Friday, November 22, 2024

हरियाणा से राज्यसभा की 2 सीटों के लिए चुनाव के रिजल्ट ने प्रदेश की राजनीति में मचा दी हलचल

यह भी पढ़े

हरियाणा से राज्यसभा की 2 सीटों के लिए चुनाव के रिजल्ट ने प्रदेश की राजनीति में हलचल मचा दी है। कांग्रेस के कद्दावर नेता भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा और हाल में प्रदेशाध्यक्ष बने उन्हीं के खेमे से ताल्लुक रखने वाले उदयभान के नेतृत्व की यह पहली परीक्षा थी। प्रदेश में पर्याप्त विधायक होने के बावजूद हुड्‌डा खेमा BJP-JJP गठबंधन से गच्चा खा गया और कांग्रेसी कैंडिडेट अजय माकन मामूली अंतर से हार गए।

हरियाणा में कांग्रेस के 31 विधायक हैं मगर कुलदीप बिश्नोई के बगावती तेवरों से हुड्‌डा खेमा पहले ही वाकिफ था। इसके बावजूद पार्टी के पास 30 MLA थे और यह संख्याबल अजय माकन की जीत के लिए पर्याप्त था। कांग्रेस और हुड्‌डा खेमे ने रायपुर में कांग्रेसी विधायकों को 4 बार राज्यसभा चुनाव में वोट डालने की ट्रेनिंग के लिए मॉक ड्रिल की। इसके बावजूद एक कांग्रेसी विधायक का वोट रद्द हो गया। इससे हुड्‌डा के पॉलिटिकल मैनेजमेंट पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं। अजय माकन की हार से सोनिया दरबार में हुड्‌डा के राजनीतिक कद को भी ठेस पहुंची है।

कुलदीप बिश्नोई ने लिया बदला

हरियाणा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से कुमारी सैलजा के इस्तीफा देने के बाद नया प्रदेशाध्यक्ष बनने की दौड़ में आदमपुर के विधायक कुलदीप बिश्नोई सबसे आगे थे। कुलदीप बिश्नोई राहुल गांधी के करीबी माने जाते थे। इस लिहाज से भी उनका दावा मजबूत लग रहा था। दूसरी ओर पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा अपने बेटे और राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्‌डा को प्रदेशाध्यक्ष की कुर्सी पर देखना चाहते थे। हालांकि दीपेंद्र का सांसद होना और हुड्‌डा के खुद नेता प्रतिपक्ष होना इसमें बाधा बन गया क्योंकि कांग्रेस पार्टी में ‘एक नेता एक पद’ का फार्मूला लागू है। जब कुलदीप बिश्नोई का प्रदेशाध्यक्ष बनना तकरीबन तय हो चुका था तभी हुड्‌डा ने दलित नेता उदयभान का नाम हाईकमान के सामने रखकर नई चाल चल दी।

कांग्रेस हाईकमान भी हुड्‌डा की इस चाल में आ गया और कुलदीप बिश्नोई प्रदेशाध्यक्ष बनते-बनते रह गए। कुलदीप ने अपनी नाराजगी खुलकर सामने रखी। इसके बाद उनकी CM मनोहर लाल और दूसरे भाजपा नेताओं के साथ फोटो सामने आने से कयास लगने लगे कि वह कांग्रेस छोड़ सकते हैं। इसी बीच राज्यसभा की दो सीटों का चुनाव आ गया। कुलदीप ने इस चुनाव में अंतरात्मा की आवाज पर वोट देने की बात कहकर न केवल हाईकमान को अपने इरादे स्पष्ट कर दिए बल्कि हुड्‌डा खेमे की चिंता भी बढ़ा दी। अब कांग्रेस उम्मीदवार अजय माकन की हार के साथ ही कुलदीप का हुड्‌डा खेमे से बदला पूरा हो चुका है।

CM और डिप्टी सीएम की रणनीति

हरियाणा के CM मनोहर लाल और डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला की रणनीति हुड्‌डा पर भारी पड़ी। प्रदेश में सीएम को बदलने की चर्चाओं के बीच मनोहर लाल ने निर्दलीय उम्मीदवार कार्तिकेय शर्मा को जिताकर अपने खिलाफ उठ रहे बागी सुरों को करारा जवाब दे दिया है। JJP नेता और डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने भी कांग्रेस को संदेश दे दिया कि उनकी पार्टी को कम आंकने की गलती न करें। कार्तिकेय शर्मा की जीत के साथ ही BJP-JJP गठबंधन का भी 2024 में होने वाले विधानसभा चुनाव तक टिके रहना लगभग तय हो गया है।

इनेलो और JJP ने उतारा विनोद शर्मा का अहसान

राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस कैंडिडेट अजय माकन को हराने वाले कार्तिकेय शर्मा पूर्व मंत्री विनोद शर्मा के बेटे हैं। कार्तिकेय शर्मा के भाई मनु शर्मा ने जेबीटी घोटाले में सजा होने के बाद तिहाड़ जेल में बंद रहे इनेलो सुप्रीमो ओपी चौटाला और उनके बड़े बेटे अजय चौटाला की पूरी मदद की। इनेलो और JJP ने मनु शर्मा के उन्हीं अहसानों का बदला कार्तिकेय शर्मा की जीत दिलाकर उतार दिया। इस जीत के साथ 2014 और 2019 में विधानसभा चुनाव हार चुके हरियाणा जनचेतना पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री विनोद शर्मा ने अपने बेटे कार्तिकेय की राजनीति में जोरदार एंट्री करवा दी।

 

- Advertisement -
Ads

ट्रेंडिंग न्यूज़

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Advertisement

अन्य खबरे