रविवार रात 12.30 से बांदा मंडल कारागार में शुरू हुई हलचल का सोमवार सुबह 7.30 बजे अचानक एक एंबुलेंस और वज्र वाहन के निकलने के बाद शांत हो गई। बताया जा रहा है कि शत्रु संपत्ति फर्जी दस्तावेज मामले में लखनऊ कोर्ट में मुख्तार अंसारी की पेशी होनी है और इसलिए मुख्तार को बांदा जेल से लखनऊ भेजा गया है। हालांकि अभी भी इस संबंध में जिला प्रशासन और जेल प्रशासन चुप्पी साधे हैं। रविवार रात अंसारी के वकील ने बांदा जेल अधीक्षक को पत्र लिखकर बीमारी के चलते मुख्तार को कोर्ट में पेश न करने की अपील की गई थी, लेकिन पूरा रात चली कागजी कार्यवाही के बाद सोमवार सुबह एक एंबुलेंस मुख्तार को लेकर लखनऊ के लिए रवाना हुई है। यह काफिला फतेहपुर-रायबरेली होते हुए लखनऊ पहुंचेगा।
मुख्तार के खिलाफ क्या है मामला?
मुख्तार अंसारी, उनके बेटे उमर अंसारी और अब्बास अंसारी के खिलाफ लखनऊ के जियामऊ इलाके में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर शत्रु संपत्ति हथिया कर उस पर अवैध निर्माण कराने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज हुई थी. लखनऊ के हजरतगंज कोतवाली में यह एफआईआर जियामऊ के प्रभारी लेखपाल सुरजन लाल की शिकायत पर की गई थी। लेखपाल ने अपनी शिकायत में कहा था कि जिस भूमि पर मुख्तार और उनके बेटों का कब्जा था, वह मोहम्मद वसीम के नाम दर्ज थी, लेकिन वसीम के पाकिस्तान चले जाने के जाने के बाद यह संपत्ति शत्रु संपत्ति के रूप में दर्ज हो गई. इस बीच मुख्तार और उनके बेटों ने दस्तावेजों को तैयार कर इस पर कब्जा कर लिया था। इस मामले में मुख़्तार अंसारी की लखनऊ कोर्ट में पेशी होनी है।
रात 12 बजे से बेटे अब्बास ने किए एक के बाद एक ट्वीट
मऊ से विधायक और मुख़्तार के बेटे अब्बास अंसारी ने अपने जेल में बंद पिता के साथ किसी अनहोनी की आशंका को देख देर रात एक के बाद एक कई ट्वीट किए। उन्होंने लिखा, पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी साहब को देर रात बांदा जेल से लखनऊ ले जाने की तैयारी हो रही है. साज़िश के तहत मेडिकल कैंसिल करवाकर आधी रात को बांदा जेल से लखनऊ ले जाने की बात करते हुए किसी बड़ी अनहोनी की आशंका जताई। अब्बास ने अपने अगले ट्वीट में लिखा, रात लगभग 12:30 बजे उच्च अधिकारी बिना नंबर की इनोवा से बांदा जेल के अंदर दाखिल हुए हैं. अधिकारियों द्वारा कोई जवाब ना मिलना गंभीर शंका पैदा कर रहा है. अंसारी ने हर गतिविधि को ट्वीट के जरिए लोगों तक सार्वजनिक किया, 28 मार्च सुबह करीब 6:30 पर अब्बास ने ट्वीट कर लिखा, सारी रात तथा कथित उच्च अधिकारी बांदा जेल के अंदर बाहर करते रहे और मीडिया के द्वारा किए हर सवालों से बचते रहे. अब एंबुलेंस जेल गेट पर खड़ी है पर प्रशासन अभी भी मौन है।