औरैया। तय समय सीमा में भवन निर्माण पूरा न करने वाली एक निर्माण एजेंसी को पीडब्ल्यूडी ने एक साल के लिए डिबार कर रखा है। अब उस पर नए सिरे से जुर्माना लगाने की तैयारी है।एजेंसी राजस्व कर्मियों के लिए आवास बना रही थी, लेकिन तय समय के बाद भी निर्माण कार्य पूरा नहीं किया गया। इसे लेकर एजेंसी को डिबार किया गया था।
यह मामला शहर के यमुना रोड पर चड्ढा सिनेमा के सामने तालाब किनारे बन रहे भवन निर्माण से जुड़ा है। सदर तहसील के कर्मचारियों के लिए अलग-अलग चार बिल्डिंग में बन रहे 44 फ्लैटों का निर्माण तय समय सीमा के बावजूद पूरा नहीं हाे सका है। जिस काम को एक साल में पूरा करने का लक्ष्य था, वह दो साल बाद भी अधूरा है।काम में लापरवाही को लेकर पीडब्ल्यूडी के कानपुर मंडल चीफ इंजीनियर रविदत्त कुमार की ओर से निर्माण एजेंसी के खिलाफ पिछले साल 10 दिसंबर 2024 को डिबार की कार्रवाई हो चुकी है।
ऐसे में संबंधित निर्माण एजेंसी इटावा के गाड़ीपुरा की मैसर्स कमला देवी कांट्रैक्टर ने विभाग से 31 मार्च तक काम पूरा कर लेने की मोहलत मांगी थी। अब जबकि 31 मार्च बीत चुका है, लेकिन काम का काफी हिस्सा अब तक पूरा नहीं हो सका है। ऐसे में पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों की नजर फिर से टेढ़ी हुई है।
चूंकि काम के बदले में एजेंसी को तय बजट के मुताबिक भुगतान होना है, ऐसे में विभाग ने उस पर जुर्माना लगाने की तैयारी शुरू कर दी है। विभाग का मानना है कि अपनी मांगी मोहलत के बावजूद एजेंसी काम में लापरवाही कर रही है। ऐसे में सख्त कदम उठाया जाना जरूरी है।
पिछली बार बारिश का बनाया था बहाना, फिर वही आसार
पहले एजेंसी ने निर्माण स्थल के पास तालाब का हवाला देते हुए तर्क दिया था कि बारिश के दौरान पानी भर जाने से पूरा इलाका डूबा हुआ था, इसलिए काम में देरी हुई। ऐसी ही स्थिति फिर से बनती दिख रही है। अब भी दो ब्लॉकों का काफी काम बाकी है।
जिन दो ब्लॉकों में निर्माण का काम पूरा हुआ है, उसमें कई जरूरी काम पूरा नहीं किया जा सका है। ऐसे में दो महीने बाद फिर से बारिश का मौसम शुरू होगा। हालांकि पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों का कहना है कि इस बार किसी भी हालत में बारिश के मौसम से पहले ही काम को पूरा करवा लिया जाएगा।
राजस्व कर्मियों के लिए आवास बनाने में की जा रही लापरवाही पर विभाग की नजर है। लापरवाही मिलने पर ही डिबार की कार्रवाई हुई थी। अब जुर्माना लगाने की तैयारी हो रही है। बरसात से पहले निर्माण को पूरा कराने पर जोर है।
-अमर सिंह, एक्सईएन पीडब्ल्यूडी