Hardoi News: उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में मंगलवार रात अधिवक्ता की उनके घर में अज्ञात शूटरों द्वारा गोली मारकर हत्या करने के मामले में समाजवादी पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष समेत 5 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। वहीं, एक शूटर को पुलिस ने मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किया है। प्रारंभिक पूछताछ में अधिवक्ता की हत्या प्रॉपर्टी विवाद में बात सामने आयी और हत्या की पृष्ठभूमि 2011 से बन रही थी जिसके चलते 4 लाख रुपये की डील हुई थी हत्या की और 1 लाख 40 हजार नगद लिया जा चुका था। कल सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी सपा जिलाध्यक्ष को लेकर सदन में बयान दिया था। घटना का खुलासा एसपी नीरज जादौन ने किया। सपा जिलाध्यक्ष का आपराधिक इतिहास है और इसके विरुद्ध हत्या जैसे 27 मुकदमे पहले से दर्ज है।
दरअसल 30 जुलाई को शहर कोतवाली इलाके में लखनऊ रोड पर फौजदारी के सीनियर अधिवक्ता कनिष्क मेहरोत्रा की गोली मारकर हत्या की गयी थी।कनिष्क मेहरोत्रा की उस समय हत्या कर दी गई थी जब वह अपने घर पर मौजूद थे। उसी समय दो युवकों ने शादी करने के बहाने उनको उनके घर में उनके मुंशी के जरिये चेंबर में बुलाकर कनपटी पर गोली मार दी थी। इस मामले में मृतक अधिवक्ता के भाई द्वारा तीन अज्ञात शूटरों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया गया था। अधिवक्ता की हत्या के बाद वकीलों ने प्रदर्शन करके पुलिस को 2 दिन की मोहलत दी थी और आईजी रेंज प्रशांत कुमार भी मौके पर आये थे। इसके अलावा कांग्रेस के प्रदेश अध्य्क्ष अजय राय ने भी गुरवार को अधिवक्ता के परिवार से मुलाक़ात की थी।
शराब के ठेके पर मिली शूटरों की तस्वीर
पुलिस के मुताबिक अधिवक्ता के घर के बाहर लगे सीसीटीवी में दो व्यक्तियों की तस्वीरें कैद हुई थी। जिसके बाद पुलिस अन्य इलाकों में लगे सीसीटीवी की जांच करने में लगी थी। पुलिस की जांच के दौरान एक शराब के ठेके पर इन शूटरों की तस्वीर पुलिस ने ट्रेस की इसके बाद मोबाइल सर्विलांस के जरिए इनके बारे में जानकारी जुटाई गयी और आरोपियों की लोकेशन ट्रेस की जा रही थी।
इस घटना में शामिल समाजवादी पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष वीरेंद्र यादव वीरे निवासी बरगदा पुरवा अरवल,आदित्य भान सिंह निवासी सराय थोक पश्चिमी शिखर गुप्ता पुत्र राकेश कुमार धर्मशाला रोड व नृपेन्द्र त्रिपाठी पुत्र रामकृष्ण निवासी रामनगर कालोनी शहर कोतवाली को गिरफ्तार किया गया।एसपी ने बताया कि मृतक अधिवक्ता जन्म से जिस मकान में रहते थे। उसको खाली कराये जाने के लिए यह लोग 2011 से पृष्ठभूमि तैयार कर रहे थे और रानू महावत जो कि आदित्य के साथ मिलकर डेयरी चला चुका था उसने डील कराई थी।बयाना के नाम पर 1 लाख 40 हजार रुपये दिए जा चुके थे एडवांस में बाकी काम होने के बाद दिए जाने थे। इस घटना के खुलासे के लिए 7 टीमें लगी थी राजवीर,लल्ला,रामू फरार है और उनकी भी गिरफ्तारी के प्रयास किया जा रहे हैं।