Sunday, December 14, 2025

यूपी: प्रदेश में शुरू हुई एसआईआर की प्रक्रिया, लगाए गए 1.62 लाख बीएलओ; इस तरह से बन सकते हैं वोटर

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कानपुर देहात में दिशा की बैठक में पूर्व सांसद व सांसद के बीच हुई कहा सुनी के बाद समर्थक भी नाराज हो गए। हाथापाई तक की नौबत आ गई तो अफसरों का हाथ पैर फूल गए। अफसरों ने जहां उन्हें संभाला, वहीं जिले में जातिवाद की राजनीति गरमा गई है। लोग इस घटना के बाद तरह तरह की चर्चाएं करते रहे। सांसद व पूर्व सांसद ने एक दूसरे पर कई आरोप लगाए। बता दें कि 24 जुलाई को अकबरपुर नगर पंचायत के सभासद द्वारा राज्यमंत्री के समर्थक पर रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी।
इस मामले में अकबरपुर कोतवाल पर पक्षपात का आरोप लगाते हुए राज्यमंत्री धरने पर बैठ गईं थी। उनके समर्थन में आए पूर्व सांसद व उनके पति अनिल शुक्ला वारसी ने अकबरपुर नगर पंचायत अध्यक्ष व पूर्व सांसद को घेरा था। उस समय भी कई गंभीर आरोप लगाए थे। इसके बाद से मामला गरमाया चला आ रहा था। मंगलवार को मौका था कि सांसद व पूर्व सांसद के आमने सामने होने के साथ ही उनके समर्थक भी थे। आरती डिसटलरीज, मिर्जा तालाब की जांच के साथ दिशा बैठक में शामिल सदस्यों का मुद्दा उठा तो राजनीति गरमा गई।

पूर्व सांसद ने सांसद व उनके समर्थकों बताया जान का खतरा
दिशा की बैठक के बाद पूर्व सांसद अनिल शुक्ला वारसी ने एसपी को एक पत्र भेजा है। इसमें उन्होंने बताया कि दिशा की बैठक में आरती डिस्टलरीज का मामला उठने पर उसे दिशा के उद्देश्यों से विपरीत होने की बात कही। साथ ही यह भी कहा कि वह अपने चार लोगों से ही दिशा के मुद्दों से हटकर सवाल उठवाते हैं आैर फैक्टरी मालिकों को परेशान करते हैं। आरोप लगाया कि इस पर वह मुझे गालियां देने लगे आैर मारने के लिए दौड़े। उनके साथ जितेंद्र सिंह गुड्डन, राजेश तिवारी, विवेक द्विवेदी भी मारने दौड़े। पुलिस अधिकारियों की वजह से मै बच सका। पूर्व सांसद ने शिकायती पत्र में सांसद ने उन्हें धमकी दी है। यदि उन्हें व उनके परिवार को कुछ होता है तो सांसद व उनका परिवार व बैठक में शामिल उनके लोग जिम्मेदार होंगे। एसपी ने बताया कि उन्हें शिकायती पत्र नहीं मिला है। फोन पर बात जरूर हुई है।

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