EPFO : प्रोविडेंट फंड एक ऐसा निवेश है जिसका उपयोग निवेशक रिटायरमेंट के बाद करता है। बड़ी संख्या में प्राईवेट कर्मचारी इसमें पैसे का निवेश कर रहे हैं। अभी हाल ही में EPFO की तरफ ब्याज कटौती का ऐलान हुआ था। अब एक और झटका निवेशकों को लगने वाला है। अभी तक कर मुक्त रहने वाले प्रोविडेंट फंड पर 1 अप्रैल से टैक्स देने को तैयार हो जाइए। आइए जानते हैं क्या कह रहे हैं नियम-
बजट 2021 तक प्रोविडेंट फंड पूरी तरह से कर मुक्त था। लेकिन अब उसके बाद नियमों में बड़ा बदलाव है। अब निवेशकों को टैक्स देना होगा। 2021-22 के बजट स्पीच में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि 2.5 लाख रुपये से अधिक के योगदान पर 1 अप्रैल से टैक्स लगेगा। वहीं, उसके नीचे के काॅन्ट्रीब्यूटर पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
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31 अगस्त को जारी नोटिफिकेशन में कहा गया था कि 2.5 लाख रुपये तक के काॅन्ट्रीब्यूटर को कोई कर नहीं देना होगा। इसके अलावा जहां सिर्फ कर्मचारी काॅन्ट्रीब्यूट करता है वहां यह छूट 5 लाख रुपये तक की है। बता दें, बेसिक सैलरी का 12% कर्मचारी और 12% कंपनी निवेश करती है। कंपनी के 12% के योगदान में से 8.33% ईम्पलायीज पेशंन स्कीम में चला जाता है। इस पर कोई ब्याज नहीं मिलता है।