Thursday, November 21, 2024
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UP Scholarship-इस बार ओबीसी में सात लाख व एस.सी. में पांच लाख लाभार्थी बढ़े

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UP Scholarship : उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा शैक्षिक सत्र 2021-22 में समाज कल्याण और अल्पसंख्यक कल्याण निदेशालय द्वारा गरीब व जरूरतमंद छात्र-छात्राओं के लिए चलाई जा रही छात्रवृत्ति व फीस भरपाई की योजना में बड़ी तादाद में लाभार्थी बढ़े हैं।

समाज कल्याण विभाग के संयुक्त निदेशक पी.के.त्रिपाठी ने बताया कि इस शैक्षिक सत्र में कक्षा दस से ऊपर की कक्षाओं और व्यासायिक पाठ्यक्रमों में अध्ययनरत पिछड़े वर्ग के 20 लाख , अनुसूचित जाति के करीब 12 लाख छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति और फीस भरपाई की सुविधा दी गयी जबकि सामान्य वर्ग के करीब पौने छह लाख छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति व फीस भरपाई दी गयी।

पिछले शैक्षिक सत्र में अनुसूचित जाति के करीब सात लाख और सामान्य वर्ग के तीन लाख छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति व फीस भरपाई दी गयी है। उन्होंने बताया कि अनुसूचित जाति के छात्र-छात्राओं के आवेदनों पर स्वीकृत कुल छात्रवृत्ति व फीस भरपाई की राशि का चालीस प्रतिशत प्रदेश सरकार द्वारा उपलब्ध करवाये गये बजट से आवेदकों के बैक खातों में सीधे भेजी जा रही है जबकि शेष साठ प्रतिशत राशि के बात ऐसे सभी लाभार्थी छात्र-छात्राओं का ब्यौरा केन्द्र सरकार को भेजा जा रहा है और वहां से भी धनराशि लाभार्थी के बैंक खातों में आ रही है।

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उन्होंने बताया कि इस बार केन्द्र सरकार के निर्देश पर सिंगल नोडल एकाउंट खोला गया है इसका लाभ यह होगा कि अगर किसी लाभार्थी छात्र-छात्रा का ट्रांजेक्शन फेल हो जाएग तो उसकी छात्रवृत्ति व फीस भरपाई की राशि वापस सिंगल नोडल एकाउंट में आ जाएगी और फिर दोबारा उस लाभार्थी छात्र-छात्रा को दी जा सकेगी।

पिछड़ा वर्ग कल्याण निदेशालय के छात्रवृत्ति प्रभारी अजीत प्रताप सिंह ने बताया कि इस बार कक्षा दस से ऊपर की कक्षाओं व व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में पढ़ रहे ओबीसी छात्र-छात्राओं में से इस बार करीब 20 लाख आवेदकों को छात्रवृत्ति और फीस भरपाई की राशि दी जा रही है पिछले साल यह संख्या करीब 13 लाख थी।
 

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यूपी बीजेपी की किसे मिलेगी कमान! चर्चा में है पूर्व ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा का नाम, पार्टी के रणनीतिकारों ने शुरू किया मंथन

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उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में लगातार दूसरी बार भाजपा की सरकार बनने के साथ ही भाजपा नेतृत्व की निगाहें 2024 आमचुनाव पर टिक गई हैं। आमचुनाव में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पद पिछली सरकार में प्रदेश के ऊर्जा मंत्री रहे मथुरा सदर के विधायक श्रीकांत शर्मा को दिए जाने की चर्चाएं चलने लगी हैं। इस बात की अधिक चर्चा है कि यूपी से आमचुनाव में बेहतर परिणाम के लिए भाजपा नेतृत्व किसी ब्राह्मण चेहरे को मौका देने की तैयारी में है। 

मौजूदा प्रदेश भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह के कैबिनेट मंत्री बनने के साथ ही राज्य में भाजपा का नया अध्यक्ष कौन होगा इस पर मंथन होने लगा है। बताया जाता है कि विधानसभा चुनाव में जीत के बाद मंत्रिमंडल का खाका खींचने के दौरान ही भाजपा के रणनीतिकारों ने प्रदेश संगठन की कमान पर भी मंथन कर लिया है। 

पिछली सरकार में कैबिनेट मंत्री रहते हुए ऊर्जा विभाग में सुधार के तमाम प्रयास करने और मथुरा सदर सीट से भारी मतों से जीत हासिल करने के बाद भी श्रीकांत शर्मा को मंत्रिमंडल में जगह नहीं दिए जाने को भी इससे जोड़कर देखा जा रहा है। पार्टी में सक्रिय और भी ब्राह्मण नेताओं के नाम चर्चाओं में आ रहे हैं लेकिन श्रीकांत शर्मा की तेज तर्रार नेता की छवि उन्हें चर्चाओं में आगे बढ़ा रही है।  

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श्रीकांत शर्मा को इस जिम्मेदारी के लिए चुनने के पीछे एक कारण यह भी है कि वह मथुरा सदर सीट से विधायक हैं। भाजपा की राजनीति अब अयोध्या और काशी से हटकर मथुरा पर केंद्रित होने लगी है। विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा के प्रचार के गीतों के साथ ही नेताओं के बयान और भाषणों में मथुरा बार-बार आया। 25 मार्च को राजधानी में सरकार के शपथ ग्रहण समारोह के मंच से भी कलाकारों ने अपने गीतों में बार-बार मथुरा को सजाने संवारने का जिक्र किया था।

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मुख्तार अंसारी पेशी के लिए बांदा जेल से लखनऊ रवाना, जेल में रात से चल रही हलचल सुबह शांत हुई

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रविवार रात 12.30 से बांदा मंडल कारागार में शुरू हुई हलचल का सोमवार सुबह 7.30 बजे अचानक एक एंबुलेंस और वज्र वाहन के निकलने के बाद शांत हो गई। बताया जा रहा है कि शत्रु संपत्ति फर्जी दस्तावेज मामले में लखनऊ कोर्ट में मुख्तार अंसारी की पेशी होनी है और इसलिए मुख्तार को बांदा जेल से लखनऊ भेजा गया है। हालांकि अभी भी इस संबंध में जिला प्रशासन और जेल प्रशासन चुप्पी साधे हैं। रविवार रात अंसारी के वकील ने बांदा जेल अधीक्षक को पत्र लिखकर बीमारी के चलते मुख्तार को कोर्ट में पेश न करने की अपील की गई थी, लेकिन पूरा रात चली कागजी कार्यवाही के बाद सोमवार सुबह एक एंबुलेंस मुख्तार को लेकर लखनऊ के लिए रवाना हुई है। यह काफिला फतेहपुर-रायबरेली होते हुए लखनऊ पहुंचेगा।  
मुख्तार के खिलाफ क्या है मामला?
मुख्तार अंसारी, उनके बेटे उमर अंसारी और अब्बास अंसारी के खिलाफ लखनऊ के जियामऊ इलाके में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर शत्रु संपत्ति हथिया कर उस पर अवैध निर्माण कराने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज हुई थी. लखनऊ के हजरतगंज कोतवाली में यह एफआईआर जियामऊ के प्रभारी लेखपाल सुरजन लाल की शिकायत पर की गई थी। लेखपाल ने अपनी शिकायत में कहा था कि जिस भूमि पर मुख्तार और उनके बेटों का कब्जा था, वह मोहम्मद वसीम के नाम दर्ज थी, लेकिन वसीम के पाकिस्तान चले जाने के जाने के बाद यह संपत्ति शत्रु संपत्ति के रूप में दर्ज हो गई. इस बीच मुख्तार और उनके बेटों ने दस्तावेजों को तैयार कर इस पर कब्जा कर लिया था। इस मामले में मुख़्तार अंसारी की लखनऊ कोर्ट में पेशी होनी है।
रात 12 बजे से बेटे अब्बास ने किए एक के बाद एक ट्वीट
मऊ से विधायक और मुख़्तार के बेटे अब्बास अंसारी ने अपने जेल में बंद पिता के साथ किसी अनहोनी की आशंका को देख देर रात एक के बाद एक कई ट्वीट किए। उन्होंने लिखा, पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी साहब को देर रात बांदा जेल से लखनऊ ले जाने की तैयारी हो रही है. साज़िश के तहत मेडिकल कैंसिल करवाकर आधी रात को बांदा जेल से लखनऊ ले जाने की बात करते हुए किसी बड़ी अनहोनी की आशंका जताई। अब्बास ने अपने अगले ट्वीट में लिखा, रात लगभग 12:30 बजे उच्च अधिकारी बिना नंबर की इनोवा से बांदा जेल के अंदर दाखिल हुए हैं. अधिकारियों द्वारा कोई जवाब ना मिलना गंभीर शंका पैदा कर रहा है. अंसारी ने हर गतिविधि को ट्वीट के जरिए लोगों तक सार्वजनिक किया, 28 मार्च सुबह करीब 6:30 पर अब्बास ने ट्वीट कर लिखा, सारी रात तथा कथित उच्च अधिकारी बांदा जेल के अंदर बाहर करते रहे और मीडिया के द्वारा किए हर सवालों से बचते रहे. अब एंबुलेंस जेल गेट पर खड़ी है पर प्रशासन अभी भी मौन है। 

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लखनऊ में ये रहा 24 कैरेट सोने का रेट, जानें आज का भाव

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लखनऊ में 10 ग्राम सोने का भाव 53,110.0 रुपये रहा। कल की तुलना में आज 24 कैरेट सोना 200.0 रुपये गिरा, वहीं चांदी का भाव 70,470.0 रुपये रहा।

कल लखनऊ 10 ग्राम सोने का भाव 53,110.0 रुपये और चांदी का भाव 70,470.0 रुपये प्रति किलो रहा।

सर्राफा बाजार से सोने की चीजें खरीदते समय लोगों को बहुत सारी चीजों को ध्यान में रखने की जरूरत है। मसलन सोने की शुद्धता को लेकर अक्सर लोग गलतफहमी का शिकार हो जाते हैं और कई मामलों में ज्वैलर ही लोगों को बेवकूफ बना देते हैं। सोना खरीदते समय हालमार्क ज्वैलरी खरीदने से आप धोखा खाने से बच सकते हैं।

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हॉलमार्क ज्वैलरी का फायद

  • हॉलमार्क वाले आभूषण खरीदने पर नकली सोना मिलने का चांस कम रहता है।
  • हॉलमार्क वाले आभूषण बेचने पर ज्वेलर्स डिप्रेसिएशन कॉस्ट नहीं काटते हैं।
  • आप जब भी अपने गहने को बेचने जाएंगे तो हॉलमार्क होने से इसका वाजिब दाम मिल सकेगा।

खरीदते समय ये सावधानी जरूरी

  • बीआईएस रजिस्टर्ड सेंटर से कराई गई हॉलमार्किंग के तहत गहनों के हर पीस पर 5 तरह के मार्क छापे जाते हैं।
  • पहला बीआईएस का लोगो, दूसरा फिटनेस नंबर यानी कैरेट का संकेत, तीसरा मार्किंग सेंटर का लोगो, चौथा वर्ष कोड और पांचवां बेचने वाले जूलर का लोगो या ट्रेड मार्क।
  • बीआईएस रजिस्ट्रेशन के बिना ही आधा-अधूरा हॉलमार्किंग कराने वाले 5 मुहर की जगह 3 या 4 ही रखते हैं।

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UP में विधायकों की शपथ: विधानसभा में पहली मुलाकात, CM योगी ने अखिलेश के कंधे पर रखा हाथ; देखें वीडियो

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यूपी विधानसभा चुनाव-2022 में जीते विधायकों का शपथ ग्रहण समारोह आज हो रहा है। इस मौके पर चुनाव के बाद विधानसभा में पहली बार सीएम योगी आदित्‍यनाथ और अखिलेश यादव आमने-सामने हुए।राजनीति अपनी जगह है लेकिन जब दो नेता एक-दूसरे से मिलते हैं तो कैसी गर्मजोशी दिखाते हैं इसका एक नज़ारा सोमवार को उत्‍तर प्रदेश की विधानसभा में देखने को मिला। सीएम योगी ने सबसे पहले शपथ ली। वह जैसे ही अखिलेश यादव के सामने पहुंचे, अखिलेश यादव ने उठकर उनका अभिवादन किया। इसके बाद दोनों नेेेताओं ने मुस्‍कुराते हुुए हाथ मिलाया। इसी दौरान सीएम योगी ने अखिलेश यादव के कंधे पर हाथ भी रखा। 

परंपरा के मुताबिक नेता विरोधी दल अखिलेश यादव को दूसरे नंबर पर शपथ ग्रहण के लिए बुलाया गया। अखिलेश यादव अपनी जगह से उठकर आसन की ओर जाते समय जैसे ही सीएम योगी के सामने पहुंचे, दोनों नेताओं ने एक बार फिर एक-दूसरे को प्रणाम किया। इस मौके पर क्षण भर के लिए अखिलेश यादव रुके, सीएम योगी भी अपने स्‍थान पर खड़े हुए, दोनों नेताओं ने एक दूसरे को प्रणाम किया और फिर अखिलेश यादव आसन की ओर बढ़ गए। 

18 वीं विधानसभा के नवनिर्वाचित विधायकों को राज्यपाल द्वारा नवनियुक्त प्रोटेम स्पीकर रमापति शास्त्री ने शपथ ग्रहण कराया। सबसे पहले सीएम योगी ने शपथ ली। उनके बाद नेता विरोधी दल अखिलेश यादव ने शपथ ली। इसके बाद एक-एक कर मंत्रियों और नवनिर्वाचित विधायकों का शपथ ग्रहण हुआ। विधायकों की शपथ के लिए विधानसभा की बैठक शुरू होने से पहले योगी ने भरोसा जताया कि नये सदस्यगण शपथ ग्रहण कर उत्तर प्रदेश के विकास में अपना योगदान देने का संकल्प भी लेंगे। उन्होंने कहा, ’18 वीं विधानसभा के लिये नवनर्विाचित सदस्यों का शपथ ग्रहण आज हो रहा है। देश के सबसे बड़े राज्य की विधानसभा अपने नवनर्विाचित सदस्यों के स्वागत के लिये तैयार है। आज विधायक शपथ लेकर संविधान के अनुरूप उप्र के विकास में अपने योगदान का संकल्प लेंगे। मुझे विश्‍वास है कि सदन की मर्यादा और परंपरा का पालन करते हुए सदन की कार्रवाई को शांतिपूर्ण तरीके से आगे बढ़ाने और आने वाले समय में उत्तर प्रदेश के समग्र विकास में सभी सदस्यगण रुचि लेकर उसे आगे बढ़ाने का काम करेंगे।’ 

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कल होगा विस अध्‍यक्ष का चुनाव
उल्लेखनीय है कि प्रोटेम स्पीकर शास्त्री नवनर्विाचित विधायकों को शपथ ग्रहण कराने के बाद मंगलवार को विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव कराकर 18वीं विधानसभा के गठन की प्रक्रिया को पूरा करायेंगे। बता दें कि 403 सदस्यीय विधानसभा के लिये हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) 255 सीटें जीत कर सबसे बड़े दल के रूप में उभरी है। सत्ताधारी दल के रूप में भाजपा के नेता चुने गये योगी आदत्यिनाथ के नेतृत्व में नयी सरकार के शपथ ग्रहण के बाद अब 18वीं विधानसभा के गठन की विधिवत प्रक्रिया को नवनर्विाचित विधायकों की शपथ और नये विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव के साथ पूरा किया जायेगा। चुनाव में 111 विधायक जीतने वाली सपा सदन में मुख्य विपक्षी दल बन गया है। वहीं, सपा अध्यक्ष अखिलेश को पहले ही नेता विरोधी दल नियुक्त किया जा चुका है।

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अफगानिस्तान में बुद्ध की मूर्तियों की रखवाली में लगे तालिबानी, चीन पर टिकीं निगाहें

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अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद लोगों को आशंका थी कि वहां बुद्ध की जो प्रतिमाएं हैं, उनके साथ तोड़फोड़ की जाएगी। हालांकि इस बार  ऐसा नहीं हो रहा है। तालिबानी इन मूर्तियों की हिफाजत करने में लगे हुए हैं। वहीं पिछली बार दो दशक पहले जब तालिबानी अफगानिस्तान की सत्ता पर काबिज हुए थे तो उन्होंने बुद्ध की एक विशाल प्रतिमा को ढहा दिया था। वे इसे बुतपरस्ती का चिह्न मान रहे थे। इसी वजह से तालिबानियों ने मूर्तियों को तोड़ना शुरू कर दिया। 

इस बार प्रतिमा न तोड़ने की वह यह नहीं है कि तालिबानी बहुत उदारवादी हो गए हैं। दरअसल इसके पीछे उनका एक स्वार्थ छिपा हुआ है। अफगानिस्तान के गावों में स्थित गुफाओं में बुद्ध की बहुत सारी प्रतिमाएं हैं। अफगानिस्तान यहां तोड़फोड़ नहीं कर रहा है क्योंकि उसकी निगाहें चीन की ओर हैं। उसे उम्मीद है कि यहां स्थिति तांबे के अकूत भंडार के बदले में अगर चीन उसकी आर्थिक रूप से मदद कर दे तो अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों के बीच उसे थोड़ी राहत मिल जाएगी।

मेस आयनाक कॉपर माइन के सिक्यॉरिटी हेड ने कहा कि यहां पहली शताब्दी में बनाया गया एक बौद्ध स्तूप था। हाकुमुल्ला मुबारिज ने कहा कि वह पहले अमेरिकी फौज के खिलाफ लड़ता था। अमेरिकी फौज के वापस जाने के बाद उसे इस जगह की रखवाली का काम दिया गया है।

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बता दें कि अफगानिस्तान में धातुओं का अकूत भंडार है। हालांकि अमेरिका द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों की वजह से कई देश चाहते हुए भी यहां निवेश नहीं कर पा रहे हैं। अगर चीन यहां निवेश करता है तो अफगानिस्तान को बड़ा लाभ मिलेगा और आर्थिक व्यवस्था सुधारने में मदद मिलेगी। इससे पहले 2008 में हामिद करजई ने चीनी कंपनी के साथ खनन के लिए 30 साल के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए थे। इस क्षेत्र में लगातार हिंसा की वजह से अनुबंध पूरा नहीं हो सका और चीन के लोग 2014 में ही खनन का काम छोड़कर चले गए। 
 

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रूस मिसाइलें गिरा रहा है और आप कायरता दिखा रहे, बाइडेन के भाषण के बाद बोले जेलेंस्की

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यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने रूस से जंग में साथ न आने को लेकर नाटो और पश्चिमी देशों पर निशाना साधा है। पश्चिमी देशों पर भड़कते हुए जेलेंस्की ने कहा कि रूस से जंग में वह कायरता दिखा रहे हैं। इसके साथ ही यूक्रेन सरकार के एक इंटेलिजेंस अधिकारी ने कहा कि रूस उनके देश को कोरिया की तरह दो हिस्सों में बांटना चाहता है। जेलेंस्की ने नाटो देशों से अपील की है कि यदि वे अपने लड़ाकू विमानों के एक फीसदी की भी मदद उसे दें तो वह रूस से निपट सकेंगे। इस बीच रूस का कहना है कि उसका मुख्य डोनबास क्षेत्र पर अपना नियंत्रण स्थापित करना है। 

माना जा रहा है कि रूस अब युद्ध को खत्म करने पर विचार कर रहा है। लेकिन उसके डोनबास पर नियंत्रण के ऐलान से यूक्रेन के दो हिस्सों में बंट जाने का भी खतरा पैदा हो गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अपने भाषण में व्लादिमीर पुतिन को कसाई बताते हुए कहा था कि वह सत्ता में नहीं रह सकते हैं। उनके भाषण के ठीक बाद जेलेंस्की ने पश्चिमी देशों को कायर बताते हुए कहा कि एक तरफ रूस की मिसाइलें आम नागरिकों की जानें ले रही हैं तो वही पश्चिम के देश सिर्फ बयान दे रहे हैं। जेलेंस्की ने कहा कि मैंने मारियुपोल में रूस से मुकाबला करने वाले सैनिकों से बात की है। उनका संकल्प कमजोर पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि यह शहर अब तक के सबसे बड़े संकट का सामना कर रहा है। 

इस दौरान वोलोदिमीर जेलेंस्की पश्चिमी देशों पर भड़कते दिखे। उन्होंने वीडियो स्पीच में कहा कि 31 दिनों से जो लोग हमारी मदद करने की बात कर रहे हैं क्या उनके पास 1 फीसदी भी साहस है। इसके साथ ही जेलेंस्की ने रूसी पत्रकारों से रविवार को कहा कि उनकी सरकार रूस को सुरक्षा गारंटी देने को तैयार है। इसमें यह भी शामिल है कि यूक्रेन परमाणु हथियारों से मुक्त रहेगा। यही नहीं यूक्रेनी राष्ट्रपति ने कहा कि वह नाटो से बाहर रहने पर विचार करने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि एक बार यूक्रेन से रूस की सेनाएं बाहर निकल जाएंगी तो हम वोटिंग करा सकते हैं और यदि लोग नाटो से अलग रहने के पक्ष में मतदान करेंगे तो वही फैसला मान लिया जाएगा। 

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बिना लक्षणों के ही कोरोना का शिकार हो रहे चीनी, शंघाई शहर में लगाना पड़ा लॉकडाउन

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चीन में कोरोना वायरस बेकाबू होता नजर आ रहा है। रविवार को शंघाई मं 3500 से ज्यादा नए संक्रमित मिले हैं। चिंता की बात है कि इनमें से कई मरीजों में कोविड-19 के लक्षण नजर नहीं आ रहे हैं। नौबत यहां तक आ गई है कि सरकार ने क्षेत्र में टेस्टिंग के लिए लॉकडाउन लगाने के फैसला किया है। आंकड़े बताते हैं कि चीन में इस महीने कोविड संक्रमण के 56 हजार से ज्यादा नए मामले सामने आए हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, रविवार को चीन के कुल नए संक्रमितों में अकेले शंघाई में ही 70 फीसदी मरीज मिले हैं। इनमें से 50 मरीज एसिम्प्टोमैटिक हैं। शंघाई में सोमवार से चरणबद्ध तरीके से लॉकडाउन की शुरुआत हो चुकी है। ये पाबंदियां 1 अप्रैल तक जारी रहेंगी। स्थानीय जानकार वू फान के अनुसार, शंघाई शहर में लगे मौजूदा लॉकडाउन का मकसद संभावित रूप से छिपे जोखिम को हटाना और सभी मामलों को खत्म करना है।

स्थानीय सरकार ने कहा कि शंघाई के पुदोंग और आसपास के इलाकों में सोमवार से शुक्रवार तक लॉकडाउन लग जाएगा, क्योंकि बड़े स्तर पर जांच की शुरुआत हो रही है। लॉकडाउन के दूसरे चरण में हुआंग्पु नदी के पश्चिम में बड़ा डाउनटाउन क्षेत्र शुक्रवार से 5 दिनों के लॉकडाउन की शुरुआत करेगा। नए नियमों के अनुसार, पुल और सुरंगें बंद रहेंगी। जबकि, हाईवे पर ट्रैफिक को लेकर कुछ पाबंदियां होंगी।

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सरकार ने यह भी कहा है कि लॉकडाउन वाले इलाकों में सार्वजनिक परिवहन भी बंद रहेगा। इसके अलावा कंपनी और फैक्ट्री भी बंद रहेंगी। हालांकि, खाने की आपूर्ति और सार्वजनिक सेवाएं जारी रहेंगी। इसके अलावा गैर-जरूरी माने गए दफ्तरों और कारोबार भी बंद रहेंगे।

कोरोना की बगड़ती स्थिति को देखते हुए खबरें आई थी कि लोग घबरा कर खरीदारी कर रहे हैं। ऐसे में सुपरमार्केट में मौजूद खाने-पीने और घर की जरूरतों का सामान साफ हो गया है।

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पाकिस्तान को लेकर वॉट्सऐप स्टेटस पर कर्नाटक की महिला गिरफ्तार, जानें क्या लिखा था

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कर्नाटक से एक ऐसा मामला सामने आया है जहां एक महिला को पुलिस ने ‘आपत्तिजनक व्हाट्सऐप स्टेटस’ लगाने के चलते गिरफ्तार किया है। महिला पर आरोप है कि उसने व्हाट्सऐप पर पाकिस्तान के बारे में कुछ ऐसा लिखा था जिसके चलते दो समूहों के बीच घृणा भड़क सकती थी। हालांकि महिला को अगले ही दिन जमानत पर रिहा कर दिया गया। महिला को तब गिरफ्तार किया गया था जब उसके खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई थी।

दरअसल, यह घटना कर्नाटक के बागलकोट जिले की है। यहां की एक 25 वर्षीय महिला को सोमवार को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। महिला का नाम कुठमा शेख है, वह मुधोल की रहने वाली है और पड़ोस के मदरसे की छात्रा है। महिला को कथित तौर पर एक व्हाट्सऐप स्टेटस पोस्ट करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। महिला पर आरोप है कि उसने पाकिस्तान को उसके गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं दी हैं।

एक पुलिस अधिकारी ने बताया है कि महिला ने 23 मार्च को पाकिस्तान के गणतंत्र दिवस पर अपने व्हाट्सऐप स्टेटस पर उर्दू में लिखा, ‘अल्लाह हर मुल्क में इत्तिहाद, अमन, सुकून, अता फरमा मौला।’ इसका अनुवाद है कि अल्लाह हर देश को शांति एकता और सद्भाव प्रदान करे। बताया गया कि अरुण कुमार भजंत्री नामक एक सामाजिक कार्यकर्ता ने मुधोल पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज की थी।

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इसके बाद 24 मार्च को महिला को गिरफ्तार किया था और अगले दिन जमानत दे दी गई थी। अपनी पुलिस रिपोर्ट में भजंत्री ने दावा किया कि महिला का उद्देश्य जातीय तनाव को भड़काना था। उन्होंने पुलिस से मांग की थी कि महिला पर राजद्रोह का आरोप लगाया जाए। फिलहाल पुलिस ने अपने बयान में बताया कि महिला को शांति और व्यवस्था बनाए रखने के लिए हिरासत में लिया गया था। 

पुलिस अधिकारी ने कहा कि महिला ने जो लिखा उसकी व्याख्या पाकिस्तान के गणतंत्र दिवस के जश्न के रूप में की जा सकती है। अगर हमने कार्रवाई नहीं की होती तो वहां विरोध फैल सकता था और दंगे भड़क सकते थे। हालांकि इस मामले पर एक वकील और RTI कार्यकर्ता भीमनागौड़ा पारागोंडा ने कहा, ‘पुलिस को गिरफ्तारी करने से पहले विवेक और निर्णय का उपयोग करना चाहिए। महिला पर लगाए गए आरोप अदालत में नहीं टिकेंगे ऐसे आरोप निर्दोष लोगों को परेशान करने जैसे लगते हैं।’

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पाकिस्तान के पीएम इमरान खान को लगेगा दोहरा झटका! पंजाब के मुख्यमंत्री की कुर्सी भी खतरे में

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पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को दोहरा झटका लगता दिख रहा है। एक तरफ विपक्ष आज संसद में उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने जा रहा है तो वहीं देश के सबसे बड़े सूबे पंजाब की सरकार पर भी संकट के बाद छाते दिख रहे हैं। विपक्षी दलों ने पंजाब के सीएम का उस्मान बुजदार का इस्तीफा मांगा है। यही नहीं उनके खिलाफ भी अविश्वास प्रस्ताव विपक्ष की ओर से पेश किया गया है। पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के सांसद समीउल्लाह खान ने कहा कि संयुक्त विपक्ष ने सोमवार को उस्मान बुजदार के खिलाफ भी अविश्वास प्रस्ताव पेश किया गया है। 

पंजाब पाकिस्तान का सबसे बड़ा सूबा है और केंद्र की सरकार बनाने के लिए इसे अहम माना जाता है। पंजाब में इमरान खान की तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी की तीन सालों से सरकार है, लेकिन उसके पास बहुमत से सिर्फ 12 विधायक ही ज्यादा हैं। ऐसे में सरकार को लेकर संकट की स्थिति पैदा हो सकती है। विपक्ष के नेताओं का दावा है कि उन्हें इमरान खान की पार्टी पीटीआई के 20 अंसतुष्ट नेताओं का समर्थन है। ऐसे में अविश्वास प्रस्ताव में पंजाब में पीटीआई की सरकार गिर सकती है। यही वजह है कि विपक्षी नेता इमरान खान सरकार के अलावा पंजाब पर भी फोकस कर रही है।

इमरान ने अपने से पहले के शासकों को बताया नालायक

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गौरतलब है कि आज पाकिस्तान की संसद में इमरान खान सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश होने वाला है। पाकिस्तान की संसद में कुल 342 सदस्य हैं, जिनमें से 172 सांसदों का समर्थन सत्ता में रहने के लिए जरूरी है। अविश्वास प्रस्ताव से पहले अपनी ताकत दिखाने के लिए इमरान खान ने इस्लामाबाद में एक बड़ी रैली भी की थी। इसमें उन्होंने कहा था कि इमरान खान आज तक किसी के आगे झुका नहीं है। मेरे शरीर में जब तक खून रहेगा, मैं किसी के आगे अपनी कौम को झुकने नहीं दूंगा। इमरान खान ने अपने से पहले पाकिस्तान में सत्ता संभालने वालों पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि हमारे देश की सत्ता संभालने वाले नालायक थे और इसी के चलते देश पीछे रह गया, जबकि हिन्दुस्तान आगे निकल गया।

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