नई दिल्लीः उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने सड़कों पर गाड़ियों की स्पीड मापने में इस्तेमाल होने वाले माइक्रोवेव डॉपलर रडार डिवाइस के लिए नियमों के ड्राफ्ट पर लोगों से सुझाव मांगे हैं। मंत्रालय ने इस बारे में एक सर्कुलर जारी किया है। नियमों के मसौदे में कहा गया है कि आखिरी रूप से नियम नोटिफाई होने के बाद लगे रडार उपकरणों को एक साल के भीतर सत्यापित करने की जरूरत होगी। लोगों को इस बारे में 11 जून तक सुझाव देने को कहा गया है। मंत्रालय ने कहा कि फिर से सर्टिफिकेशन की जरूरत होने पर मौजूदा स्थापित उपकरणों को भी सत्यापित किया जाना चाहिए।
स्पीड मेजरमेंट रिजल्ट्स का इस्तेमाल
ऐसे रडार उपकरण जो पहले से लगे हैं और जिनका फिर से वेरिफिकेशन होना है या अगले साल के भीतर होना है, उन्हें नए नियम लागू होने के एक साल के भीतर सत्यापित किया जाना चाहिए और मुहर लगाई जानी चाहिए। अगर स्पीड मेजरमेंट रिजल्ट्स का इस्तेमाल कानूनी कार्यवाही में किया जाना है,
नियम के तहत जो भी शर्तें निर्धारित होती हैं, उन्हें रडार उपकरण को पूरा करना होगा। खबर के मुताबिक,कंस्ट्रक्शन के मामले में, डेटा रिकॉर्डिंग के बिना इस्तेमाल किए जाने वाले राडार में, संकेतक दो ऑपरेटरों द्वारा उपयोग की शर्तों के मुताबिक प्रकाश की स्थितियों में एक साथ पढ़े जा सकेंगे, जिसके लिए उपकरण मॉडल अनुमोदन के समय उपकरण के साथ अनुमोदित निर्देशों के मुताबिक उपयुक्त है। गति सीमा में कम से कम सीमा (30 किमी/घंटा, 150 किमी/घंटा) शामिल होगी।
उपकरण पर जरूर हों ये डिटेल
नए नियम के बाद, उन भागों को सील करना या अन्यथा संरक्षित करना संभव होगा, जिनके साथ छेड़छाड़ होने पर माप में त्रुटि हो सकती है या मेट्रोलॉजिकल रूप से अविश्वसनीय संचालन हो सकता है। इसमें कहा गया है कि उपकरण पर, अमिट अक्षरों में, निर्माता या उसके प्रतिनिधि का नाम (या ट्रेडमार्क) और पता, सीरियल नंबर, आवश्यक कनेक्टिंग इकाइयों का संकेत और सीरियल नंबर जरूर होने चाहिए।