Thursday, November 21, 2024

लोकसभा चुनाव के बाद ट्रेनों की तरह मिलेगी बसों की लोकेशन, ऐप तैयार, आचार संहिता हटने का इंतजार

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ट्रेनों की तर्ज पर परिवहन निगम ने बसों की लाइव लोकेशन की सुविधा शुरू करने की प्रक्रिया पूरी कर ली है। निगम मुख्यालय में कमांड सेंटर बनने के बाद ऐप भी बनकर तैयार है। आचार संहिता लागू होने के कारण सुविधा शुरू नहीं हो पा रही है।

सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर
लखनऊ: ट्रेनों की तर्ज पर परिवहन निगम ने बसों की लाइव लोकेशन की सुविधा शुरू करने की प्रक्रिया पूरी कर ली है। निगम मुख्यालय में कमांड सेंटर स्थापित होने के बाद ऐप भी तैयार हो गया है। आचार संहिता (लोकसभा चुनाव न्यूज) लागू होने से सुविधा शुरू नहीं हो पा रही है। जानकारी के अनुसार आचार संहिता हटने के बाद जून में ऐप की लॉन्चिंग के साथ ही सुविधा शुरू हो जाएगी। इससे यात्री अपनी बस की लोकेशन आसानी से जान सकेंगे। गौरतलब है कि निर्भया फंड योजना के तहत बसों में पैनिक बटन के साथ ही परिवहन निगम लाइव लोकेशन के लिए ट्रैकिंग डिवाइस भी लगवा रहा है। ट्रॉयल पूरा हो चुका है। परिवहन निगम मुख्यालय में कमांड सेंटर का उद्‌घाटन भी हो चुका है।

हालांकि तब तक ऐप तैयार नहीं हुआ था। वहीं अब ऐप बना तो आचार संहिता लग चुकी है। ऐसे में चुनाव खत्म होने का इंतजार किया जा रहा है। इस बीच आंतरिक रूप से संचालन करते हुए खामियों को जानने के साथ ही दूर करने का प्रयास चल रहा है।मिलेगी पल-पल की अपडेट
ऐप की लॉन्चिंग के बाद यात्री बसों की लाइव अपडेट देख सकेंगे। मसलन, बस कहां हैं, कितनी देर में पहुंचेगी, कितनी सीटें खाली हैं, कितनी एडवांस बुकिंग हो चुकी है, स्पीड कितनी है, कहां-कहां रूकेगी आदि। इसके साथ ही पीछे आने वाली बसों का ब्योरा भी मिल सकेगा। वहीं, बसों में पैनिक बटन भी लग चुका हैं। आपात स्थिति में बटन के दबते ही कमांड सेंटर में सूचना पहुंच जाएगी। इसके बाद तत्काल चालक और कंडक्टर से संपर्क किया जाएगा। जरूरत होने पर बस की लाइव लोकेशन के आधार पर मदद मुहैया करवाई जाएगी।

ऑनलाइन टिकटिंग बढ़ी
परिवहन निगम की बसों में ऑनलाइन और यूपीआई से भुगतान की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। अफसरों के मुताबिक लाइव ट्रैकिंग की सुविधा आने के बाद इसमें और तेजी होगी। अधिकारियों के मुताबिक प्रदेश भर की बसों में यूपीआई से भुगतान की सुविधा सितंबर 2023 में शुरू हुई थी। इस समय हर माह करीब यूपीआई से करीब 40 लाख रुपये तक का भुगतान हो रहा है। अगले एक-दो माह में इसे एक करोड़ पहुंचाने का लक्ष्य है। इसके अलावा 4000 बसों में ऑनलाइन भुगतान की सुविधा भी है।

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