हड़ताल से मचा हाहाकार:बरेली समेत पूरे मंडल में वाहन चालकों ने किया चक्का जाम,नए कानून का किया विरोध
बरेली।सड़क दुर्घटना पर नए कानून का विरोध उग्र होता जा रहा है।सरकार द्वारा सड़क हादसे पर बनाए गए नए कानून में चालक को 10 साल की सजा का प्रावधान किया है।वाहन चालक इसी का विरोध कर रहे हैं।इसी वजह से सोमवार को बरेली मंडल में वाहन चालकों ने हड़ताल शुरू कर दी,जिससे रोडवेज बसों समेत निजी सवारी वाहनों का चक्का जाम हो गया। हड़ताल से नए साल के पहले ही दिन लोगों को मुसीबतों का सामना करना पड़ा।
बरेली में वाहन चालकों की हड़ताल से नए साल के पहले दिन ही वाहनों के पहिए थम गए।लोगों को अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए इधर-उधर भटकना पड़ा। बिथरी थाना क्षेत्र में इनवर्टिस जीरो प्वाइंट पर एक चालक डीसीएम खड़ी करके चला गया, जिससे सड़क पर जाम लग गया। पुलिस ने वाहन को हटवाकर रास्ता खुलवाया। कुछ अन्य स्थानों पर भी जाम लगाया गया।
रोडवेज बस चालक भी हड़ताल हैं,जिससे बस अड्डे पर यात्रियों को अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए दिक्कतों को सामना करना पड़ा है।इस हड़ताल में ऑटो ई-रिक्शा चालक भी शामिल हो गए हैं,जिससे नए साल पर शहर में एक जगह से दूसरी जगह तक जाने के लिए लोगों को कड़ाके की ठंड में पसीने छूटते रहे।शाहजहांपुर में भी वाहन चालक हड़ताल पर चले गए हैं।
पीलीभीत में रविवार रात 12 बजे से निजी और सरकारी सभी चालक हड़ताल पर चले गए। सुबह रोडवेज बस अड्डे से बसों को निकालकर चालकों ने बीएसए कार्यालय के बाहर सड़क, पेट्रोल पंप तक आड़ा तिरछा खड़ा कर दिया और विरोध प्रदर्शन किया।
चालकों का कहना था कि इस कानून से तो गाड़ी चलाना ही मुश्किल हो जाएगा। कोई भी जानबूझकर टक्कर नहीं मारता। इसके अलावा टाटा मैजिक, इको आदि डग्गामार गाड़ियां भी नहीं चलीं। इससे लोगों का आने-जाने के लिए कोई वाहन नहीं मिल सका। लोग जहां थे वहीं फंसे रह गए। पूरनपुर, बीसलपुर आदि जगहों से लोग मुख्यालय तक नहीं आ सके।
बदायूं जिले में भी वाहन चालकों ने हड़ताल शुरू कर दी। रोडवेज और निजी बसों के चालकों ने धरना प्रदर्शन किया। चालकों की हड़ताल से यातायात व्यवस्था पर बुरा प्रभाव पड़ा है। तमाम यात्रियों को दिक्कत हुई। यात्रियों को अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए वाहन नहीं मिले।बस अड्डे पर लोग वाहनों की तलाश में इधर-उधर भटकते हुए नजर आए।ट्रेनों में अचानक दबाव बढ़ गया है।