कर्नाटक से एक ऐसा मामला सामने आया है जहां एक महिला को पुलिस ने ‘आपत्तिजनक व्हाट्सऐप स्टेटस’ लगाने के चलते गिरफ्तार किया है। महिला पर आरोप है कि उसने व्हाट्सऐप पर पाकिस्तान के बारे में कुछ ऐसा लिखा था जिसके चलते दो समूहों के बीच घृणा भड़क सकती थी। हालांकि महिला को अगले ही दिन जमानत पर रिहा कर दिया गया। महिला को तब गिरफ्तार किया गया था जब उसके खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई थी।
दरअसल, यह घटना कर्नाटक के बागलकोट जिले की है। यहां की एक 25 वर्षीय महिला को सोमवार को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। महिला का नाम कुठमा शेख है, वह मुधोल की रहने वाली है और पड़ोस के मदरसे की छात्रा है। महिला को कथित तौर पर एक व्हाट्सऐप स्टेटस पोस्ट करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। महिला पर आरोप है कि उसने पाकिस्तान को उसके गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं दी हैं।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया है कि महिला ने 23 मार्च को पाकिस्तान के गणतंत्र दिवस पर अपने व्हाट्सऐप स्टेटस पर उर्दू में लिखा, ‘अल्लाह हर मुल्क में इत्तिहाद, अमन, सुकून, अता फरमा मौला।’ इसका अनुवाद है कि अल्लाह हर देश को शांति एकता और सद्भाव प्रदान करे। बताया गया कि अरुण कुमार भजंत्री नामक एक सामाजिक कार्यकर्ता ने मुधोल पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज की थी।
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इसके बाद 24 मार्च को महिला को गिरफ्तार किया था और अगले दिन जमानत दे दी गई थी। अपनी पुलिस रिपोर्ट में भजंत्री ने दावा किया कि महिला का उद्देश्य जातीय तनाव को भड़काना था। उन्होंने पुलिस से मांग की थी कि महिला पर राजद्रोह का आरोप लगाया जाए। फिलहाल पुलिस ने अपने बयान में बताया कि महिला को शांति और व्यवस्था बनाए रखने के लिए हिरासत में लिया गया था।
पुलिस अधिकारी ने कहा कि महिला ने जो लिखा उसकी व्याख्या पाकिस्तान के गणतंत्र दिवस के जश्न के रूप में की जा सकती है। अगर हमने कार्रवाई नहीं की होती तो वहां विरोध फैल सकता था और दंगे भड़क सकते थे। हालांकि इस मामले पर एक वकील और RTI कार्यकर्ता भीमनागौड़ा पारागोंडा ने कहा, ‘पुलिस को गिरफ्तारी करने से पहले विवेक और निर्णय का उपयोग करना चाहिए। महिला पर लगाए गए आरोप अदालत में नहीं टिकेंगे ऐसे आरोप निर्दोष लोगों को परेशान करने जैसे लगते हैं।’