लखनऊ डेस्क। लगातार बढ़ रही मंहगाई के चलते रेल यात्रियों को आने वाले समय में सफर के दौरान खाने पीने वाली चीजों की अधिक कीमत अदा करनी पड़ सकती है। नार्दन रेलवे की तरफ से खाने-पीने वाली चीजों के दाम बढ़ाने को लेकर तैयारी शुरू कर दी गई है। इसके लिए नार्दन रेलवे में जोन स्तर पर सभी मंडलों के अधिकारियों को बाजार के रेटों को लेकर सर्वे करने के लिए कहा गया है। सभी मंडलों की सर्वे रिपोर्ट आने के बाद ही रेलवे बोर्ड की तरफ से इस पर फैसला लिया जाएगा।
अधिकारिक सूत्रों के अनुसार नए साल में इस बात का फैसला लागू हो सकता है। रेल नियमों के अनुसार हर 10 साल के बाद खाने-पीने वाली वस्तुओं के रेटों में बढ़ोतरी की जाती है। अधिकारिक सूत्रों के अनुसार सर्वे में अलग-अलग स्थानों पर बाजार में बिकने वाले सामान के रेटों की लिस्ट तैयार की जाती है, जिसमें रेलवे स्टेशन के ग्रेड व अन्य समीकरणों को भी ध्यान में रखा जाता है। इससे पहले साल 2012 में भी खाने-पीने वाली वस्तुओं को लेकर सर्वे किया गया था। अब समय अवधि पूरे होने के बाद आला अधिकारियों की तरफ से निर्देश जारी किए गए है।
नार्दन रेलवे की तरफ से इसके अधीन आने वाले फिरोजपुर मंडला, अंबाला, नई दिल्ली व मुरादाबाद मंडल में सर्वे करवाए जा रहे है। इन मंडलों से सर्वे रिपोर्ट मिलने के बाद दिसंबर में रेलवे बोर्ड की मीटिंग के दौरान रिपोर्ट पेश की जाएगी। इन रिपोर्टों के आधार पर ही रेलवे बोर्ड की सहमति मिलने पर खाने-पीने वाली वस्तुओं के रेटों में बढ़ोतरी हो सकती है। अगर सहमति बनती है कि नए साल में यह रेट लागू कर दिए जाएगें। आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि जिस तरह से महंगाई का ग्राफ बढा है, उससे लगता है कि रेल विभाग की तरफ से खाद्य पदार्थो की कीमत अधिक भी तय की जा सकती है। लेकिन विभाग को दाम बढ़ाने के साथ-साथ क्वालिटी, रेल में सफर करने वाले लोगों की इंकम स्टॉल धारकों के खर्चे, रेल विभाग की तरफ से ली जा रही फीस और इलाकों को भी ध्यान में रखना चाहिए ताकि रेल यात्रियों की जेब पर अधिक भार न पड़े।