कानपुर के डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर से 18 हजार से अधिक युवाओं को रक्षा उत्पादन सेक्टर में रोजगार के अवसर मिलेंगे। यहां छोटे-बड़े हथियार से लेकर गोला-बारूद, अंतरिक्ष उपकरण और डिफेंस टेक्सटाइल्स का निर्माण होगा।
कभी ‘पूरब का मैनचेस्टर’ कहा जाने वाला कानपुर आने वाले दिनों में आयुध नगरी के रूप में विख्यात होने जा रहा है। यूपी डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (यूपी डीआईसी) तेजी से आकार ले रहा है। यूपी डीआईसी के प्रदेश में छह नोड हैं, जिसमें कानपुर नोड में सर्वाधिक निवेश हो रहा है। कानपुर नोड में सबसे बड़े पैमाने पर रक्षा क्षेत्र से जुड़े उत्पादों का निर्माण होगा। इसमें छोटे-बड़े हथियारों से लेकर गोला-बारूद और देश की सेना के लिए अत्याधुनिक वस्त्रों का निर्माण भी शामिल है। यही नहीं कानपुर नोड में अंतरिक्ष विज्ञान से जुड़े उपकरणों को भी निर्मित किया जाएगा।
कानपुर के नरवल तहसील अंतर्गत साढ़ में 218 हैक्टेयर से अधिक भूमि पर डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर आकार ले रहा है। यूपीडा के अधिकारियों के अनुसार अब तक यहां 24 कंपनियों ने निवेश की इच्छा जाहिर की है, जिसमें से पांच कंपनियों ने निवेश शुरू करते हुए कार्य प्रारंभ कर दिया है। इसमें सबसे बड़ा नाम अदाणी समूह का है, जिसने बीते फरवरी माह से ही यहां अपनी फैक्ट्री शुरू कर दिया है।
इन्फ्रास्ट्रक्चर पर सरकार खर्च कर रही 62 करोड़ रुपए से अधिक
यूपीडा के अधिकारियों के अनुसान कानपुर नोड के लिए अब तक 210 हैक्टेयर से अधिक भूमि अलॉट की जा चुकी है। डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के कानपुर नोड से कुल 18 हजार से भी अधिक रोजगार सृजन होने की उम्मीद है। वहीं अब तक कुल 17 सौ करोड़ से अधिक का निवेश धरातल पर उतर भी चुका है, जिससे फिलहाल ढाई हजार रोजगार युवाओं को प्राप्त हुए हैं। कानपुर नोड में इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए योगी सरकार 62 करोड़ रुपए से अधिक खर्च करेगी। इसमें से लगभग 33 करोड़ रुपए के कार्य पूरे हो चुके हैं। इसके अलावा 16 करोड़ रुपए से अधिक के कार्य निर्माणाधीन हैं। वहीं 13 करोड़ से अधिक के कार्यों के लिए टेंडर प्रक्रिया जारी है।