नेशनल डेस्कः पश्चिमी मिजोरम के ममित जिले और उसके आस-पास के इलाकों में रविवार को रिक्टर पैमाने पर 3.7 तीव्रता का हल्का भूकंप आया। मिजोरम सरकार के आपदा प्रबंधन अधिकारियों के अनुसार, भूकंप ने पहाड़ी ममित जिले को हिलाकर रख दिया, जो बांग्लादेश और त्रिपुरा के साथ सीमा साझा करता है। हालांकि, अधिकारियों ने यह भी बताया कि इस भूकंप से अब तक किसी प्रकार के जानमाल के नुकसान या संपत्ति के नुकसान की कोई रिपोर्ट नहीं मिली है।
नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (एनसीएस) के अनुसार, भूकंप का केंद्र जमीन से 10 किमी की गहराई पर था। भूकंप का असर ममित जिले के साथ-साथ आसपास के क्षेत्रों में भी महसूस किया गया, लेकिन कोई बड़ी क्षति नहीं हुई है।
यह भूकंप चार दिनों के भीतर उत्तर-पूर्वी पर्वतीय क्षेत्र में आया दूसरा भूकंप था। इससे पहले, 27 फरवरी को असम के मोरीगांव जिले में रिक्टर पैमाने पर 5.0 तीव्रता का एक मध्यम भूकंप आया था, जिसके झटके गुवाहाटी और राज्य के अन्य हिस्सों में भी महसूस किए गए थे। असम के मोरीगांव जिले में यह भूकंप खासतौर पर महसूस किया गया था, जिससे वहां की सामान्य जनजीवन में कुछ समय के लिए व्यवधान भी हुआ था।
पूर्वोत्तर भारत का आठ राज्यों वाला क्षेत्र भूकंप की दृष्टि से काफी संवेदनशील माना जाता है। यह क्षेत्र छठे सबसे अधिक भूकंप-प्रवण क्षेत्र में आता है। इन राज्यों में भूकंप आना आम बात है, खासकर मिजोरम, असम, अरुणाचल प्रदेश, और मेघालय में, जहां नियमित रूप से छोटे से लेकर मध्यम तीव्रता के भूकंप आते रहते हैं।