ अपराध करने वालों को कठोर सजा सुनाने में विशेष पहचान बनाने वाली पाक्सो कोर्ट ने सोमवार को एक दिन में तीन ऐसे मामलों में फैसला सुनाकर न्याय पालिका क्षेत्र में कीर्तिमान स्थापित किया। अभियोजन पक्ष प्रदेश सरकार की ओर से छेड़े गए मिशन शक्ति के विशेष अभियान की सफलता में इस कोर्ट की सक्रियता से खुश नजर आ रही है।विशेष न्यायाधीश पाक्सो अधिनियम मनराज सिंह ने क्षेत्र में घटित नाबालिग के साथ दुष्कर्म के आरोपी को 10 वर्ष का कारावास, थाना अजीतमल क्षेत्र में नाबालिग संग दुष्कर्म के प्रयास में दोषी को 10 वर्ष की कैद, एरवाकटरा थाना क्षेत्र में नाबालिग का अपहरण व छेड़छाड़ के आरोपी को सात साल की सजा सुनाई। सभी दोषियों पर 20-20 हजार रुपए अर्थदंड भी लगाया।
बाग में ले जाकर आरोपी ने की थी वारदात-जिला शासकीय अधिवक्ता अभिषेक मिश्र ने बताया कि कोर्ट ने दो ऐसे मामलों में सजा सुनाई जिसमें पुलिस ने विवेचना में यह कहकर अंतिम रिपोर्ट लगा दी थी कि आरोपित के खिलाफ कोई साक्ष्य प्रमाणित नहीं है। ऐसा ही एक मामला औरैया कोतवाली क्षेत्र का है। जिसमें वादी ने रिपोर्ट लिखाई कि 28 जुलाई 2015 की रात करीब आठ बजे उसकी 14 वर्षीय पुत्री शौच क्रिया के लिए खेत में गयी थी। तभी वहां पर पहले से मौजूद मोनू उर्फ हरपाल सिंह ने वादी की पुत्री को आम की बगिया में घसीट ले गया व मुंह कपड़ा से बंद कर जबरन बुरा काम किया।
आरोपी को सुनाई 10 साल की सजा-दुष्कर्म व पाक्सो एक्ट के उक्त मामले में पुलिस ने अंतिम रिपोर्ट लगा दी। लिखा कि साक्ष्य के अभाव में अंतिम रिपोर्ट प्रेषित की जा रही है। पीठासीन अधिकारी कोर्ट ने अंतिम रिपोर्ट को निरस्त कर आरोपित मोनू को विचारण के लिए तलब किया। अभियोजन व बचाव पक्ष को सुनने के बाद विशेष न्यायाधीश पाक्सो ने अभियुक्त को 10 वर्ष के कठोर कारावास व 20 हजार रुपये अर्थदंड से दंडित किया। वसूले गए अर्थदंड की आधी धनराशि पीड़िता को देने का आदेश दिया।
कोर्ट ने आरोपी पर जुर्माना भी लगाया-दूसरा मामला थाना अजीतमल क्षेत्र का है। जिसमें वादिनी ने रिपोर्ट दर्ज कराई कि उसकी नौ वर्षीय पुत्री 28 जुलाई 2015 को शाम पांच बजे बकरियों को चराने खेतों पर गयी थी।शाम सात बजे जब वह घर पर आ रही थी,तभी गांव के दीपक ने उसे बुरी नीयत से पकड़ लिया व गलत काम करने का प्रयास करने लगा। पुत्री के चिल्लाने पर लोगों के आ जाने से आरोपित भाग गया। इस मामले में विवेचना अधिकारी ने आठ नवंबर 2015 को अंतिम रिपोर्ट लगाई। इसमें लिखा गया कि साक्ष्य के अभाव में अंतिम रिपोर्ट लगाई गई। कोर्ट ने इसे निरस्त कर आरोपित को तलब किया। मुकदमा विशेष न्यायाधीश पाक्सो मनराज सिंह की कोर्ट में चला। दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने नाबालिग के साथ दुष्कर्म के प्रयास में दोषी को 10 वर्ष का कठोर कारावास व 20 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। वसूली गई धनराशि की आधी रकम पीड़िता को देने का आदेश जारी किया।
2013 में आरोपी पर दर्ज हुआ था मामला-तीसरा निर्णय थाना एरवाकटरा क्षेत्र का सुनाया गया। जहां वादी ने रिपोर्ट लिखाई कि 26 अक्टूबर 2013 की सुबह करीब चार बजे उसकी 14 वर्षीय पुत्री शौच के लिए गांव के बाहर गई थी। तभी गांव का ही आरोपित शिव सिंह उसे बहला फुसलाकर ले गया।पुलिस ने अपहरण व दुष्कर्म के आरोप में चार्ज शीट पेश की। जिसका विचारण भी एडीजे मनराज सिंह ने किया।दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने दोषी को सात वर्ष के कारावास व 20 हजार रुपये अर्थदंड से दंडित किया।इस मामले में भी पीड़िता को वसूली गई धनराशि का आधा हिस्सा देने का आदेश जारी किया।
अभियोजन मान रहे बड़ी सफलता-जिला शासकीय अधिवक्ता अभिषेक मिश्र व विशेष लोक अभियोजक जितेंद्र सिंह तोमर व मृदुल मिश्रा ने इस संबंध में बताया कि प्रदेश सरकार इस समय महिलाओं व खास तौर पर नाबालिग के प्रति अपराध करने वालों को कठोर दंड देने के लिए कृत संकल्प है। इसमें उन्हें इस कोर्ट के द्वारा दोषियों को कठोर सजा दिलाने में सफलता मिल रही है।डीवीए प्रवक्ता शिवम शर्मा के अनुसार उक्त पाक्सो कोर्ट ने अपने कार्यकाल में करीब 40 से ज्यादा मामलों में दोषियों को सजा दी। इस वर्ष 30 से अधिक, पिछले माह सात व इस माह चार मामलों में सजा सुनाई है।
औरैया संवाददाता: शकील अहमद