लखनऊ: विद्युतकर्मियों की हड़ताल पर हाईकोर्ट के सख्त कदम उठाने के कुछ घंटों बाद ही यूपी सरकार ने सख्त रवैया अपनाया है। 650 आउटसोर्सिंग संविदाकर्मियों के सेवा समाप्त कर दी गई है। जिन कर्मियों की सेवा समाप्त हुई है, उनमें पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के 242 कर्मी, मध्यांचल वितरण निगम 110 कर्मी, पश्चिमांचल में 60 और दक्षिणांचल 38 कर्मियों पर कार्रवाई हुई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विद्युत कर्मियों को सख्त चेतावनी देते हुए कहा कि अराजकता फैलाने वाले बिजली कर्मी सूचीबद्ध होंगे। बिजली फीडर बंद करने वालों पर कार्रवाई होगी।
इस पर उर्जा मंत्री एके शर्मा ने कहा कि अगर किसी कर्मी ने विद्युत लाइन में फॉल्ट किया तो उसको आकाश-पाताल से भी ढूंढ निकालेंगे। कोर्ट का सख्त आदेश है कि विद्युत आपूर्ति बाधित न हो। उर्जा मंत्री एके शर्मा ने कहा कि संगठन के नेताओं के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया गया है। सभी के खिलाफ कार्रवाई होगी।
उर्जा मंत्री एके शर्मा ने कहा कि इस हड़ताल के लिए बिजली संगठनों के कुछ गैर जिम्मेदार नेता जिम्मेदार हैं। बैठक के दौरान हमने उनकी मांगों को लेकर समझाया भी था, लेकिन वह अपनी ‘हठधर्मिता’ पर अड़े हैं। हम अब भी उनको समझाने की कोशिश कर रहे हैं। उनसे मांग कर रहे हैं कि वह अपनी हड़ताल को खत्म कर अपने-अपने काम पर लौट जाएं। हड़ताल से कुछ जगहों पर बिजली व्यवस्था प्रभावित हुई है। इसको लेकर रिपोर्ट मांगी गई है।
लोगों को हो रही पानी की समस्या
बता दें कि बीते गुरुवार से राज्य के बिजली कर्मचारी हड़ताल पर हैं। आज कर्मचारियों की हड़ताल का तीसरा दिन है। हड़ताल से कई जिलों में विद्युत व्यवस्था चरमरा गई है। जगह-जगह फीडर बंद होने से बिजली नहीं आ रही है, जिससे लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। लोगों को सबसे ज्यादा परेशानी पानी को लेकर है, क्योंकि बिजली नहीं आने ने वाटर सप्लाई नहीं हो पा रही है। लोगों का कहना है कि सरकार जल्द से जल्द बिजली कर्मियों से बात कर इस हड़ताल को खत्म कराए।
UP में बिजली कर्मियों की हड़ताल पर सख्त हुई सरकार, 650 को नौकरी से निकाला…वाटर सप्लाई न होने से लोगों में परेशानी
