लखनऊ: लखनऊ यूनिवर्सिटी में छात्र संगठनों का जोरदार प्रदर्शन चल रहा है। छात्र नेट परीक्षा रद्द होने को लेकर शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। छात्रों का कहना है कि एंटीए (नेशनल टेस्टिंग एजेंसी) को बंद किया जाना चाहिए। साथ ही परीक्षा की जिम्मेदारी खुद शिक्षा मंत्रालय को दी जानी चाहिए। प्रदर्शन के दौरान एलयू के एक नंबर गेट पर भारी फोर्स तैनात की गई है। छात्रों की कई बार पुलिस से धक्कामुक्की भी हुई है। प्रशासन और विश्वविद्यालय के अधिकारी मौके पर मौजूद हैं।
शिक्षा मंत्रालय ने यूजीसी-नेट परीक्षा रद्द करने का किया एलान
बताते चलें कि मेडिकल इंट्रेंस परीक्षा (NEET) रिजल्ट का विवाद अभी ठंडा भी नहीं पड़ा है कि शिक्षा मंत्रालय ने यूजीसी-नेट परीक्षा को भी रद्द करने का एलान किया है। शिक्षा मंत्रालय ने कहा कि यूजीसी-नेट परीक्षा नए सिरे से आयोजित की जाएगी। सरकार के मुताबिक परीक्षा में गड़बड़ी के मामले की जांच सीबीआई को सौंपी जा रही है।
सपा ने हजरतगंज में किया प्रदर्शन, कहा-भाजपा मतलब पेपर लीक सरकार
समाजवादी पार्टी समर्थकों ने गुरुवार को हजरतगंज चौराहे पर हाथों में बैनर लेकर प्रदर्शन किया। ये लोग शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के इस्तीफे की मांग करते हुए भाजपा सरकार के खिलाफ नारे लगा रहे थे। सपा समर्थकों ने कहा कि भाजपा की सरकार पेपर लीक सरकार है। चौराहे पर प्रदर्शन के चलते हंगामा मच गया। समर्थकों ने नेट परीक्षा रद्द किये जाने की जांच न्यायमूर्तियों की अध्यक्षता में बनी कमेटी से कराने की मांग की। साथ ही नीट परीक्षा को रद्द करने की भी बात कही। पुलिस ने सभी सपा समर्थकों को हिरासत में ले लिया है।
जानिए क्यों रद्द हुई परीक्षा?
परीक्षा रद्द होने के बाद लोगों के मन में ये सवाल है कि आखिर सरकार को अचानक क्यों इतना बड़ा फैसला लेना पड़ा? दरअसल, शिक्षा मंत्रालय ने जानकारी दी कि गृह मंत्रालय की साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर (14सी) की नेशनल साइबर क्राइम थ्रेट एनालिटिक्स यूनिट ने परीक्षा में हुई गड़बड़ी की जानकारी दी। इनपुट के जरिए जानकारी सामने आने के बाद परीक्षा की पारदर्शिता और पवित्रता को बनाने के लिए सरकार ने परीक्षा रद्द करने और फिर से एग्जाम कराने का फैसला किया गया।