औरैया। इलाज के दौरान यदि मरीज को निगेटिव ग्रुप के ब्लड की जरूरत पड़ जाए तो जिला संयुक्त चिकित्सालय से मिलना मुश्किल है। अस्पताल के ब्लड बैंक में रक्तदान के इच्छुक जिन डोनरों का ब्योरा है उसमें निगेटिव ग्रुप के सिर्फ 10 डोनर ही हैं। जागरूकता की कमी के चलते लोग रक्तदान शिविरों से जुड़ नहीं रहे जिस कारण इच्छुक डोनर की संख्या नहीं बढ़ पा रही। हालांकि, पॉजिटिव ब्लड ग्रुप वाले इच्छुक डोनरों की संख्या ठीक है।
जिला संयुक्त चिकित्सालय में ब्लड बैंक का संचालन इसी वर्ष जनवरी माह में शुरू हुआ था। आपात स्थिति में ब्लड की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के लिए अस्पताल प्रशासन ने ऐसे रक्तदान करने वाले जागरूक डोनरों की तलाश की। इनका ब्योरा ब्लड बैंक के पास रखा जाता है। अभी तक जिले में 278 इच्छुक ब्लड डोनर तलाशे जा चुके हैं। यह आंकड़ा सुनने, देखने में तो ठीक लगता है पर इसमें निगेटिव ग्रुप वाले डोनर सिर्फ 10 ही हैं। ऐसे में निगेटिव ग्रुप के ब्लड की आवश्यकता पड़ने पर परेशानी आती है। अस्पताल प्रशासन की ओर से जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं ताकि लोगों को रक्तदान के लिए प्रेरित किया जा सके। इसके परिणाम निगेटिव ग्रुप वाले डोनरों के संदर्भ में अच्छे नहीं रहे। इनका आंकड़ा अस्पताल प्रशासन के लिए चिंता का सबब बना है। ब्लड बैंक काउंसलर अस्पताल आने वाले मरीजों व उनके तीमारदारों को समझा रहे हैं कि आज उनकी ओर से किया गया रक्तदान किसी जरूरतमंद की जान बचा सकता है। कभी जरूरत पड़ने पर उनकी भी मदद हो सकती है।ब्लड बैंक में है इतने इच्छुक ब्लड डोनर का ब्योरा
ब्लड ग्रुप डोनर की संख्या
ए-पॉजिटिव 62
ओ-पॉजिटिव 80
बी-पॉजिटिव 104
एबी-पॉजिटिव 22
ए-निगेटिव 04
बी-निगेटिव : 3
ओ-निगेटिव : 2
एबी-निगेटिव : 1
वर्जन
निगेटिव ग्रुप के ब्लड डाेनरों की संख्या को बढ़ाने का लगातार प्रयास किया जा रहा है। जागरूकता अभियान चलाकर लोगों को इन नेक काम से जोड़ने का काम कर रहे हैं। लोगों को भी समझना चाहिए कि सक्तदान से कोई नुकसान नहीं है।- डॉ. प्रियेश प्रताप सिंह, ब्लड बैंक प्रभारी


