पैरालम्पिक स्वर्ण पदक विजेता भालाफेंक खिलाड़ी देवेंद्र झझाडिया सोमवार को देश का तीसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्मभूषण पाने वाले पहले पैरा एथलीट बन गए। 40 वर्ष के झझाडिया ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से राष्ट्रपति भवन में यह सम्मान हासिल किया। झझाडिया ने पहली बार 2004 एथेंस पैरालम्पिक में स्वर्ण पदक जीता था जबकि रियो ओलंपिक 2016 में दूसरा पीला तमगा अपने नाम किया। उन्होंने टोक्यो पैरालम्पिक 2020 में रजत पदक जीता। पैरालम्पिक के चार पदक विजेताओं को पद्म पुरस्कार से नवाजा गया।
टोक्यो पैरालम्पिक में दो पदक जीतने वाली निशानेबाज अवनि लेखरा को पद्मश्री प्रदान किया गया। वहीं स्वर्ण पदक विजेता भालाफेंक खिलाड़ी सुमित अंतिल और बैडमिंटन में स्वर्ण पदक जीतने वाले प्रमोद भगत को भी पद्मश्री सम्मान मिला।
आज महामहिम राष्ट्रपति जी से पद्म भूषण सम्मान मिलना मेरे लिए गोरव का पल रहा है|
मैं यह पुरस्कार अपने साथी पैरा-एथलीटों को चुनौतियों के बावजूद प्रयास करने के लिए समर्पित करता हूं।
पैरालम्पिक खेलों का समर्थन करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का बहुत बहुत धन्यवाद@narendramodi pic.twitter.com/7UqHv9UYSQ— Devendra Jhajharia (@DevJhajharia) March 21, 2022
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झझाडिया ने कहा, ‘पहली बार एक पैरा एथलीट को पद्मभूषण मिला है। मैं इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देता हूं। अब देश के लिए और पदक जीतने की मेरी जिम्मेदारी बढ़ गई है। मैं युवाओं से कहूंगा कि कड़ी मेहनत करें। एक मिनट की मेहनत से कुछ हासिल नहीं होगा। मैं पिछले 20 साल से मेहनत कर रहा हूं।’
लेखरा ने ट्वीट किया, ‘पद्मश्री मिलने से सम्मानित और गौरवान्वित महसूस कर रही हूं। यह सम्मान मेरे प्रयासों का पुरस्कार ही नहीं बल्कि मेरे परिवार के बलिदानों का नतीजा और मेरे कैरियर में सहयोग करने वाले हर व्यक्ति के समर्थन का फल है।’