Thursday, November 21, 2024

उत्तर प्रदेश में हाइब्रिड कारें सस्ती: पंजीकरण शुल्क शून्य, कीमतें घटीं

यह भी पढ़े

नेशनल डेस्क: उत्तर प्रदेश में हाइब्रिड कार खरीदना अब सस्ता हो गया है। राज्य सरकार के पंजीकरण शुल्क शून्य करने के फैसले के बाद हाइब्रिड कारों की कीमतें लाख रुपये तक घट गई हैं। यह कदम स्वच्छ तकनीक को बढ़ावा देने के उद्देश्य से योगी आदित्यनाथ सरकार ने उठाया है, जिससे पेट्रोल, डीजल और बैटरी से चलने वाली हाइब्रिड कारों की कीमतें कम हो गई हैं।

हाइब्रिड कारों की बिक्री में इजाफा
वाहन उद्योग के सूत्रों के अनुसार, इस फैसले के बाद हाइब्रिड कारों की बिक्री में इजाफा होने की उम्मीद है। वित्त वर्ष 2024 में उत्तर प्रदेश में हाइब्रिड कारों की बिक्री में लगातार बढ़ोतरी देखी गई है। 2022 में हाइब्रिड कारों की बिक्री 71.88% थी, जो 2023 में 68.31% और 2024 में 62.98% हो गई।

पंजीकरण शुल्क में छूट
राज्य सरकार ने हाइब्रिड वाहनों को इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) के बराबर रखते हुए पंजीकरण शुल्क में छूट देने का निर्देश दिया है। पहले ईवी का पंजीकरण मुफ्त होता था, लेकिन 10 लाख रुपये से कम के स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड वाहनों पर 8% और इससे अधिक कीमत के वाहनों पर 10% पंजीकरण शुल्क लगता था। अब यह शुल्क हटने से हाइब्रिड कारों की एक्स-शोरूम कीमतें करीब 10% तक कम हो गई हैं।

 प्रमुख कार निर्माता कंपनियां
मारुति सुजुकी इंडिया और टोयोटा किर्लोस्कर हाइब्रिड कार बाजार में प्रमुख खिलाड़ी हैं। राज्य सरकार के इस फैसले के बाद, मारुति ग्रैंड विटारा की कीमत करीब 2 लाख रुपये और मारुति इनविक्टो की कीमत करीब 3 लाख रुपये घट गई है। उत्तर प्रदेश में ग्रैंड विटारा और इनविक्टो की एक्स-शोरूम कीमत 10.99 लाख रुपये से 25.21 लाख रुपये के बीच है।

इलेक्ट्रिक कार बाजार पर असर
सूत्रों का कहना है कि हाइब्रिड कारों पर पंजीकरण शुल्क माफ किए जाने से उत्तर प्रदेश में इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री पर भी असर पड़ सकता है। 2023 में नोएडा में 900 इलेक्ट्रिक कारें बिकी थीं, और यह शहर देश के शीर्ष 20 इलेक्ट्रिक कार बाजारों में शामिल था। हालांकि, चार्जिंग पॉइंट की कमी और अन्य चुनौतियों के कारण इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में इजाफा सुस्त रहा है।

हाइब्रिड वाहनों का भविष्य
भारत ने 2070 तक कार्बन शून्य का लक्ष्य हासिल करने का फैसला किया है। वाहन निर्माता कंपनियों के बीच इस लक्ष्य को लेकर मतभेद हैं। मारुति सुजुकी और टोयोटा हाइब्रिड वाहनों पर कर कटौती के लिए दबाव बना रही हैं, और उनका कहना है कि ईवी अकेले उत्सर्जन में कमी का बोझ नहीं उठा सकती हैं। उत्तर प्रदेश सरकार के इस फैसले से हाइब्रिड कारों की बिक्री में वृद्धि की उम्मीद है, जिससे राज्य में स्वच्छ तकनीक का प्रोत्साहन मिलेगा।

- Advertisement -
Ads

ट्रेंडिंग न्यूज़

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Advertisement

अन्य खबरे