औरैया। निजी विद्यालयों की प्री-नर्सरी कक्षाओं की तर्ज पर सरकारी स्कूलों में बाल वाटिका योजना चलाई जा रही है। बाल वाटिका में चार वर्ष तक के बच्चों को दाखिला दिया जाता है।इनमें दाखिला लेने वाले विद्यार्थियों को भोजन के साथ कॉपी, पेंसिल, स्कूल बैग और ड्रेस दी जाती है। विद्यार्थियों का रिकॉर्ड एमआईएस पोर्टल पर ऑनलाइन अपडेट किया जाएगा।बाल वाटिका में क्लास रूम को स्मार्ट बनाने के अलावा बच्चों को खेल-खेल में पढ़ाया जा रहा है। इसके पीछे की मंशा बच्चों का ध्यान शिक्षा की ओर आकर्षित किया जाना है। प्री-प्राइमरी शिक्षा के अंतर्गत जिले की सभी बाल वाटिका (को-लोकेटेड आंगनबाड़ी केंद्र) वाले विद्यालयों में बालवाटिका कम्युनिटी अभियान की शुरूआत मील का पत्थर साबित होगी।
बाल वाटिका के साथ कार्यक्रम का आयोजन अप्रैल माह में किया जाना है। कार्यक्रम का उद्देश्य सामुदायिक सहभागिता के माध्यम से प्रारंभिक बाल्यावस्था में शिक्षा के महत्व के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। इसमें 3-6 वर्ष के बच्चों को बालवाटिका भेजने के लिए माता-पिता व समुदाय को प्रोत्साहित करना है।
इसके साथ ही निपुण लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए स्कूल रेडीनेस कार्यक्रम फेज-2 भी जिले में लागू किया गया है। इसका उद्देश्य विद्यालय में नामांकित कक्षा-1 के बच्चों को औपचारिक शिक्षा से जुडने के लिए मानसिक रूप से तैयार करना हैं। इन सबके लिए तीन से छह साल के बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्रों पर खेल-खेल के जरिए करीब लाया जाएगा। इसके लिए आंगनबाड़ी केंद्र पर पंचायत के अभिभावकों का समागम भी कराया जाएगा।
इसमें यूटयूब सेशन आयोजित किया जाएगा। इसमें प्रधानाध्यापक, नोडल अध्यापक, प्री-प्राइमरी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सुपरवाइजर बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार का ऑनलाइन उन्मुखीकरण किया जाएगा।
बीएसए संजीव कुमार ने बताया कि बाल वाटिका को लेकर निर्देश जारी कर दिए गए हैं। शासन स्तर से तय किए गए मानकों के तहत आंगनबाड़ी केंद्रों पर व्यवस्थाएं की जाएंगी।