Privatisation of electricity in UP: यूपी में होने वाले बिजली के निजीकरण के खिलाफ पूरे प्रदेश में राष्ट्रव्यापी आंदोलन शुरू किया जाएगा। यह फैसला ऑल इंडिया पॉवर इंजीनियर्स फेडरेशन की महासभा में लिया गया।
उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र में हो रहे बिजली के निजीकरण के विरोध में राष्ट्रव्यापी आंदोलन चलता रहेगा। आंदोलन की तिथियां भी जल्द ही घोषित की जाएंगी। यह फैसला रविवार को लखनऊ में हुए ऑल इंडिया पॉवर इंजीनियर्स फेडरेशन की महासभा में लिया गया।देश के विभिन्न राज्यों से आए फेडरेशन के पदाधिकारियों ने कहा कि निजीकरण किसी भी हालत में स्वीकार नहीं किया जाएगा। इसलिए बिजली का निजीकरण रोका जाए। फेडरेशन ने उपभोक्ताओं से अपील की है कि वे अपने हित में बिजली कर्मियों के आंदोलन का समर्थन करें। निजीकरण की प्रक्रिया को रोकने में बिजली कर्मचारियों का साथ दें। इस दौरान यह भी मांग की गई कि ओबरा डी और अनपरा ई परियोजनाओं का ज्वांइन्ट वेंचर निरस्त कर उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम को दिया जाए। फेडरेशन के अध्यक्ष शैलेन्द्र दुबे ने कहा कि उत्तर प्रदेश में लगातार आंदोलन चल रहा है।
एक तरफ निजीकरण किया जा रहा है दूसरी तरफ 15 जुलाई को स्वतः संज्ञान लेते हुए उड़ीसा विद्युत नियामक आयोग ने टाटा पॉवर की चारो कंपनियों को उपभोक्ता सेवा में पूरी तरह विफल रहने के कारण नोटिस जारी कर दी है और जन सुनवाई का आदेश दिया है। मौके पर पी रत्नाकर राव, अशोक राव, पीएन सिंह, सत्यपाल, कार्तिकेय दुबे, संजय ठाकुर आदि ने संबोधित किया।


