Friday, November 22, 2024

मऊ में खतरे के निशान को पार किया सरयू का जलस्तर,दहशत में लोग,तलाश रहे ठिकाना

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मऊ में खतरे के निशान को पार किया सरयू का जलस्तर,दहशत में लोग,तलाश रहे ठिकाना

मऊ।उत्तर प्रदेश के म‌ऊ जिले में पिछले चार दिनों से सरयू नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है।सरयू अब कहर बरपाने की ओर है।सोमवार को सरयू का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है।सरयू खतरा बिंदु से 30 सेमी ऊपर बह रही है। 20 सेमी अगर और सरयू का जलस्तर बढ़ गया तो तबाही तय है।ऐसे में लोगों में दहशत है।ऐसे में देवारावासियों में दहशत है।इनकी धड़कनें बढ़ गई हैं।वह अपने ठिकानों की तलाश में जुट गए हैं।

सरयू की पूरी धारा मुक्तिधाम के शवदाह स्थल और भारत माता मंदिर पर टकराने लगी हैं,जिससे शवदाह स्थल और भारत माता मंदिर के कटान का खतरा मंडरा रहा है।वहीं बंधों पर भी दबाव बढ़ता जा रहा है।सिंचाई विभाग ने बंधों की निगरानी बढ़ा दी है।

*खतरा बिंदु के ऊपर पहुंचा सरयू का जलस्तर*

रविवार को सरयू नदी का जलस्तर 69.95 मीटर पर था। सोमवार को बढ़कर 70.20 मीटर पर पहुंच गया।खतरा बिंदु 69.90 मीटर हैं।बढ़ते जलस्तर के साथ ही तटवर्ती गांवों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है।सरयू औराडाड़,चिऊटीडाड़ में अब बंधों के पास से होकर बह रही है।

सुरक्षा के लिए बाढ़ खंड आजमगढ़ व सिंचाई विभाग मुस्तैद

बंधों की सुरक्षा के लिए पूरी तरह से बाढ़ खंड आजमगढ़ और सिंचाई विभाग मुस्तैद है।सरयू की धारा सीधे मुक्ति धाम पर टकराने से सिंचाई विभाग के होश उड़े हुए हैं।श्मशान घाट के नीचे सरयू की लहरें पत्थरों से टकरा रही हैं।सिंचाई विभाग के अधिकारी और कर्मचारी बंधों पर डेरा डाले हुए हैं।दूसरी ओर ठोकरों को बहने से बचाने में विभाग जुटा है।नई बाजार के पास सरयू पर बने फोरलेन पुल से सरयू सीधे रामपुर धनौली से लेकर मुक्तिधाम तक आकर टकरा रही है।

बाढ़ में डूबने लगी फसलें

नवली गांव से लेकर रामपुर धनौली रिंग बंधों की ओर अब सरयू बढ़ रही है।फसलें अब में डूबने लगीं हैं।बरहाल सरयू खतरा बिंदु से ऊपर बह रही है।खतरा बिंदु से 60 सेमी ऊपर जाते ही सरयू की प्रलयंकारी विभीषिका का आलम ही कुछ अलग देखते बनेगा।

बंधों पर बढ़ा दी गई गश्त

सिंचाई विभाग अधिशासी अभियंता मनोज कुमार सिंह के मुताबिक बाढ़ को देखते हुए कर्मचारियों की तैनाती कर दी गई है।यही नहीं बंधों पर गश्त बढ़ा दी गई है। मुक्तिधाम व भारत माता मंदिर पर कटान को रोकने के लिए जीओ बैग सुरक्षित रखा गया है। समय-समय पर इसे नदी में गिराया भी जा रहा है।

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