शरीर की रक्षक कही जाने वालीं एंटीबॉडीज ही मस्तिष्क पर हमला करके इंसेफ्लाइटिस पैदा कर रही हैं। इनके हमले से मस्तिष्क के विभिन्न हिस्सों में सूजन आती है और रोगी गंभीर स्थिति में पहुंच जाता है। इसे ऑटोइम्यून इंसेफ्लाइटिस कहते हैं। रोगी की जान बचाने के लिए डायलिसिस करके विद्रोही एंटीबॉडीज को निकालना पड़ता है। इस संबंध में हैलट के मल्टी सुपर स्पेशियलिटी एंड पीजीआई के न्यूरोलॉजी विभाग ने रिपोर्ट तैयार की है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर रोगी मर्ज की शुरुआत में ही अस्पताल आ जाए तो उसके इलाज में आसानी रहती है।
बात सेहत की: शरीर की रक्षक एंटीबॉडीज ही कर रहीं मस्तिष्क पर हमला, विशेषज्ञ बोले- हर ओपीडी में आते हैं मरीज
