औरैया। रबी सीजन की दस्तक के साथ ही समितियों पर खाद के लिए किसानों की भीड़ उमड़ रही है। किसानों से जमीन के रकबे से लेकर आधार कार्ड देखे जा रहे हैं। अब इस कड़ी में शासन स्तर से नया फरमान जारी हो गया है। किसानों को समिति का सदस्य होना व फार्मर आईडी की बाध्यता कर दी गई है। दोनों के न होने की स्थिति में संबंधित किसान को निजी दुकानों से खाद खरीदने की सलाह दिए जाने के आदेश दिए गए हैं।
जिले में खाद की पर्याप्त उपलब्धता के बावजूद किसान लगातार समितियों पर खाद खरीदने पहुंच रहे हैं। आशंका यह भी जताई जा रही कि किसान गेहूं की बोआई के लिए अभी से खाद जुटाने के प्रयास में जुट गए हैं। ऐसे में खाद की एकाएक बिक्री में उछाल आ गया है। उधर खाद की बिक्री पिछले सालों की तरह सीमित रहे। इसे लेकर किसानों के खतौनी के कागजात लेकर समितियों पर मानक के तहत खाद दी जा रही है। अब इस कड़ी में कृषि विभाग के मुख्य सचिव की ओर से नया फरमान जारी किया गया है। इसमें समिति पर खाद बिक्री करने के लिए समितियों के सदस्यों को प्राथमिकता देने का हवाला दिया गया है।
वहीं, समिति के सदस्य न होने की स्थिति में फार्मर आईडी किसानों को दिखाने होगी। दोनों के न होने की स्थिति में किसानों को निजी खाद दुकानों से खरीदारी करने की सलाह देने को कहा गया है। शासन का यह आदेश काफी हद तक समितियों पर जुट रही भीड़ को कम सकेगा। प्राइवेट दुकानों पर खाद बिक्री बढ़ने की संभावना है। एआर काेऑपरेटिव संजीव कुमार ने बताया कि समितियों से खाद खरीदने के लिए किसानों के लिए सदस्य बनना और फार्मर आईडी जरूरी कर दी गई है। दोनों के न होने की स्थिति में किसान को प्राइवेट दुकान से खाद खरीदनी होगी। शासन से निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
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सदस्यता अभियान व फार्मर आईडी को मिलेगी रफ्तार
समितियों पर इन दिनों सदस्य बनाए जाने का अभियान चलाया जा रहा है। जिले में दो लाख किसानों को सदस्य बनाने का लक्ष्य निर्धारित है। वहीं, गांव-गांव फार्मर आईडी भी बनाई जा रही है। जानकारों की माने तो शासन के इस आदेश के बाद दोनों ही अभियानों को रफ्तार मिलेगी।
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बोले किसान, हो रही परेशानी
नहीं है फार्मर आइडी और सदस्यता
फोटो-01एयूआरपी 05- भूरेलाल। संवाद
सरसों की बोआई को लेकर अभी खाद की जरूरत है। न ही फार्मर आईडी है ओर न ही समिति की सदस्यता है। निजी दुकानों पर महंगे दामों पर अब खाद खरीदनी होगी।-भूरेलाल, निवासी बीलपुर
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किसी तरह मिल जाए खाद
फोटो-01एयूआरपी06-महेंद्र कुमार। संवाद
समितियों पर पहले खतौनी व आधारकार्ड जमा कराए जा रहे थे। अब सदस्यता व फार्मर आईडी की अनिवार्यता परेशानी बढ़ाएगी। फिलहाल खाद मिल जाए। बाद में सदस्यता व फार्मर आईडी बनवाई जाएगी।-महेंद्र कुमार, हरनागरपुर


