नेशनल डेस्क: भारत के सामने आज बॉर्डर पर चुनौतियां बढ़ गई हैं। एक ओर पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा तो दूसरी ओर चीन डोकलाम, पूर्वी लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में दुस्साहस कर रहा है। भारत भी संवेदनशील सीमावर्ती क्षेत्रों में निगरानी तंत्र को मजबूत बनाने और दुश्मन की हर चाल का जवाब देने के लिए देश की सेना खुद को लगातार हाईटेक कर रही है।इस बीच सेना ने सैनिकों के लिए जेटपैक सूट, नई पीढ़ी के ड्रोन सिस्टम और रोबोट की आपातकालीन खरीदी के लिए निविदाएं जारी की हैं।
जानें जेट पैक सूट की खासियत?
अधिकारियों ने बताया कि, सेना ने 48 जेटपैक सूट, 100 रोबोट और 130 फास्ट-ट्रैक ‘टीथर्ड’ ड्रोन सिस्टम खरीदने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस जेट पैक सूट के कई फायदे हैं। बॉर्डर पर तैनात सैनिक जेट पैक सूट को पहनकर विषण परिस्थितियों में उड़ भी सकते हैं। 1-2 मिनट नहीं 8 मिनट तक जवान धरती से ऊपर उड़ सकेंगे। जेट पैक सूट में पांच गैस टर्बाइन जेट इंजन लगे होते हैं जो करीब 1000 हॉर्सपावर की ऊर्जा पैदा करते हैं।
रफ्तार 50 किमोमीटर प्रतिघंटा
इस तरह के सूट को फ्यूल, डीजल या केरोसिन से चलाया जा सकता है। जेट पैक सूट की रफ्तार 50 किमोमीटर प्रतिघंटे की होती है। यह 80 किलोग्राम से ज्यादा वजन उठा सकता है। इसके अलावा रोबोटों को 10,000 फीट तक की ऊँचाई पर काम करने में सक्षम होना चाहिए। वहीं ड्रोन लंबे समय तक सीमा रेखा के पार निगरानी के लिए उपयुक्त होना चाहिए।
वैश्विक संघर्षों को देखते हुए सेना ने उठाया कदम
भारतीय सेना ने यह कदम हालिया वैश्विक संघर्षों को देखते हुए उठाया है। जिसमें आर्मेनिया-अजरबैजान से लेकर रूस-यूक्रेन के बीच संघर्ष हो या फिर पूर्व में चीन के साथ सैन्य टकराव। भारतीय सेना पाकिस्तान और चीन से सटे अपने बॉर्डर एरिया पर निगरानी तंत्र को मजबूत बना रही है ताकि किसी भी हरकत का मुंहतोड़ जवाब दिया जा सके। सेना ने फास्ट ट्रैक प्रोसीजर के जरिए इमरजेंसी प्रोक्योरमेंट के तहत 48 जेट पैक सूट खरीदने के लिए रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल जारी किया है।