Sunday, December 14, 2025

Auraiya News: बारिश और हवा से गिरी फसलें, उत्पादन होगा प्रभावित

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औरैया। सोमवार और मंगलवार को हुई बारिश व तेज हवा ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। जिलेभर में कई जगह धान व बाजरा की फसलें खेत में ही गिर गई। फफूंद क्षेत्र के केशमपुर गांव समेत आसपास के इलाकों में धान और बाजरा की फसल में पानी भर गया है। जलभराव के कारण फसल को भारी नुकसान होने की आशंका जताई जा रही है। इससे किसान परेशान हैं।

दो दिन की बारिश ने कई किसानों की धान व बाजरा की फसल वाले खेतों में पानी भर गया है। बारिश के साथ चली तेज हवाओं से पकने को तैयार खड़ी धान की फसल की बाली झुक गई है। इससे उसके जमीन में गिरकर खराब होने की आशंका बढ़ गई है। किसान प्रमोद, विपिन, पप्पू ने बताया कि धान की फसल अब कटाई के कगार पर थी। अचानक हुई तेज बारिश से खेतों में पानी भर गया है। फसल की बाली पानी में डूबने से उत्पादन प्रभावित होगा। इसी तरह बाजरे की फसल में नमी बढ़ने से दाने काले पड़ने की आशंका हैं। लागत व मेहनत से तैयार हुई फसल पर अब बारिश ने झटका दिया है।

गर्मी से कुछ राहत तो मिली है लेकिन किसानों की फसलों को नुकसान हुआ है। बारिश से बाजरा व धान आदि की फसलों को काफी नुकसान हुआ है। बाजरा की फसल पूरी तरह गिर कर बर्बाद हो गई है जबकि खेतों में बोई गई सरसों व लाही की फसल भी सड़कर बर्बाद होने की आशंका है। इससे किसानों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है। किसानों ने बताया कि दो दिन पहले तेज धूप के साथ बादल साफ दिखाई दे रहे थे। ऐसे में उन्होंने लाही की फसल को बोया था। बाजरा की फली में लगा फूल भी झड़ गया है।


गन्ने व बाजरा की फसल गिरी
फोटो-01एयूआरपी29- अयाना के एक खेत में गिरी पड़ी गन्ने की फसल। संवाद
अयाना। बेमौसम हुई बरसात के बाद चली तेज हवा से फसलें प्रभावित होने से किसानों के चेहरों पर उदासी छा गई है। सबसे ज्यादा नुकसान बाजरा और गन्ने की फसल पर पहुंचा है। इसके अलावा सरसों की बोआई भी प्रभावित हुई है। ऐमा सेंगनपुर निवासी किसान रहीस ने बताया कि उन्होंने तीन बीघा जमीन पर गन्ने की फसल बोई थी। खेत में फसल तैयार हो चुकी थी। शरद पूर्णिमा के बाद से गन्ना की कटान शुरू हो जाती। मंगलवार को बारिश के बाद चली हवा से फसल गिर गई। इससे उनकी फसल को करीब 40 फीसदी नुकसान हुआ है। सेंगनपुर निवासी धीरेंद्र उर्फ तालू ने बताया कि उन्होंने दो बीघा जमीन पर बाजरा की फसल बोई थी। फसल में बाल आ चुकी थी। इस बार फसल पिछले साल की अपेक्षा ज्यादा अच्छी थी। मौसम की मार से फसल को 30 फीसदी नुकसान पहुंचा है।

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