पत्रकार राघवेंद्र बाजपेयी की दिनदहाड़े हुई हत्या के बाद पुलिस टीमें खुलासे के लिए सक्रिय हो गईं हैं। सीसीटीवी फुटेज खंगालने के साथ घटना के समय इलाके में सक्रिय मोबाइल फोन नंबर जुटाए जा रहे हैं। सूत्रों के अनुसार जिस हिसाब से राघवेंद्र की हत्या हुई है, उससे साफ जाहिर है कि आरोपियों के पास राघवेंद्र की सटीक लोकेशन थी। पुलिस ने इसलिए राघवेंद्र के घर से घटनास्थल व उससे आगे जाने वाले मार्गाें पर लगे सीसीटीवी कैमरों को खंगाला है। पुलिस इसी दिशा में जांच के साथ आगे बढ़ रही है। राघवेंद्र की धान खरीद के सिंडीकेट व जमीनों की हेराफेरी से जुड़ी खबरों में शामिल लोग भी पुलिस के रडार पर हैं। एसपी चक्रेश मिश्रा ने बताया कि खुलासे के लिए क्राइम ब्रांच के साथ चार टीमें लगाई हैं। कॉल रिकॉर्ड, सीसीटीवी फुटेज व अन्य बिंदुओं पर पड़ताल की जा रही है। राघवेंद्र के मोबाइल फोन को भी खंगाला जा रहा है।
स्थानीय लोगों के अनुसार उन्होंने करीब चार राउंड गाेलियां चलने की आवाज सुनीं। लोग पुल की ओर दौड़े लेकिन तब तक बदमाश घटना को अंजाम देकर मौके से भाग चुके थे। यूपी 112 की टीम पहुंची तो उन्होंने घटना को सड़क हादसा समझकर राघवेंद्र को एंबुलेंस से जिला अस्पताल भिजवाया। वहां चिकित्सकों को राघवेंद्र के सिर पर चोट और सीने पर बारूद मिली। जांच में बाएं हाथ की आस्तीन में एक गोली फंसी मिली। इससे स्पष्ट हो गया कि गोली मारकर ही राघवेंद्र की हत्या की गई। फिर शव को एक्सरे के लिए लाया गया। जांच में एक गोली पीठ व दाहिनी कनपटी पर मारे जाने का निशान था। साथ ही बाएं व दाहिने हाथ की हथेली पर भी गोली के निशान मिले। जिला अस्पताल के चिकित्सक ने बताया कि देखने से लग रहा है कि पत्रकार को चार गोलियां मारी गईं थीं
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