औरैया। जिला एवं सत्र न्यायाधीश ग्रीश कुमार वैश्य ने थाना फफूंद क्षेत्र में 10 वर्ष पूर्व पत्नी को आत्महत्या के लिए दुस्प्रेरित करने के दोषी पति रामकुमार सविता को पांच वर्ष के कठोर कारावास व 25 हजार रुपये अर्थदंड की सजा से दंडित किया है। गौर तलब है कि वादी पुत्र ने पिता के विरुद्ध न केवल रिपोर्ट दर्ज कराई, बल्कि खिलाफ गवाही देकर पिता को सजा दिलवाई।मामले में अभियोजन की ओर से पैरवी कर रहे डीजीसी अभिषेक मिश्रा ने बताया कि उक्त मामले की रिपोर्ट नितिन कुमार सविता पुत्र रामकुमार ने पांच सितंबर 2013 को दर्ज कराई। वादी ने लिखा कि मेरे पिता रामकुमार निवासी ऊंचाटीला फफूंद के मेरी चाची से अवैध संबंधों को लेकर माता-पिता में अनबन व तनाव बना रहता था। पांच सितंबर 2013 को वादी अपनी टीसी लेने के लिए घर के बाहर कॉलेज गया हुआ था। उस समय मेरे पिता व माता में कहासुनी हो रही थी।
जब वादी कॉलेज से घर आया तो देखा कि मेरी मां अर्चना देवी जली हुई हालत में मृत अवस्था में घर के अंदर जमीन पर पड़ी हैं। पास में मिट्टी के तेल की कट्टी रखी थी। मिट्टी के तेल की बुरी तरह गंध आ रही थी। वादी ने अपने पिता, दो चाचा व चाची के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत करवाया।विवेचना करने के बाद पुलिस ने केवल मृतका के पति रामकुमार के विरुद्ध आत्महत्या के लिए दुस्प्रेरित करने की चार्जशीट कोर्ट में प्रस्तुत की। इस मुकदमे का निर्णय मंगलवार को जिला एवं सत्र न्यायालय में हुआ। अभियोजन की ओर से डीजीसी अभिषेक मिश्रा ने अवैध संबंधों के कारण मृतका को उत्पीड़ित करने व आत्महत्या के लिए दुस्प्रेरित करने करने के दोषी पति रामकुमार सविता को कठोर सजा से दंडित करने की बहस की। वहीं बचाव पक्ष के वकील ने दलील दी कि अभियुक्त की उम्र 58 वर्ष है। उसे परिवीक्षा अधिनियम का लाभ दिया जाए। दोनों पक्षकारों को सुनने के बाद सत्र न्यायाधीश ग्रीश कुमार वैश्य ने दोषी रामकुमार सविता को पांच वर्ष के कठोर कारावास व 25 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया।
डीजीसी ने बताया कि सजा पाये रामकुमार के वादी पुत्र ने अपने पिता के विरुद्ध गवाही दी। कोर्ट ने अर्थदंड की धनराशि में से 20 हजार रुपये की धनराशि वादी मुकदमा नितिन कुमार सविता को बतौर प्रतिकर अदा करने का भी आदेश दिया। इस प्रकरण में कारागार में बिताई गई अवधि सजा की अवधि में समायोजित होगी।