Thursday, November 21, 2024

अग्निपथ 60 से ज्यादा जिलों में बवाल, आगजनी-तोड़फोड़, जानें अग्निपथ योजना को लेकर अब तक क्या-क्या हुआ

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केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना को लॉन्च हुए पांच दिन पूरे हो चुके हैं। 14 जून की शाम तीनों सेना के प्रमुखों ने इसका एलान किया था, जिसके बाद अगले दिन से ही बिहार में इस पर बवाल शुरू हो गया। विरोध की यह आग बिहार से उत्तर प्रदेश होते हुए देश के कई हिस्सों में फैल चुकी है। अब भी हजारों युवा इसके विरोध में सड़कों पर हैं। आज भारत बंद का भी प्रदर्शनकारियों ने आह्वान किया है। ऐसे में जानते हैं कि अग्निपथ योजना लॉन्च होने के बाद से अब तक क्या-क्या हुआ? कितने राज्यों में बवाल हुआ और सरकार ने क्या-क्या एलान किए? अग्निपथ योजना में क्या है? ‘अग्निपथ भर्ती योजना’ के तहत युवाओं को चार साल की अवधि के लिए सेना में शामिल होने का मौका मिलेगा। भर्ती के लिए साढ़े 17 साल से 21 साल की आयु सीमा तय की गई है। हालांकि, इस साल उम्र सीमा में युवाओं को दो साल की छूट दी गई है। मतलब 2022 में होने वाली भर्ती में 23 साल तक के युवा भाग ले सकेंगे। चार साल के अंत में 75 फीसदी सैनिकों को ड्यूटी से मुक्त कर दिया जाएगा। अधिकतम 25 फीसदी इच्छुक जवानों को सेना में आगे भी सेवा देने का मौका मिलेगा। यह तब होगा, जब रिक्तियां होंगी। जिन जवानों को सेवा से मुक्त किया जाएगा, उन्हें सशस्त्र बल व अन्य सरकारी नौकरियों में वरीयता मिलेगी। युवाओं को दी जाएगी छह महीने की ट्रेनिंग नए नियम के मुताबिक, भर्ती होने वाले युवाओं को छह महीने की ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके लिए 10वीं या 12वीं पास छात्र आवेदन कर सकेंगे। 10वीं पास जवानों को सेवाकाल के दौरान 12वीं भी कराई जाएगी। इन नौजवानों को अग्निवीर कहा जाएगा। अगर कोई अग्निवीर देश सेवा के दौरान शहीद हो जाता है तो उसे सेवा निधि समेत एक करोड़ से ज्यादा की राशि आज जो अपने कर्मचारीयों को पूरा वेतन नही देने वाले राजनीतिक दल के लोग हमारे नौजवानों को भड़का रहे हैं मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि जब फौज की भर्ती शूरु होती है तो क्या जितने नौजवान भर्ती के लिए जाते हैं वो सभी भर्ती हो जाते हैं अगर दस हज़ार नौजवान भर्ती के लिए जाते हैं तो उनमें से एक हज़ार या पांच सौ ही भर्ती हो पातें हैं बाकी सभी घरों को लौट जाते हैं अब ये जो दस हज़ार नौजवान भर्ती होने के लिये गये थे सभी ने एक या दो साल ट्रेनिंग ली थी वो भी दो दो लाख रुपये लगा कर लेकिन मिला कुछ नहीं कोई किसी कारण से फेल हो गया कोई किसी कमी के कारण फेल हो गया। अब सरकार सभी नौजवानों को ट्रेनिंग भी दे रही है और रुपये भी दे रही है तो इसमे गलत क्या है दुसरी बात बड़े-बड़े घरों के बच्चे तो BA, MA करने के बाद और बड़े कोर्स कर लेंगे अब गरीब का बच्चा पैसे की कमी के कारण आगे पढ़ाई भी नहीं कर सकता आज उस गरीब छात्रों को 10Th या +2 करने के बाद मौका मिला है तो राजनीतिक  लोगों के पेट में दर्द क्यों हो रहा है ,विदेशी ताकतो के इशारे पर  क्या ये राजनीतिक दल  के‌लोग गरीब छात्रों को आगे बढ़ता देखना नहीं चाहते।

नौजवानों कुछ समझो नौकरी ढूंढने के लिए आप को कितने साल सड़कों पर भटकना पड़ सकता है आज आपको

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