नेशनल डेस्कः अगर चलती ट्रेन में आपका फोन चोरी हो जाये और चोर फरार हो चुका हो तो आपके फोन के वापस मिलने की संभावना नहीं के बराबर होगी। लेकिन राज भगत के मामले में न सिर्फ भाग्य बल्कि तकनीक ने भी साथ दिया और उन्होंने रंगे हाथ चोर को पकड़ लिया। भगत ने बताया, ‘‘ दो घंटे तक यह पूरा घटनाक्रम चला। जब मैंने चोर को पिताजी के बैग के साथ अपने सामने खड़े देखा, तो मैं आपको बता नहीं सकता कि कितनी खुशी हो रही थी। बेशक, उसकी लोकेशन पता लगाने से मदद मिली, लेकिन मैं तमिलनाडु के नागरकोइल नाम के छोटे से शहर में था जिसके चप्पे-चप्पे से मैं वाकिफ हूं।”
भगत ने चोर पकड़ने के लिए डेटा और मैप का इस्तेमाल किया। उन्होंने बताया कि तीन और चार फरवरी की दरमियानी रात करीब डेढ़ बजे उनके पिता नागरकोइल-काचीगुडा एक्सप्रेस में जब अपनी बर्थ तलाश रहे थे और सामान को व्यवस्थित करने में लगे थे तभी उनका बैग खो गया, जिममें फोन भी था। करीब दो घंटे बाद उनके पिता को बैग के गायब होने का अहसास हुआ। काफी तलाशने के बाद जब बैग नहीं मिला तो उन्होंने अन्य यात्री के फोन से भगत को इस बारे में जानकारी दी।
भगत ने बताया कि उनका परिवार एक-दूसरे के साथ ‘लोकेशन’ साझा करता है और उन्हें उनके पिता के फोन की ‘लोकेशन’ तिरुनेलवेली में मेलप्पालयम के पास रेलवे लाइन पर दिखी। उन्होंने कहा, ‘‘तो मैंने अनुमान लगाया कि चोर तिरुनेलवेली जंक्शन पर उतर गया और दूसरी ट्रेन से नागरकोइल लौट रहा है।” भगत ने अपने एक दोस्त के साथ चोर का पीछा करने का फैसला किया। उन्होंने कहा, ‘‘हम रास्ते में रुके और एक रेलवे पुलिस के जवान को भी इस बारे में बताया तथा उसे भी अपने साथ ले लिया।” मैप के अनुसार जिस कन्याकुमारी एक्सप्रेस से चोर लौट रहा था, उसके स्टेशन पर रुकने के बाद वह भीड़ में गायब हो गया।
भगत ने कहा, ‘‘ लेकिन मैप पर उसकी हलचल से मैंने अनुमान लगाया कि वह स्टेशन के मुख्य द्वार से बाहर निकलकर अन्ना बस अड्डे की ओर जाने वाली बस में सवार हो गया है। इसलिए, हमने मोटरसाइकिल से बस का पीछा करना शुरू कर दिया।” उन्होंने बताया कि आखिरकार वह अन्ना बस अड्डे पर उतर गया। भगत ने कहा, ‘‘गूगल ‘मैप’ में मुझे उसकी लोकेशन महज दो मीटर दिख रही थी। तभी मैंने अपने सामने उसे पिताजी के बैग के साथ देखा। उसके बाद हमने आस-पास के लोगों की मदद से उसे घेर लिया।” बाद में उसे थाने ले गये जहां पता चला कि वह आदतन अपराधी है। पुलिस ने उसके पास से उस दिन चुराई गई सभी चीजें- फोन चार्जर, ब्लूटूथ ईयरफोन, ताला और चाबी, एक हजार रुपये नकद आदि बरामद कर लीं।
भगत ने कहा, ‘‘ मैं समझता हूं कि लोकेशन पर निगरानी जैसी तकनीक किसी की गोपनीयता के लिए खतरा हो सकती है। लेकिन मेरे परिवार में सभी लोग एक-दूसरे को लोकेशन साझा कर बताते हैं कि वे किस समय कहां हैं ताकि मां चिंतित नहीं हों। इस आदत से दो घंटे के भीतर चोर को पकड़ने में मदद मिली। मुझे लगता है कि यह अविश्वसनीय है।”
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