राजधानी लखनऊ में धनतेरस पर लखनवियों ने जमकर खरीदारी की। चाहे पुराने शहर के बाजार हों या फिर नए शहर के, सब देर रात तक गुलजार रहे। हजरतगंज, अमीनाबाद, चौक, आलमबाग, गोमतीनगर, महानगर, यहियागंज समेत सभी बाजारों में भीड़ नजर आई। कारोबारियों के अनुमान के मुताबिक इस बार धनतेरस पर करीब 5000 करोड़ रुपये बाजार में आए।
रियल एस्टेट में 25 फीसदी की हुई वृद्धि
ऑटोमोबाइल सेक्टर की बात करें तो इस बार शहरवासी वाहनों पर फिदा नजर आए। करीब 600 करोड़ रुपये कारों और बाइकों पर खर्च कर दिए। शोरूम संचालकों के मुताबिक 12000 से ज्यादा दोपहिया वाहन बिके। शहर के 28 शोरूमों से करीब 3000 कारों की बिक्री हुई। रियल एस्टेट में कारोबार 1000 करोड़ के आस पास होने का अनुमान है। क्रेडाई के रेजिडेंट डायरेक्टर पीके श्रीवास्तव के मुताबिक पिछले महीनों के मुकाबले इस बार रियल एस्टेट में 25 फीसदी की वृद्धि हुई है।
ऐसे हुई धनवर्षा
- 2000 करोड़ से ज्यादा आए सराफा बाजार में। धनतेरस के बाजार में सराफा की हिस्सेदारी 40 फीसदी रही।
- 1000 करोड़ से ज्यादा आए रियल एस्टेट सेक्टर में। कुल कारोबार में 20 प्रतिशत की हिस्सेदारी रही इस क्षेत्र की।
- 500 करोड़ रुपये से ज्यादा आए ऑटोमोबाइल सेक्टर में, कुल कारोबार में हिस्सेदारी 10 फीसदी।
- 500 करोड़ से ज्यादा का कारोबार मिठाई, मेवे वाले गिफ्ट आइटम खरीदे शहरवासियों ने। कुल कारोबार में 10 फीसदी हिस्सेदारी रही।
- 250 करोड़ रुपये से ज्यादा के इलेक्ट्रॉनिक आइटम व गैजेट खरीदा शहरवासियों ने कारोबारियों के अनुमान के मुताबिक। कुल कारोबार में इस सेक्टर की हिस्सेदारी पांच प्रतिशत रही।
- 120 करोड़ से ज्यादा के कपड़े बिक गए। कपड़ा बाजार की धनतेरस के कुल कारोबार में करीब 2.5 फीसदी की हिस्सेदारी है। 100 करोड़ से ज्यादा के बर्तन खरीदे शहरवासियों ने व्यापारियों के अनुमान के मुताबिक।
हर धनतेरस की तरह सोने-चांदी के प्रति दीवानगी इस बार भी नजर आई। लखनवियों ने 40 फीसदी तक ज्यादा खर्च किए। इतनी उछाल के पीछे इन धातुओं की बढ़ी कीमतें भी रहीं। लखनऊ सराफा एसोसिएशन के अध्यक्ष व यूपी सराफा एसोसिएशन के महामंत्री रविंद्रनाथ रस्तोगी का अनुमान है कि इस बार जिले भर में करीब 2000 करोड़ रुपये का कारोबार हुआ। पिछले साल धनतेरस पर करीब 1200 करोड़ रुपये का कारोबार हुआ था। हालांकि वह यह भी बताते हैं कि आभूषणों के बजाय इस बार बुलियन गोल्ड व सिल्वर (सिक्के, बिस्किट आदि) की खरीदारी ज्यादा रही।