Sunday, December 14, 2025

भारत पर बढ़ता वैश्विक भरोसा! Ford, HP, LG जैसी दिग्गज कंपनियां देश में खोलेंगी हाई-टेक फैक्ट्रियां

यह भी पढ़े

नेशनल डेस्कः भारत अब केवल एक विशाल उपभोक्ता बाजार नहीं, बल्कि दुनिया की नई फैक्ट्री के रूप में अपनी पहचान बना रहा है। हाल के महीनों में वैश्विक दिग्गज कंपनियों Ford, HP, LG और कई अन्य ने भारत में बड़े निवेश और हाई-टेक फैक्ट्रियां लगाने की योजनाएं घोषित की हैं। इसका मतलब साफ है कि भारत अब चीन या वियतनाम के ‘कम लागत वाले विकल्प’ से आगे बढ़कर, एक “पूर्ण मैन्युफैक्चरिंग और इनोवेशन सेंटर” बन रहा है।

 

Ford की वापसी: चेन्नई से दुनिया के लिए बनेगा ‘इंजन हब’

अमेरिकी ऑटो दिग्गज Ford Motor Company ने भारत से बाहर निकलने के तीन साल बाद अब दोबारा वापसी की घोषणा की है। कंपनी अपने चेन्नई प्लांट को हाई-एंड इंजन मैन्युफैक्चरिंग सेंटर में बदल रही है। यहां सालाना 2.35 लाख से अधिक इंजन तैयार होंगे, जिन्हें दुनिया के कई देशों में एक्सपोर्ट किया जाएगा लेकिन अमेरिका को नहीं भेजा जाएगा। यह दिखाता है कि फोर्ड भारत को अब केवल एशियाई मार्केट का सप्लायर नहीं, बल्कि वैश्विक सप्लाई चेन का अहम हिस्सा बना रहा है।

 

HP के सभी लैपटॉप अब ‘मेड इन इंडिया’

टेक्नोलॉजी सेक्टर में भी भारत का पलड़ा भारी हो रहा है। HP Inc ने ऐलान किया है कि आने वाले 3 से 5 सालों में भारत में बिकने वाले सभी लैपटॉप और कंप्यूटर यहीं बनाए जाएंगे। कंपनी की योजना भारत को एक एक्सपोर्ट हब के रूप में भी विकसित करने की है। यानी, यहां से न केवल घरेलू मांग पूरी होगी बल्कि HP भारत से अन्य देशों को भी लैपटॉप निर्यात करेगा। यह फैसला केंद्र सरकार की Production Linked Incentive (PLI) स्कीम के तहत है, जिसने इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण को आकर्षक बनाया है।

 

LG बनाएगा भारत में कैपिटल गुड्स और R&D सेंटर

दक्षिण कोरिया की LG Electronics भारत में अपने भारी औद्योगिक उत्पादन, यानी कैपिटल गुड्स (फैक्ट्रियों में लगने वाली मशीनें) को कोरिया, चीन और वियतनाम से भारत शिफ्ट करने की योजना बना रही है। साथ ही, LG समूह नोएडा में 1,000 करोड़ रुपये के निवेश से एक ग्लोबल R&D सेंटर स्थापित कर रहा है, जो पूरी तरह से रिसर्च और डिज़ाइन पर केंद्रित होगा। इससे करीब 500 उच्च कौशल वाले इंजीनियरों को रोज़गार मिलेगा।

 

भारत क्यों बन रहा है ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग हब

दुनिया की कंपनियों का भारत की ओर रुख करने के पीछे तीन मुख्य कारण हैं:

 

सरकार की नीतिगत स्पष्टता:

‘मेक इन इंडिया’, ‘आत्मनिर्भर भारत’ और PLI जैसी योजनाओं ने विदेशी निवेशकों को स्थिरता और भरोसा दिया है।

 

युवा और तकनीकी रूप से कुशल कार्यबल:

भारत की विशाल इंग्लिश-स्पीकिंग और टेक्निकल वर्कफोर्स कंपनियों के लिए सबसे बड़ा आकर्षण है।

 

बदलता वैश्विक माहौल:

अमेरिका-चीन तनाव और सप्लाई चेन में विविधता की वैश्विक ज़रूरत ने भारत को “भरोसेमंद विकल्प” बना दिया है।

भारत अब ‘विकल्प नहीं, अवसर’ है

आज भारत को केवल चीन के विकल्प (Alternative to China) के रूप में नहीं देखा जा रहा, बल्कि एक समान रूप से सक्षम और नवाचार-उन्मुख उत्पादन केंद्र (Parallel Innovation Hub) के रूप में स्वीकार किया जा रहा है। भारत में अब न केवल मोबाइल और कारें, बल्कि सेमीकंडक्टर, एयरोस्पेस कंपोनेंट्स, मेडिकल डिवाइस और एआई हार्डवेयर भी बनने लगे हैं।

- Advertisement -
Ads

ट्रेंडिंग न्यूज़

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Advertisement

अन्य खबरे