दिल्ली एयरपोर्ट पर हादसे की वजह से इंडिगो के कुल 21690 यात्री अभी तक प्रभावित हुए हैं। इनमें से 12194 यात्रियों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की गई है। 9,431 यात्रियों ने अपना टिकट निरस्त कर दिया।
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इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट के टर्मिनल-1डी की छत ढहने के हादसे के चार दिन बाद भी यात्रियों की परेशानी कम होने का नाम नहीं ले रही है। विमानों का न केवल टर्मिनल बदल दिया गया है, बल्कि समय और उड़ान संख्या भी बदलने से यात्रियों की दिक्कतें बढ़ गई हैं। हालांकि उनकी समस्या को ध्यान में रख एक वॉर रूम तैयार किया गया है, जहां से उड़ानों के संचालन और यात्रियों की आवागमन पर नजर रखी जा रही है।
इस हादसे की वजह से इंडिगो के कुल 21690 यात्री अभी तक प्रभावित हुए हैं। इनमें से 12194 यात्रियों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की गई है। 9,431 यात्रियों ने अपना टिकट निरस्त कर दिया। इंडिगो की तरफ से बताया गया कि टर्मिनल-1 से 72 उड़ानें सूचीबद्ध थी। इनमें 71 विमानों को टर्मिनल-3 और टर्मिनल-2 पर स्थानांतरित किया गया है। टर्मिनल-1 से संचालित होने वाले स्पाइसजेट के विमान की बात करें तो कुल 925 यात्री प्रभावित हुए है। इनमें से 250 यात्रियों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की गई। 535 यात्रियों को अप्रत्यक्ष तरीके से रिफंड किया गया।
टर्मिनल-1 पहले टर्मिनल 1-डी के नाम से जाना जाता था
अतिरिक्त कर्मियों की तैनाती
टर्मिनल-1 से विमानों का संचालन प्रभावित होने की वजह से टर्मिनल-2 व टर्मिनल-3 पर यात्रियों का दबाव बढ़ गया है। एयरपोर्ट पर यात्रियों की परेशानी इस वजह से बढ़ी हुई है। विमानों की जानकारी वाले लाइव एलसीडी स्क्रीन पर अपने-अपने विमानों की स्थिति जानने के लिए यात्रियों को निगाह गड़ानी पड़ रही है। अधिकारियों के साथ बैठक के बाद अतिरिक्त कर्मियों को तैनात करने के निर्देश जारी किया गया है। निर्बाध संचालन सुनिश्चित करने और यात्री सुरक्षा को प्राथमिकता देने के लिए कठोर मानकों को बनाए रखने की सलाह दी गई।
उड्डयन मंत्री नायडू ने किया कामकाज का निरीक्षण
दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय (आईजीआई) हवाई अड्डे की कैनोपी गिरने के बाद सोमवार को केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री के. राममोहन नायडू कामकाज का जायजा लेने पहुंचे। इससे पहले नायडू ने रविवार को नागरिक उड्डयन मंत्रालय, डीजीसीए, बीसीएएस, डायल और एयरलाइन ऑपरेटरों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में टर्मिनल-1 से 3 तक उड़ानों के स्थानांतरण के बाद मौजूदा परिचालन और यात्री प्रबंधन की समीक्षा की गई। इसके अलावा एक व्यापक मूल्यांकन किया गया, जिसमें सुचारू संचालन और बढ़ते यात्री प्रवाह के प्रबंधन के लिए अतिरिक्त जनशक्ति तैनाती पर विचार किया गया। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सभी हितधारकों को निर्बाध संचालन सुनिश्चित करने और यात्री सुरक्षा को प्राथमिकता देने के लिए कठोर मानकों को बनाए रखने की सलाह दी है।