Thursday, March 13, 2025
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फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों का बड़ा बयान,

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फ्रांस – फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों का बड़ा बयान,


मैक्रों ने यूरोप की स्वतंत्रता पर ज़ोर देते हुए कहा, यूरोप का भविष्य न तो मॉस्को में तय होगा- मैक्रों, और न ही वॉशिंगटन में तय होगा- मैक्रों, यूरोप का भविष्य मॉस्को या वॉशिंगटन में तय नहीं, मैक्रों ने चेताया कि अमेरिका का समर्थन जरूरी है, यूरोप को इसके बिना भी तैयार रहना होगा- मैक्रों , यूरोप की रणनीतिक स्वायत्तता को लेकर कड़ा संदेश

सिविल लाइन पुलिस को मिली बड़ी सफलता, 6 छात्राओं को कार से उड़ाने वाला गिरफ्तार,

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मुरादाबाद – सिविल लाइन पुलिस को मिली बड़ी सफलता, 6 छात्राओं को कार से उड़ाने वाला गिरफ्तार, पुलिस ने नाबालिग किशोर को किया गिरफ्तार, आरोपी का पिता पुलिस विभाग में है सब इंस्पेक्टर, छेड़छाड़ का विरोध करने पर कार से उड़ाया गया था, हादसे में छात्राओं को आई थी गंभीर चोटे, सिविल लाइन थाना क्षेत्र की घटना

 

अज्ञात वाहन ने बाइक में मारी टक्कर,

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रायबरेली- अज्ञात वाहन ने बाइक में मारी टक्कर, बाइक सवार दो छात्र गंभीर रूप से घायल, पेपर देने बाइक से जा रहे थे दोनों छात्र, छात्रों को जिला अस्पताल किया गया रेफर, बछरावां थाना क्षेत्र की घटना

एक बार फिर चर्चा में आया बिच्छू गैंग,

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कन्नौज – एक बार फिर चर्चा में आया बिच्छू गैंग, शादी समारोह में घुसकर मारपीट,लूटपाट कर तांडव, वेटरों के साथ गाली-गलौज कर खाना भी फेंका, बारातियों और लड़की पक्ष को भी बुरी तरह पीटा, लड़की की विदाई कराकर पीड़ितों ने थाने में दी तहरीर, गुरसहायगंज कोतवाली क्षेत्र का मामला

 

दबंग युवकों ने किशोर को पीटा ,

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हापुड़ – दबंग युवकों ने किशोर को पीटा , पिटाई के दौरान दबंगों ने बनाई रील, दबंगों ने बच्चे को सड़क किनारे खाई में फेंका, बच्चे की पिटाई का वीडियो हुआ वायरल , थाना बाबूगढ़ क्षेत्र का बताया जा रहा वीडियो

BJP के राज्यसभा सांसद दिनेश शर्मा का बयान

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दिल्ली- BJP के राज्यसभा सांसद दिनेश शर्मा का बयान , औरंगजेब पर अबू आजमी के बयान पर बोले , उत्तेजना फैलाना ही अबू आजमी का उद्देश्य- शर्मा,m ये मुगल आक्रांताओं का गुणगान करते हैं- दिनेश शर्मा, सपा को आजमी को निष्कासित करना चाहिए- शर्मा, बीजेपी मुसलमानों से साथ भेदभाव नहीं करती- शर्मा

हेयर स्टाइलिस्ट संग Tiger Shroff ने मनाया बर्थडे, सामने आया केक काटने का वीडियो

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बाॅलीवुड तड़का : बॉलीवुड एक्टर टाइगर श्रॉफ 2 मार्च को अपना 35वां जन्मदिन मना रहे हैं। इस मौके पर सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें टाइगर अपनी टीम के साथ केक काटते नजर आ रहे हैं।

टीम के साथ सेलिब्रेशन

टाइगर के हेयर स्टाइलिस्ट अमित यशवंत ने अपने इंस्टाग्राम पर यह वीडियो शेयर किया है। वीडियो में टाइगर अपनी टीम के साथ मस्ती करते और केक काटते दिखाई दे रहे हैं। अमित ने कैप्शन में लिखा, ‘हैप्पी बर्थडे भाई’। इस वीडियो में टाइगर केक खाने के बाद अपनी टीम के साथ हंसी-मजाक भी करते दिख रहे हैं।

टाइगर श्रॉफ का करियर

टाइगर श्रॉफ बेहतरीन एक्शन और डांसिंग के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने 2014 में फिल्म ‘हीरोपंती’ से बॉलीवुड डेब्यू किया था, जिसमें उनके साथ कृति सेनन थीं। पहली ही फिल्म में उनके एक्शन और डांस की खूब तारीफ हुई, हालांकि लुक्स को लेकर उन्हें ट्रोल भी किया गया।

]अनन्या पांडे से अपने ‘बेबी जान’ के पहले बर्थडे पर काटा केक, बोलीं- ‘मुझे दुनिया की सबसे खुश…

इसके बाद उन्होंने ‘बागी’, ‘बागी 2’, ‘बागी 3’, ‘वॉर’, ‘मुन्ना माइकल’, ‘स्टूडेंट ऑफ द ईयर 2’, ‘गणपत’ और ‘हीरोपंती 2’ जैसी फिल्मों में काम किया।

टाइगर की अपकमिंग फिल्में

टाइगर जल्द ही ‘बागी 4’ में नजर आने वाले हैं, जिसमें उनके साथ संजय दत्त, सोनम बाजवा और पूर्व मिस यूनिवर्स हरनाज संधू भी होंगी। इस फिल्म का निर्देशन ए. हर्षा ने किया है और इसे 5 सितंबर 2024 को रिलीज किया जाएगा।

इसके अलावा टाइगर ‘हाउसफुल 5’ में भी नजर आएंगे, जिसमें उनके साथ अक्षय कुमार भी होंगे।

फैंस की बढ़ती एक्साइटमेंट

टाइगर श्रॉफ की एक्शन और डांसिंग के लाखों फैंस दीवाने हैं। उनके जन्मदिन के मौके पर सोशल मीडिया पर फैंस उन्हें ढेरों शुभकामनाएं दे रहे हैं। अब उनके फैंस उनकी अपकमिंग फिल्मों का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।

 

Sanam Teri Kasam की सक्सेस पर Mawra Hocane का रिएक्शन, बोली- वक्त से पहले और…

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बाॅलीवुड तड़का : बॉलीवुड फिल्मों को री-रिलीज करने का ट्रेंड इन दिनों काफी चलन में है, जिससे कई फिल्मों को नया जीवन मिल रहा है। जो फिल्में पहले ज्यादा सफल नहीं हो पाई थीं, वे अब बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचा रही हैं। ऐसी ही एक फिल्म है ‘सनम तेरी कसम’, जो हाल ही में दोबारा सिनेमाघरों में रिलीज हुई और दर्शकों से जबरदस्त प्यार पा रही है। इस फिल्म की री-रिलीज ने हर्षवर्धन राणे और मावरा होकेन को एक बार फिर से सुर्खियों में ला दिया है।

मावरा होकेन का सोशल मीडिया पर इमोशनल पोस्ट

पाकिस्तानी एक्ट्रेस मावरा होकेन इस फिल्म की दोबारा सफलता से बेहद खुश हैं, लेकिन पाकिस्तान में होने के कारण वे थिएटर जाकर इसे अनुभव नहीं कर पा रही हैं। ऐसे में उन्होंने सोशल मीडिया पर एक इमोशनल पोस्ट शेयर किया है।

मावरा ने फिल्म के कई क्लिप्स के साथ लिखा, ”मैं आंकड़ों को देखकर चौंक नहीं रही, लेकिन ‘सनम तेरी कसम’ की दोबारा रिलीज जादुई साबित हो रही है। माशाअल्लाह, ये सब सपने जैसा है! इस फिल्म की सफलता साबित करती है कि ‘वक्त से पहले और नसीब से ज्यादा कुछ नहीं मिलता।’ पिछले तीन हफ्तों से आप सभी ने जो प्यार बरसाया है, उसके लिए दिल से आभारी हूं। लोग कह रहे हैं कि हमने इतिहास बना दिया है।”

फिल्म के प्रोड्यूसर्स और टीम को कहा धन्यवाद

मावरा ने अपनी पोस्ट में फिल्म के निर्माताओं, कोरियोग्राफरों और निर्देशकों को भी धन्यवाद दिया। उन्होंने लिखा, ‘मैं अपने प्रोड्यूसर के लिए बहुत खुश हूं। आप हमेशा मुस्कुराते रहे, भले ही चीजें आपके पक्ष में नहीं थीं। ये आपकी मेहनत और अच्छे दिल का नतीजा है। फिल्म की पूरी टीम को बधाई! विनय सर, राधिका मैम और मेरी डांस टीम – पप्पू सर और मल्लू मैम को भी तहे दिल से धन्यवाद।’

हर्षवर्धन राणे से की खास गुजारिश

अंत में मावरा होकेन ने हर्षवर्धन राणे से एक खास रिक्वेस्ट की। उन्होंने लिखा, ‘हर्ष, तुम बहुत लकी हो कि इन पलों को जी पा रहे हो। मेरी तरफ से भी इसका पूरा आनंद लो। इंशाअल्लाह, यह नई शुरुआत होगी!’

हर्षवर्धन राणे लगातार थिएटर्स में पहुंच रहे

फिल्म की दोबारा रिलीज के बाद हर्षवर्धन राणे फैंस से मिलने और थिएटर में फिल्म देखने जाते रहे हैं। पैपराजी से बातचीत में भी उन्होंने अपनी खुशी जाहिर की। वहीं, भारत में नहीं होने के बावजूद मावरा सोशल मीडिया के जरिए फिल्म की सफलता का जश्न मना रही हैं।

‘सनम तेरी कसम’ की दोबारा रिलीज क्यों बनी खास?

यह फिल्म 2016 में रिलीज हुई थी, लेकिन उस समय इसे ज्यादा सफलता नहीं मिली थी। अब री-रिलीज के बाद इसे जबरदस्त रिस्पॉन्स मिल रहा है और लोग इसे देखने के लिए बड़ी संख्या में थिएटर्स पहुंच रहे हैं।

 

चंबल की ‘दस्यु सुंदरी’ कुसुमा नाइन की मौत, कुख्यात डकैत ने PGI में ली अंतिम सांस; कभी 15 मल्लाहों को एक साथ मारी थी गोली

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Etawah News, : उत्तर प्रदेश के इटावा के बीहड़ में अपने आतंक से लोगों के दिलों में दहशत फैलाने वाली कुख्यात ‘दस्यु सुंदरी’ कुसुमा नाइन की इलाज के दौरान पीजीआई में मौत हो गईं। कुशमा लंबे समय से टीवी की बीमारी से जूझ रही थी।

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पीजीआई में डकैत ने ली आखिरी सांस
इटावा के बीहड़ में अपने नाम से लोगों की दिलों में दहशत करने वाली डकैत कुसुमा नाइन का अंत हो गया। उन्होंने लखनऊ पीजीआई में आखिरी सांस ली। बताते चलें कि कुसुमा नाइन सन 2004 से इटावा की जिला कारागार में अपनी आजीवन कारावास की सजा काट रही थी। 31 जनवरी 2025 की रात में उनकी अचानक से तबीयत खराब हुई जिसके बाद उनको तुरंत सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी में भर्ती कराया गया जहां पर उनकी हालत को गंभीर देखते हुए 2 फरवरी 2025 को केजीएमयू लखनऊ में भर्ती कराया गया जहां इलाज के दौरान उन्होंने आज आखिरी सांस ली। बताया गया कि डकैत कुसुमा नाइन टीबी की बीमारी से जूझ रही थी।

कुसुमा ने एक साथ मारे थे 15 मछुआरे
कुसुमा नाइन जालौन जिले के सिरसा कालर स्थित टिकरी गांव की रहने वाली थी। उन्होंने फूलन देवी के विरोधी लालाराम से 1984 में हाथ मिलाया और उसके बाद औरैया के अस्ता गांव में पहुंची जहां उन्होंने एक साथ 15 मछुआरों को गोली मारकर मौत की घाट उतार दिया। तो वहीं उनके घर को आग के हवाले कर दिया। वहीं 1996 में इटावा के भरेह इलाके में पहुंच कर दो मछुआरे संतोष और राजबहादुर को आंखों से अंधा कर दिया था और उनकी जान बख्श दी थी। जून 2004 में कुसमा नाइन ने प्रदेश की भिंड पुलिस को आत्मसमर्पण कर दिया था। जिसके बाद उनको इटावा की जिला कारागार में आजीवन कारावास की सजा मिली थी। 2004 से कुसुमा नाइन अपनी सजा काट रही थी लेकिन उनकी आज लखनऊ पीजीआई में मौत हो गई।

आंख खुली तो देखा मरा पड़ा था साथी, बर्फीले तूफान में बचे मजदूरों ने सुनाईं रोंगटे खड़े करनी वाली दास्तां

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नेशनल डेस्कः सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के मजदूर जगबीर सिंह को जब होश आया, तो उसे अपने आसपास बर्फ की सफेद अंतहीन चादर दिखाई दी और बगल में एक मृत साथी का शव मिला। जगबीर के मुताबिक, हिमस्खलन के कारण उसका एक पैर टूट गया था और उसके सिर में गंभीर चोट आई थी। जगबीर को कुछ दूरी पर एक होटल दिखाई दिया और उसने उसी में शरण लेकर करीब 25 घंटे का भयावह समय गुजारा। होटल में जगबीर ने प्यास बुझाने के लिए बर्फ खाई और वह अपने एक दर्जन से भी अधिक साथियों के साथ एक ही कंबल में हाड़ कंपा देने वाली ठंड से जूझता रहा।

पंजाब के अमृतसर के रहने वाले जगबीर ने बताया कि जिस समय हिमस्खलन हुआ और बर्फ ने उसे उसके साथियों के साथ कई मीटर नीचे धकेल दिया, उस समय वह बीआरओ के शिविर में अपने कंटेनर में सो रहा था। जगबीर ने कहा, ”हम जिस कंटेनर में थे, वह नीचे लुढ़कने लगा। जब तक हम यह समझ पाते कि क्या हुआ है, मैंने देखा कि हमारे एक साथी की मौत हो गई है और मेरा एक पैर टूट गया है। मेरे सिर में भी चोट लगी थी। वहां हर तरफ बर्फ का ढेर था।”

जगबीर ने बताया कि वह और उसके कुछ साथी किसी तरह से भारी कदमों से धीरे-धीरे चलते हुए कुछ दूरी पर स्थित एक होटल में पहुंचे और वहां आश्रय लिया। उसने कहा, ”हमें 25 घंटे बाद बाहर निकाला गया और इस दौरान हम 14-15 लोगों के पास ओढ़ने के लिए केवल एक कंबल था। जब हमें प्यास लगी, तो हमने बर्फ खाई।” रात में कंटेनर में रह रहे बीआरओ के 54 मजदूर 28 फरवरी को उत्तराखंड के पहाड़ी चमोली जिले के माणा गांव में हुए हिमस्खलन में फंस गए थे। इनमें से 46 मजदूरों को सेना समेत कई एजेंसियों द्वारा संचालित बचाव अभियान के दौरान सुरक्षित निकाल लिया गया, जबकि आठ अन्य की मौत हो गई। सभी मृतकों के शव बरामद हो गए हैं। हिमस्खलन के कारण घायल मजदूरों को ज्योतिर्मठ के सैन्य अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्होंने अपनी भयावह आपबीती सुनाई।

उत्तरकाकाशी के रहने वाले मनोज भंडारी ने बताया कि हिमस्खलन इतना भीषण था कि केवल 10 सेकेंड में ही उसने सभी कंटेनर को 300 मीटर नीचे फेंक दिया। भंडारी ने कहा, ”मैं थोड़ी देर के लिए अपने होश खो बैठा और फिर मुझे एहसास हुआ कि वहां से भागना असंभव था, क्योंकि चारों ओर तीन-चार फीट बर्फ थी। किसी तरह हम बर्फ के बीच नंगे पैर चलकर सेना के एक खाली गेस्ट हाउस में शरण लेने के लिए पहुंचे। बचाव दल दो-तीन घंटे के बाद हमारे पास पहुंचे।”

बिहार के वैशाली जिले के रहने वाले मुन्ना प्रसाद ने कहा कि सभी कंटेनर अलकनंदा नदी की तरफ बह गए। उसने कहा, ”हम करीब 12 घंटे तक बर्फ के नीचे ऐसे ही पड़े रहे। बर्फ से हमारी नाक बंद हो गई थी और सांस लेना मुश्किल था। हालांकि, शुक्र है कि बहुत देर होने से पहले सेना और आईटीबीपी की टीमें हमें बचाने आ गईं।” कई मजदूरों ने सेना के शिविर, बैरक, खाली पड़े होटल जैसे किसी भी स्थान पर आश्रय लेकर किसी तरह अपनी जान बचाई। कुछ मजदूरों को तो हिमस्खलन के कुछ घंटों में ही बचा लिया गया, लेकिन अन्य को कड़ाके की ठंड में घंटों गुजारने पड़े। शुक्रवार को ही 33 मजदूरों को बाहर निकाल लिया गया था, जबकि 17 अन्य को शनिवार को बचाया गया।

बिहार के एक अन्य मजदूर अविनाश कुमार ने बताया कि सिर को छोड़कर उसका पूरा शरीर बर्फ के अंदर दबा हुआ था। उसने बताया कि हिमस्खलन के दौरान उसका सिर लोहे की किसी वस्तु से टकरा गया था और उससे खून निकल रहा था। हिमस्खलन के दो घंटे बाद सेना के जवानों ने कुमार को बाहर निकाल लिया और उसे इलाज के लिए अस्पताल भेजा, जहां उसके सिर में 29 टांके लगाए गए। उत्तर प्रदेश के कानपुर निवासी चंद्रभान ने बताया कि मुख्य हिमस्खलन के कुछ देर पहले करीब साढ़े पांच बजे एक हल्का हिमस्खलन भी हुआ था। चंद्रभान ने बताया, ”कंटेनर के शीर्ष पर एक खुले स्थान के जरिये मैं भाग निकला।”

हिमाचल प्रदेश के विपिन कुमार ने कहा, ”सब कुछ बहुत जल्दी हुआ।” पिथौरागढ़ के बेरीनाग के रहने वाले गणेश कुमार ने बताया कि तड़के हुए हिमस्खलन से पहले रातभर बर्फबारी हुई थी। उसने कहा, ”सुबह के छह बज रहे थे। मैं अपने साथियों के साथ कंटेनर में सो रहा था। इस बीच, हमारे कंटेनर ने हिलना शुरू कर दिया और थोड़ी देर बाद हमने अपने आपको बर्फ के बीच में फंसा पाया। कुछ देर बाद बचाव टीम आई और हमें स्ट्रेचर पर सेना के अस्पताल ले गई।”

उत्तर प्रदेश के विजयपाल और उसके साथी 100 मीटर से भी अधिक गहरी खाई में गिर गए। उन्होंने करीब 200 मीटर दूर सेना का एक खाली पड़ा बैरक देखा और हिमस्खलन के मलबे में चलकर किसी तरह वहां पहुंचे। हिमस्खलन के प्रति क्षेत्र की संवेदनशीलता को देखते हुए सेना सर्दियों में इस बैरक का इस्तेमाल नहीं करती है। यही बैरक मजदूरों के लिए जीवन रेखा साबित हुई, जहां से सुरक्षित निकाले जाने से पहले उन्होंने करीब 24 घंटे गुजारे। विजयपाल ने बताया कि कई दिनों से क्षेत्र में बर्फबारी हो रही थी और 28 फरवरी की सुबह भी शिविर के नजदीक दो हिमस्खलन हुए थे।