Saturday, March 15, 2025

Republic Day: प्रलय मिसाइल से लेकर…तीनों सेनाओं की संयुक्त झांकी तक; कर्तव्य पथ पर पहली बार दिखे ये दृश्य

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भारत ने रविवार को 76वां गणतंत्र दिवस मनाया। इस अवसर पर कर्तव्य पथ पर आयोजित समारोह में देश की सैन्य शक्ति, कला एवं संस्कृति, विविधिता और सरकारी योजनाओं की सफलता की झलक देखने को मिली। इस बार की परेड में प्रलय मिसाइल से लेकर सेना के तीनों अंगों की झांकी तक कई चीजें पहली बार देखने को मिलीं।

राष्ट्रपति को सलामी देने वाली पहली महिला अधिकारी बनी कैप्टन डिम्पल सिंह भाटी 

कैप्टन डिंपल सिंह भाटी ने लड़ाकू दस्ते का नेतृत्व करते हुए चलती मोटरसाइकिल पर 12 फुट ऊंची सीढ़ी पर चढ़कर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सलामी दी। जिसके बाद वे ऐसा करने वाली भारतीय सेना की पहली महिला अधिकारी बन गई। कैप्टन भाटी ने संतुलन और शालीनता के साथ राष्ट्रपति को सलामी दी। उनके प्रदर्शन में भारतीय सेना की सिग्नल कोर के साहस, सटीकता और उत्कृष्टता को दर्शाया गया, जिसे ‘‘डेयर डेविल्स’’ के रूप में जाना जाता है।

पहली बार निकली तीनों सेनाओं की संयुक्त झांकी
कर्तव्य पथ पर परेड के दौरान दुनिया ने भारत का शक्ति प्रदर्शन देखा। सैनिकों के अभिभूत करने वाले मार्चिंग दस्ते, मिसाइलें, टैंक, लड़ाकू विमानों ने कर्तव्य पथ पर ताकत का ऐसा प्रदर्शन किया, जिसे देखकर दर्शक जोश से भर गए। पहली बार सैन्य बलों के बीच तालमेल की व्यापक भावना को दर्शाती हुई तीनों सेनाओं की झांकी कर्तव्य पथ पर निकली। गणतंत्र दिवस परेड में स्वदेशी अर्जुन युद्धक टैंक, तेजस लड़ाकू विमान और उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर्स ने जमीन, पानी और हवा में समन्वित ऑपरेशन का प्रदर्शन किया गया। तीनों सेनाओं की झांकी का विषय ‘सशक्त और सुरक्षित भारत’ था।

From Pralay missile to joint tableau of armies; These scenes were seen for first time on Kartavya Path
प्रलय मिसाइल का पहली बार हुआ प्रदर्शन
वहीं, गणतंत्र दिवस परेड में पहली बार सतह से सतह पर मार करने वाली सामरिक मिसाइल प्रलय का प्रदर्शन किया गया। सेना और वायुसेना के लिए बनाई गई यह मिसाइल भारत के शस्त्रागार में पारंपरिक हमलों के लिए बनाई गई पहली बैलिस्टिक मिसाइल होगी।

From Pralay missile to joint tableau of armies; These scenes were seen for first time on Kartavya Path
 युद्धक्षेत्र निगरानी प्रणाली का हुआ आयोजन
युद्धक्षेत्र निगरानी प्रणाली संजय को भी पहली बार प्रदर्शित किया गया। सेना की स्वचालित युद्ध निगरानी प्रणाली सभी जमीनी और हवाई युद्धक्षेत्र सेंसर से इनपुट है।
From Pralay missile to joint tableau of armies; These scenes were seen for first time on Kartavya Path
पहली बार इंडोनेशिया की सैन्य टुकड़ी और बैंड ने लिया हिस्सा
परेड में 352 सदस्यीय मार्चिंग और बैंड टुकड़ी ने हिस्सा लिया। यह पहली बार था कि जब भारत के गणतंत्र दिवस पर इंडोनेशिया की टुकड़ी ने कर्तव्य पथ मार्च में हिस्सा लिया। यह भी पहली बार हुआ जब इंडोनेशियाई सैन्य बैंड और सैन्य टुकड़ी ने विदेश में परेड में हिस्सा लिया।

इंडोनेशियाई राष्ट्रीय सशस्त्र बल (टीएनआई) के 152 कर्मियों की मार्चिंग टुकड़ी ने परेड के दौरान बेहतरीन अंदाज में मार्च किया और लोगों की खूब तालियां बटोरीं। इस टुकड़ी में सशस्त्र बलों की सभी शाखाओं-सेना, नौसेना और वायु सेना-के कर्मी शामिल थे। दल ने ‘भिन्नेका तुंगगल इका’ (विविधता में एकता) की भावना का प्रतिनिधित्व किया।

From Pralay missile to joint tableau of armies; These scenes were seen for first time on Kartavya Path
पहली बार पूरे कर्तव्य पथ पर सांस्कृतिक प्रदर्शन किया गया
गणतंत्र दिवस के अवसर पर 5000 से अधिक लोक और आदिवासी कलाकारों ने देश के विभिन्न हिस्सों की 45 नृत्य शैलियों का प्रदर्शन किया। सभी अतिथियों को प्रस्तुति देखने को मिले, इसके लिए कलाकारों ने पहली बार पूरे कर्तव्य पथ को कवर किया।
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